लखनऊ: मिट्टी बचाओ आंदोलन का कारवां मंगलवार की शाम लखनऊ पहुंचा. सद्गुरू की अगुवाई में मिट्टी बचाओ कारवां कानपुर रोड स्थि तसीएमएस ऑडिटोरियम पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने मिट्टी बचाओ के नारे लगाए. साथ ही इस दौरान कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, मनोज कुमार सिंह, अवनीश कुमार अवस्थी, सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी भी मौजूद रहे.
इस दौरान सद्गुरु ने कहा कि रेत में ऑर्गेनिक तत्व मिलाकर रेत को मिट्टी बनाया जा सकता है. उसी तरह से यदि मिट्टी से सारे तत्व निकल जाएंगे तो मिट्टी भी रेत बन जाएगी. पूरे विश्व में मिट्टी के ऑर्गेनिक तत्व का लगातार दोहन किया जा रहा है. जिसके कारण मिट्टी से तत्वों की लगातार कमी हो रही है. फर्टिलाइजर, रासायनिक खाद, पेस्टिसाइड आदि का प्रयोग करके ज्यादा से ज्यादा फसल लेने के कारण मिट्टी में ऑर्गेनिक तत्व खत्म हो रहे हैं. एक अध्ययन के अनुसार, अब केवल 80 से 90 बार उपज लेने लायक हमारी मिट्टी बची है. यानी 40 से 50 साल के बाद मिट्टी से बहुत कम उपज मिल सकेगी. इसका प्रमुख कारण खेतों से पेड़ों व जीव-जंतुओं का गायब होना है.
सद्गुरु ने कहा कि 'मिट्टी को ऑर्गेनिक तत्व पेड़ पौधों के वेस्टेज और जीव जंतुओं से प्राप्त होते थे. आज से 50 वर्ष पहले एक संतरा खाने से जो पोषक तत्व मिलते थे, वह अब 8 संतरा खाने के बाद मिलते हैं. अब वक्त आ गया है कि हम सभी लोगों को मिट्टी बचाने पर जोर देना होगा. जिससे हम अपने आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ मिट्टी दे सकें. इसके लिए मैं 30 हजार किलोमीटर यात्रा करूंगा. मैंने मार्च से यात्रा प्रारंभ की है. आज मेरी यात्रा का 79 दिन है. इससे पहले मैं लगभग 27 देशों की यात्राएं कर चुका हूं और वहां के लोगों को मिट्टी बचाने का संदेश दिया है. 70वें दिन मैं भारत पहुंचा हूं. अहमदाबाद, जामनगर आदि कई शहरों में घूमते हुए लखनऊ पहुंचा हूं. मेरी यह यात्रा 100 दिन तक जारी रहेगी. इस दौरान कई देशों में मुझे बारिश, भीषण गर्मी, बर्फबारी से होकर गुजरना पड़ा है, लेकिन रास्ते में चाहे जो भी कठिनाई आये हमें अपना लक्ष्य प्राप्त करना है.'
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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सद्गुरू का आगमन प्रदेश में 2017 में पहली बार हुआ था. जिसमें उन्होंने नदियों के पुनर्जीवन की आवाज उठाई थी. उत्तर प्रदेश में पिछले 5 सालों में 60 से ज्यादा नदियों को पुनर्जीवित किया गया है. सद्गुरू मिट्टी को बचाने की बात कह रहे हैं. वैदिक काल से ही हम लोग मिट्टी को अपनी माता कहते हैं. हम सभी इसके पुत्र हैं. हम सभी लोगों को मिट्टी परीक्षण कार्ड बनाना चाहिए. जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य की भी जानकारी होती रहे. इसके लिए हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं. उन्होंने मिट्टी परीक्षा कार्ड की शुरुआत की है. जिसमें बहुत सारे किसानों को फायदा हुआ है. हमारे देश की मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है.
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