लखनऊ: शिक्षक दिवस पर सीएम योगी ने लोकभवन में हुए कार्यक्रम में शिक्षकों को सम्मानित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आप सभी को हृदय से बधाई देता हूं. हमारा देश 5 सितंबर द्वितीय राष्ट्रपति महान शिक्षाविद, दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाते हैं. आधुनिक भारत के निर्माण के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है,आज़ाद भारत ने डॉ साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया था.
सीएम ने कहा कि जब दुनिया कोरोना के संकट में थी, तब भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यक्रम को लागू कर रहा था. आज एजुकेशन सेक्टर में जो काम हो रहे हैं, उससे भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने बेसिक माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए अपनी सरकार में किए गए सुधारों की भी चर्चा की. सीएम योगी ने कहा कि पांच साल पहले जब बीजेपी ने शासन संभाला था तब कई विद्यालय बंद होने के कागार पर थे. उनमें गंदगी का अंबार होता था. परीक्षा में नकल की शिकायतें आती थीं. सरकार ने नकलविहीन परीक्षा के लिए सख्ती की, इस कारण परिणाम बहुत खराब आए. इस प्रयास ने यूपी में नकलविहीन परीक्षा के लिए दशा और दिशा तय कर दी थी. इसके बाद बोर्ड एग्जाम में 56 लाख छात्रों ने परीक्षा दी. यूपी की नकलविहीन परीक्षा मिसाल बनी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दावा किया कि बीजेपी शासन में 2017 के बाद से यूपी में शिक्षकों की भर्तियां पारदर्शी तरीके से हुईं.
अपने भाषण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों की भर्ती और स्कूल चलो अभियान की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद में 1लाख 26 हजार और माध्यमिक शिक्षा में 40 हजार भर्तियां की हैं. कोरोना के दौरान तकनीकों के उपयोग के कारण प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था भी पटरी पर रही. स्कूल चलो अभियान आज 2016 के तुलना में एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. सीएम ने दावा किया कि ऑपरेशन कायाकल्प के कारण स्कूलों की हालत सुधरी है और स्कूलों में पेयजल, टॉयलेट, सोलर पैनल, लाइब्रेरी की सुविधाएं मौजूद हैं. निपुण भारत अभियान बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं.
राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों से सीएम ने और ज्यादा मेहनत करने की अपील की. उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों को राज्य पुरस्कार मिला है, उन्हें अब उससे ज्यादा काम करना होगा. राज्य अध्यापक पुरस्कार की खामियों पर चर्चा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले यह पुरस्कार ऐसे शिक्षकों को भी दिए जाते थे, जो स्कूल नहीं जाते थे. इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने नए मानक तय किए.
शिक्षा के लिए आगे की प्लानिंग बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि पांच वर्ष में सरकार ने बहुत काम किए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना है. अभी भी भर्ती होने वाले शिक्षकों को पता नहीं होता है कि उसकी तैनाती कहां होगी. इसके बारे में मंत्री और अफसर भी अनजान ही रहते हैं. सरकार ने पिछड़े रहे 100 विकास खंडों का चयन किया है, उन्हें मुख्यधारा में लाना है. शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया. इस मौके पर प्रवीण योजना के तहत राजकीय विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया.
इन पोर्टल का सीएम योगी ने किया शुभारंभ:
1. पहुंच: प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग के लिए पहुंच पोर्टल को विकसित किया गया है. इससे प्रदेश में कौन से स्कूल कहां स्थित हैं, शहर के नजदीक कितने स्कूल हैं और नया स्कूल बनाने के लिए कौन सी जगह ठीक रहेगी आदि की जानकारी पोर्टल में है. इससे माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक पारदर्शी होगी.
2. प्रज्ञान: छात्रों को पठन पाठन की सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई लाइब्रेरी पोर्टल और एप प्रज्ञान को बनाया गया है. विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘प्रज्ञान’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है. पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्टअप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है.
3. पंख: विद्यार्थियों के करियर गाइडेन्स के लिए इस पोर्टल को विकसित किया गया है. इसके जरिए कक्षा-10 और कक्षा-12 की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए किस विकल्प को चुने, इसकी जानकारी पोर्टल पर होगी. विद्यार्थी कॉलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इन्टर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह ले सकेंगे.
4. पहचान: यूपी बोर्ड की ओर से 20,941 स्ववित्त पोषित मान्यता प्राप्त, 4,512 सहायता प्राप्त और 2,357 राजकीय विद्यालयों की जानकारी के लिए हर विद्यालय का वेबपेज बनाया गया है, जो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस वेबपेज पर जन-सामान्य और अभिभावकों के लिए विद्यालय में छात्र पंजीकरण, स्टाफ विवरण, सुविधाएं, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, परीक्षा परिणाम और विशिष्ट उपलब्धि इत्यादि की जानकारी मौजूद है.
5. परखः किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं तथा विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के लिए ‘परख’ पोर्टल विकसित किया गया है. पोर्टल से प्रदेश में संचालित 2,357 राजकीय विद्यालयों में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य की प्रगति, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता का ऑनलाइन अनुश्रवण सम्भव होगा. विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं, जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी. प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी.
14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास: शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में यूपी, सीबीएसई, सीआईएससीई, उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा परिषद के मेधावी छात्रों के आठ प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया. इसके अलावा पांच पोर्टल पहुंच, पंख, प्रज्ञान, परख और पहचान का शुभारंभ किया. वहीं 39 नये हाईस्कूल और 14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास भी किया.