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सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की विधानसभा स्वास्थ्य शिविर में लगी ड्यूटी, मरीज परेशान

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Published : Sep 20, 2022, 7:53 PM IST

सिविल अस्पताल (civil hospital) के डॉक्टरों की ड्यूटी तीन दिन के लिए विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) में स्वास्थ्य शिविर में लगी है. जिसमें लगभग सभी विभाग के 25 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. स्टाफ व डॉक्टरों समेत कुल 50 की ड्यूटी सचिवालय में लगाई गई है.

सिविल अस्पताल
सिविल अस्पताल

लखनऊ : सिविल अस्पताल (civil hospital) के डॉक्टरों की ड्यूटी तीन दिन के लिए विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) में लगे स्वास्थ्य शिविर में लगी है. जिसमें लगभग सभी विभाग के 25 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. स्टाफ व डॉक्टरों समेत कुल 50 की ड्यूटी सचिवालय में लगाई गई है. मौजूदा वक्त में सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. विभाग में एक ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर है. ऐसे में प्रदेश के अन्य छोटे जिलों से इलाज के लिए आए तीमारदार अपने मरीज को नहीं दिखा पा रहे हैं. अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की संख्या अधिक है. ज्यादातर मरीज रेफर होकर आते हैं. वहीं सिविल अस्पताल की हर ओपीडी में करीब 200 से 250 मरीज इलाज के लिए पहुंचे.

सिविल अस्पताल में पवन कुमार यादव ने बताया कि गैस्ट्रोलॉजी विभाग में दिखाने के लिए वह अयोध्या से आए हुए हैं. पेट में काफी दर्द होता है. सबसे पहले अयोध्या अस्पताल से राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया. जिसके बाद लोहिया अस्पताल में बेड खाली नहीं होने के चलते सिविल अस्पताल के लिए रेफर किया गया, लेकिन यहां पर सुबह से आए हुए हैं. अस्पताल की ओपीडी में कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है. इस कारण अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह भी इस समय अस्पताल में नहीं हैं. बाहर खड़े स्टाफ बता रहे हैं कि वह चार बजे तक आएंगे, तब तक इंतजार ही करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि काफी ज्यादा दिक्कत परेशानी हो रही है. इसलिए अयोध्या से चलकर हम यहां इलाज के लिए आए हुए हैं, लेकिन यहां पर भी शाम तक इलाज नहीं मिल पाएगा.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बाराबंकी से सिविल अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर को दिखाना है, लेकिन ओपीडी नहीं चल रही है. जिसके कारण थोड़ी समस्या परेशानी हो रही है. बाराबंकी से सुबह 9 बजे लखनऊ आए हैं. इसके बाद अस्पताल पहुंचे. ओपीडी में देख रहे हैं तो कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. सीएमएस के पास पहुंचे तो वहां पर भी डॉक्टर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लग रहा है कि आज डॉक्टर नहीं मिलेंगे. क्योंकि काफी समय से इंतजार कर रहे हैं, केवल कर्मचारी ही यहां पर हैं.

विकास नगर लखनऊ की पद्मावती शर्मा सिविल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. राजेश श्रीवास्तव को दिखाने के लिए मंगलवार को ओपीडी पहुंची. वह शुगर की मरीज हैं. उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले अस्पताल की ओपीडी में आकर डॉक्टर से परामर्श लिया था, जिसके बाद उन्होंने 15 दिन की दवा लिखी थी. 15 दिन बाद जब आज आए हैं तो मौके पर डॉक्टर ओपीडी में नहीं हैं. सुबह 9 बजे से 1 बजे तक अस्पताल में आए हैं. फिलहाल तो दिखाने के लिए इंतजार कर रहे हैं, कोई भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं है.

25 डॉक्टरों की ड्यूटी : सचिवालय में स्वास्थ्य शिविर के लिए सभी विभाग से 25 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. सभी विभागों में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर है इसके अलावा अन्य ट्रेनी दवा और स्टाफ है. सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी सचिवालय में लगे होने के कारण जो मरीज अस्पताल में दिखाने के लिए आ रहे हैं उन्हें हताश होकर वापस लौटना पड़ा है. ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो प्रदेश के अन्य छोटे जिलों से आए हुए हैं. जहां से उन्हें सिविल अस्पताल रेफर किया गया है, लेकिन सिविल अस्पताल आने के बाद यहां पर उन्हें कोई देखने वाला नहीं है. कोई उनकी बात सुनने वाला नहीं है.

सिविल अस्पताल में लगभग सभी डॉक्टरों की ड्यूटी सचिवालय में लगी है. अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा और सीएमएस डॉ आरपी सिंह दोनों ही स्पेशलिस्ट सर्जन हैं. सर्जरी विभाग में इनके अलावा ट्रेनी सर्जन और रेजिडेंट सर्जन हैं. दोनों ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर के उपस्थित न रहने पर करीब एक दर्जन से अधिक ऑपरेशन को तीन दिनों के लिए टाल दिया गया है. हालांकि छोटे-मोटे ऑपरेशन रेजिडेंट व ट्रेनी डॉक्टर कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं जो तीमारदार हैं वह अपने मरीज को लेकर काफी ज्यादा परेशान हैं.


यह भी पढ़ें : सपा विधायकों की पदयात्रा पर केशव प्रसाद मौर्य ने कसा तंज, कहा-हिंसा फैलाने की थी कोशिश

सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा ने कहा कि तीन दिन के लिए सचिवालय में स्वास्थ्य शिविर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. जहां पर माननीयों का हेल्थ चेकअप डॉक्टर्स कर रहे हैं. साल में एक बार सचिवालय में सदस्यों की जांच होती है. जूनियर डॉक्टर अस्पताल में सर्जरी के लिए मौजूद हैं. वही बीच-बीच में डॉक्टर्स इमरजेंसी होने पर अस्पताल पहुंच जाते हैं. गुरुवार से ओपीडी यथावत चलेगी. मरीज अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे.

यह भी पढ़ें : विधानसभा सदन में धरने पर बैठे सपा विधायक

लखनऊ : सिविल अस्पताल (civil hospital) के डॉक्टरों की ड्यूटी तीन दिन के लिए विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) में लगे स्वास्थ्य शिविर में लगी है. जिसमें लगभग सभी विभाग के 25 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. स्टाफ व डॉक्टरों समेत कुल 50 की ड्यूटी सचिवालय में लगाई गई है. मौजूदा वक्त में सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. विभाग में एक ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर है. ऐसे में प्रदेश के अन्य छोटे जिलों से इलाज के लिए आए तीमारदार अपने मरीज को नहीं दिखा पा रहे हैं. अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की संख्या अधिक है. ज्यादातर मरीज रेफर होकर आते हैं. वहीं सिविल अस्पताल की हर ओपीडी में करीब 200 से 250 मरीज इलाज के लिए पहुंचे.

सिविल अस्पताल में पवन कुमार यादव ने बताया कि गैस्ट्रोलॉजी विभाग में दिखाने के लिए वह अयोध्या से आए हुए हैं. पेट में काफी दर्द होता है. सबसे पहले अयोध्या अस्पताल से राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया. जिसके बाद लोहिया अस्पताल में बेड खाली नहीं होने के चलते सिविल अस्पताल के लिए रेफर किया गया, लेकिन यहां पर सुबह से आए हुए हैं. अस्पताल की ओपीडी में कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है. इस कारण अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह भी इस समय अस्पताल में नहीं हैं. बाहर खड़े स्टाफ बता रहे हैं कि वह चार बजे तक आएंगे, तब तक इंतजार ही करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि काफी ज्यादा दिक्कत परेशानी हो रही है. इसलिए अयोध्या से चलकर हम यहां इलाज के लिए आए हुए हैं, लेकिन यहां पर भी शाम तक इलाज नहीं मिल पाएगा.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बाराबंकी से सिविल अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर को दिखाना है, लेकिन ओपीडी नहीं चल रही है. जिसके कारण थोड़ी समस्या परेशानी हो रही है. बाराबंकी से सुबह 9 बजे लखनऊ आए हैं. इसके बाद अस्पताल पहुंचे. ओपीडी में देख रहे हैं तो कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. सीएमएस के पास पहुंचे तो वहां पर भी डॉक्टर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लग रहा है कि आज डॉक्टर नहीं मिलेंगे. क्योंकि काफी समय से इंतजार कर रहे हैं, केवल कर्मचारी ही यहां पर हैं.

विकास नगर लखनऊ की पद्मावती शर्मा सिविल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. राजेश श्रीवास्तव को दिखाने के लिए मंगलवार को ओपीडी पहुंची. वह शुगर की मरीज हैं. उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले अस्पताल की ओपीडी में आकर डॉक्टर से परामर्श लिया था, जिसके बाद उन्होंने 15 दिन की दवा लिखी थी. 15 दिन बाद जब आज आए हैं तो मौके पर डॉक्टर ओपीडी में नहीं हैं. सुबह 9 बजे से 1 बजे तक अस्पताल में आए हैं. फिलहाल तो दिखाने के लिए इंतजार कर रहे हैं, कोई भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं है.

25 डॉक्टरों की ड्यूटी : सचिवालय में स्वास्थ्य शिविर के लिए सभी विभाग से 25 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. सभी विभागों में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर है इसके अलावा अन्य ट्रेनी दवा और स्टाफ है. सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी सचिवालय में लगे होने के कारण जो मरीज अस्पताल में दिखाने के लिए आ रहे हैं उन्हें हताश होकर वापस लौटना पड़ा है. ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो प्रदेश के अन्य छोटे जिलों से आए हुए हैं. जहां से उन्हें सिविल अस्पताल रेफर किया गया है, लेकिन सिविल अस्पताल आने के बाद यहां पर उन्हें कोई देखने वाला नहीं है. कोई उनकी बात सुनने वाला नहीं है.

सिविल अस्पताल में लगभग सभी डॉक्टरों की ड्यूटी सचिवालय में लगी है. अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा और सीएमएस डॉ आरपी सिंह दोनों ही स्पेशलिस्ट सर्जन हैं. सर्जरी विभाग में इनके अलावा ट्रेनी सर्जन और रेजिडेंट सर्जन हैं. दोनों ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर के उपस्थित न रहने पर करीब एक दर्जन से अधिक ऑपरेशन को तीन दिनों के लिए टाल दिया गया है. हालांकि छोटे-मोटे ऑपरेशन रेजिडेंट व ट्रेनी डॉक्टर कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं जो तीमारदार हैं वह अपने मरीज को लेकर काफी ज्यादा परेशान हैं.


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सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा ने कहा कि तीन दिन के लिए सचिवालय में स्वास्थ्य शिविर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. जहां पर माननीयों का हेल्थ चेकअप डॉक्टर्स कर रहे हैं. साल में एक बार सचिवालय में सदस्यों की जांच होती है. जूनियर डॉक्टर अस्पताल में सर्जरी के लिए मौजूद हैं. वही बीच-बीच में डॉक्टर्स इमरजेंसी होने पर अस्पताल पहुंच जाते हैं. गुरुवार से ओपीडी यथावत चलेगी. मरीज अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे.

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