लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने 92 हजार के रिश्वत लेने के मामले में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के तत्कालीन एरिया मैनेजर सिद्धार्थ शेखर गौतम को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कानपुर में तैनात रहे इस अभियुक्त को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही इस पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
चार दिसंबर, 2012 को अभियुक्त के खिलाफ मेसर्स आरबी किसान केंद्र प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर के मैनेजर रामेश्वर लाल ने शिकायत दर्ज कराई थी. अभियुक्त एफसीआई से 2650 मीट्रिक टन गेहूं का रिलीज आर्डर जारी करने के एवज में 35 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से रिश्वत मांग रहा था. उनकी इस शिकायत पर सीबीआई की टीम ने इसे रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
अवर अभियंता को कोर्ट ने किया डिस्चार्ज : वहीं एक अन्य मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव कुमार ने रिश्वत लेने के अभियुक्त व सीतापुर की लहरपुर नगर पालिका परिषद में अवर अभियंता रहे आफताब अहमद की डिस्चार्ज अर्जी मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में अभियुक्त के विरुद्ध विभागीय जांच हुई थी. जांच में उसे दोषमुक्त किया गया है. ऐसी परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्था के तहत उसी मामले में दांडिक कार्यवाही चलाना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.
नौ जनवरी, 2019 को आफताब अहमद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आफताब ने शिकायतकर्ता अशफाक खान से नगर पालिका परिषद में किए गए कार्यों का भुगतान करने के एवज में 22 प्रतिशत की रिश्वत मांगी थी. विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्त आफताब की इस अर्जी पर वकील प्रांशु अग्रवाल ने बहस की.
उनका कहना था कि अभियुक्त के विरुद्ध विभागीय जांच में इस आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी थी. उनका यह भी तर्क था कि शिकायतकर्ता द्वारा जिस चेक के एवज में रिश्वत लेने का आरोप अभियुक्त पर लगाया गया, वास्तव में वह चेक शिकायत करने से पहले ही प्राप्त कर चुका था.
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