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जानिये देश और समाज के लिये जीवन समर्पित करने वाले अजय कुमार बिष्ट से योगी बनने तक की कहानी - राम मंदिर आंदोलन

शहर में जगह-जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व आश्रम के जन्मदिन के अवसर पर बधाइयों के होर्डिंग लगे. समर्थकों ने मुख्यमंत्री को बधाई देने की शुरुआत की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Jun 4, 2022, 10:43 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व आश्रम का जन्मदिन रविवार को मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अजय कुमार बिष्ट हुआ करते थे, तब उन्होंने अपना अंतिम संस्कार करके नाथ संप्रदाय की दीक्षा ली थी महंत गुरु अवैध नाथ को अपना गुरु मानते हुए उन्होंने संन्यास आश्रम का व्रत लिया और खुद को राष्ट्र और समाज के प्रति अर्पित कर दिया. मुख्यमंत्री योगी होने के नाते अब औपचारिक तौर पर अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं, लेकिन उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री को बधाई देने की शुरुआत कर दी है. शहर में जगह-जगह योगी आदित्यनाथ के पूर्व आश्रम के जन्मदिन के अवसर पर बधाइयों के होर्डिंग लग गए हैं.

5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में ही होंगे. जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यक्रम होगा. आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में हुआ था. इनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है जो कि गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बन गए. 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के मुख्यमंत्री बने थे.

गढ़वाल विश्वविद्यालय से की पढ़ाई : आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है. इनका जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ. पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है. इन्होंने सन् 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की.

अजय से योगी तक का सफर : योगी आदित्यनाथ छात्र जीवन में ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे. 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान ही उनकी मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से हुई थी. इसके बाद योगी आदित्यनाथ अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर पहुंच गए और संन्यासी बनने का निर्णय लिया. महंत अवैद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को शिक्षा दी और उन्हें योगी आदित्यनाथ बना दिया.


26 की उम्र में बने सांसद : गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया. गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार चुनकर संसद आए. इसी सीट से योगी आदित्यनाथ 1998 में महज 26 की उम्र में जीतकर लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 5 बार (1998, 1999, 2004, 2009 और 2014) गोरखपुर सीट से सांसद बने.

ये भी पढ़ें : दर्शन के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, किए गए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम



मजबूत इरादों के साथ यूपी का नेतृत्व : 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला और जीत का श्रेय योगी आदित्यनाथ को गया. 19 मार्च 2017 को 45 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और तभी से वे मजबूत इरादों के साथ उत्तर प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व आश्रम का जन्मदिन रविवार को मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अजय कुमार बिष्ट हुआ करते थे, तब उन्होंने अपना अंतिम संस्कार करके नाथ संप्रदाय की दीक्षा ली थी महंत गुरु अवैध नाथ को अपना गुरु मानते हुए उन्होंने संन्यास आश्रम का व्रत लिया और खुद को राष्ट्र और समाज के प्रति अर्पित कर दिया. मुख्यमंत्री योगी होने के नाते अब औपचारिक तौर पर अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं, लेकिन उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री को बधाई देने की शुरुआत कर दी है. शहर में जगह-जगह योगी आदित्यनाथ के पूर्व आश्रम के जन्मदिन के अवसर पर बधाइयों के होर्डिंग लग गए हैं.

5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में ही होंगे. जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यक्रम होगा. आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में हुआ था. इनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है जो कि गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बन गए. 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के मुख्यमंत्री बने थे.

गढ़वाल विश्वविद्यालय से की पढ़ाई : आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है. इनका जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ. पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है. इन्होंने सन् 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की.

अजय से योगी तक का सफर : योगी आदित्यनाथ छात्र जीवन में ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे. 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान ही उनकी मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से हुई थी. इसके बाद योगी आदित्यनाथ अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर पहुंच गए और संन्यासी बनने का निर्णय लिया. महंत अवैद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को शिक्षा दी और उन्हें योगी आदित्यनाथ बना दिया.


26 की उम्र में बने सांसद : गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया. गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार चुनकर संसद आए. इसी सीट से योगी आदित्यनाथ 1998 में महज 26 की उम्र में जीतकर लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 5 बार (1998, 1999, 2004, 2009 और 2014) गोरखपुर सीट से सांसद बने.

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मजबूत इरादों के साथ यूपी का नेतृत्व : 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला और जीत का श्रेय योगी आदित्यनाथ को गया. 19 मार्च 2017 को 45 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और तभी से वे मजबूत इरादों के साथ उत्तर प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं.

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