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मानव तस्करी का मामले में अभियुक्तों की 8 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर - लखनऊ समाचार

लखनऊ में एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध मुल्जिम मिथुन मंडल, पिन्टू दास उर्फ शाओन अहमद, रोनी पॉल उर्फ मोमीनूर इस्लाम व बापी रॉय उर्फ मेहंदी हसन को आठ दिन के लिए एटीएस की कस्टडी मे सौंपने का आदेश दिया है.

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Published : Oct 28, 2021, 10:30 PM IST

लखनऊ: एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध मुल्जिम मिथुन मंडल, पिन्टू दास उर्फ शाओन अहमद, रोनी पॉल उर्फ मोमीनूर इस्लाम व बापी रॉय उर्फ मेहंदी हसन को आठ दिन के लिए एटीएस की कस्टडी मे सौंपने का आदेश दिया है. इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि की 29 अक्टूबर की सुबह 11 बजे से शुरू होगी. उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक सूर्य प्रकाश शुक्ल की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया.

26 अक्टूबर, 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक भारत भूषण तिवारी ने दर्ज कराई थी. इसके बाद अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इनके पास से कुटरचित पासपोर्ट, आधार कार्ड व विदेशी मुद्रा आदि बरामद हुआ था. विवेचक ने अर्जी पेश कर मुल्जिमों का 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी थी. उनका कहना था कि विवेचना के क्रम में यह पता लगाना है कि मुल्जिमों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के किस स्थान से और किस तरह भारत में प्रवेश किया.

पुलिस जानना चाहती है कि इनके द्वारा जिन व्यक्तियों का दिल्ली एयरपोर्ट व पश्चिम बंगाल में जाली भारतीय दस्तावेज बनवाए गए हैं. उसके संबध में पूछताछ करनी है. फर्जी दस्तावेज बनाने में इनकी सहायता करने वालों की शिनाख्त करनी है. इनको शरण देने वालों का भी चिन्हित करना है. ये मानव तस्करी किन-किन स्थानों से करते हैं, उसकी शिनाख्त करानी है. इसका उद्देश्य क्या है, पता लगाना है. इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं. पता लगाना है. इनके नेटवर्क की कार्यप्रणाली की जानकारी लेनी है. इनसे बरामद मोबाइल फोन के डेटा से प्राप्त होने वाले साक्ष्य को खोजना है. इनके बैंक खातों का विश्लेषण करना है.

ये भी पढ़ें- चाचा शिवपाल की भतीजे अखिलेश को नसीहत, सीएम बनना है तो पहले करनी होगी गठबंधन की पहल

पुलिस पता लगाना चाहती है कि विदेशी मुद्रा कहां से प्राप्त की गयी और किसने मुहैया कराया. इस संदर्भ में भी कार्रवाई करनी है. इन्होंने फर्जी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट कहां से और किसकी सहायता से बनवाई गई, यह भी पता लगाना है. इसके लिए इन्हें दिल्ली, कोलकाता व चंडीगढ़ आदि स्थानों पर ले जाना है.

लखनऊ: एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध मुल्जिम मिथुन मंडल, पिन्टू दास उर्फ शाओन अहमद, रोनी पॉल उर्फ मोमीनूर इस्लाम व बापी रॉय उर्फ मेहंदी हसन को आठ दिन के लिए एटीएस की कस्टडी मे सौंपने का आदेश दिया है. इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि की 29 अक्टूबर की सुबह 11 बजे से शुरू होगी. उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक सूर्य प्रकाश शुक्ल की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया.

26 अक्टूबर, 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक भारत भूषण तिवारी ने दर्ज कराई थी. इसके बाद अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इनके पास से कुटरचित पासपोर्ट, आधार कार्ड व विदेशी मुद्रा आदि बरामद हुआ था. विवेचक ने अर्जी पेश कर मुल्जिमों का 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी थी. उनका कहना था कि विवेचना के क्रम में यह पता लगाना है कि मुल्जिमों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के किस स्थान से और किस तरह भारत में प्रवेश किया.

पुलिस जानना चाहती है कि इनके द्वारा जिन व्यक्तियों का दिल्ली एयरपोर्ट व पश्चिम बंगाल में जाली भारतीय दस्तावेज बनवाए गए हैं. उसके संबध में पूछताछ करनी है. फर्जी दस्तावेज बनाने में इनकी सहायता करने वालों की शिनाख्त करनी है. इनको शरण देने वालों का भी चिन्हित करना है. ये मानव तस्करी किन-किन स्थानों से करते हैं, उसकी शिनाख्त करानी है. इसका उद्देश्य क्या है, पता लगाना है. इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं. पता लगाना है. इनके नेटवर्क की कार्यप्रणाली की जानकारी लेनी है. इनसे बरामद मोबाइल फोन के डेटा से प्राप्त होने वाले साक्ष्य को खोजना है. इनके बैंक खातों का विश्लेषण करना है.

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पुलिस पता लगाना चाहती है कि विदेशी मुद्रा कहां से प्राप्त की गयी और किसने मुहैया कराया. इस संदर्भ में भी कार्रवाई करनी है. इन्होंने फर्जी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट कहां से और किसकी सहायता से बनवाई गई, यह भी पता लगाना है. इसके लिए इन्हें दिल्ली, कोलकाता व चंडीगढ़ आदि स्थानों पर ले जाना है.

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