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सीएम योगी ने बढ़ाया यूपी पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल - लखनऊ समाचार हिंदी में

योगी सरकार ने बुधवार को पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल बढ़ा दिया है. सीएम ऑफिस से ट्वीट करके यह जानकारी दी गई. आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ाया गया है.

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यूपी पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल बढ़ा
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Published : Apr 20, 2022, 7:02 PM IST

लखनऊ: पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में गठित पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल एक वर्ष के लिए था. जो फरवरी 2021 में समाप्त हो गया था. सीएम योगी ने बुधवार को इस आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ा दिया है.

पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग प्रदेश की पुलिस व्यवस्था के विविध पहलुओं का अध्ययन कर रहा है. आयोग को पुलिस में सुधार के लिए सुझाव देने हैं. आयोग पुलिस बल की सेवा अवधि के दौरान प्रशिक्षण की आवश्यकताओं का चिह्नीकरण तथा उसके लिए ढांचा विकसित करना, प्रदेश की जनपद स्तरीय पुलिस लाइंस तथा थानों में आवासीय/अनावासीय सुविधाओं, स्वच्छ पेयजल तथा शौचालयों की उपलब्धता और उनका मानकीकरण, पुलिस बल की भर्ती एवं पदोन्नति की प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने को लेकर सरकार को सुझाव देता है.

ये भी पढ़ें- मुख्तार और अफजाल अंसारी की संपत्तियों की तलाश करेगा एलडीए, ईडी कसेगा शिकंजा


वहीं आयोग पुलिस की कार्यप्रणाली और उसकी आम छवि के समसामयिक आकलन के लिए व्यवस्था का विकास करना, पुलिस बल को अत्याधुनिक शस्त्रों व उपकरणों से सुसज्जित किया जाना, पुलिस बल में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान ढांचे की समीक्षा, पुलिस को आम जनता के प्रति जवाबदेह बनाने संबंधी सुझाव सरकार को देता है.

आयोग में सचिव गृह पद से रिटायर हुए मणि प्रसाद मिश्र और संस्थापक सदस्य और इंस्टीट्यूट फार कन्फ्लिक्फट मैनेजमेंट नई दिल्ली के अधिशासी निदेशक अजय साहनी को आयोग का सदस्य हैं. गृह (पुलिस) अनुभाग-10 के विशेष सचिव को आयोग का पदेन सचिव नियुक्त किया गया है.

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लखनऊ: पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में गठित पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल एक वर्ष के लिए था. जो फरवरी 2021 में समाप्त हो गया था. सीएम योगी ने बुधवार को इस आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ा दिया है.

पुलिस आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण आयोग प्रदेश की पुलिस व्यवस्था के विविध पहलुओं का अध्ययन कर रहा है. आयोग को पुलिस में सुधार के लिए सुझाव देने हैं. आयोग पुलिस बल की सेवा अवधि के दौरान प्रशिक्षण की आवश्यकताओं का चिह्नीकरण तथा उसके लिए ढांचा विकसित करना, प्रदेश की जनपद स्तरीय पुलिस लाइंस तथा थानों में आवासीय/अनावासीय सुविधाओं, स्वच्छ पेयजल तथा शौचालयों की उपलब्धता और उनका मानकीकरण, पुलिस बल की भर्ती एवं पदोन्नति की प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने को लेकर सरकार को सुझाव देता है.

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वहीं आयोग पुलिस की कार्यप्रणाली और उसकी आम छवि के समसामयिक आकलन के लिए व्यवस्था का विकास करना, पुलिस बल को अत्याधुनिक शस्त्रों व उपकरणों से सुसज्जित किया जाना, पुलिस बल में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान ढांचे की समीक्षा, पुलिस को आम जनता के प्रति जवाबदेह बनाने संबंधी सुझाव सरकार को देता है.

आयोग में सचिव गृह पद से रिटायर हुए मणि प्रसाद मिश्र और संस्थापक सदस्य और इंस्टीट्यूट फार कन्फ्लिक्फट मैनेजमेंट नई दिल्ली के अधिशासी निदेशक अजय साहनी को आयोग का सदस्य हैं. गृह (पुलिस) अनुभाग-10 के विशेष सचिव को आयोग का पदेन सचिव नियुक्त किया गया है.

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