ETV Bharat / city

ये हैं बीजेपी के 8 महारथी, इनको मिली है यूपी विधानसभा चुनाव जिताने की जिम्मेदारी

भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जिन नेताओं को प्रभारी बनाया है, इनमें कोई कभी फौज में कमीशंड आफिसर था तो किसी ने प्रशासनिक अधिकारी बनकर सरकार की सेवा की थी.

bjp-deployed-10-special-members-team-to-win-up-assembly-elections-2022
bjp-deployed-10-special-members-team-to-win-up-assembly-elections-2022
author img

By

Published : Sep 8, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 7:27 PM IST

लखनऊः भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जिन नेताओं को प्रभारी बनाया है, उनमें किसी के पिता मुख्यमंत्री थे और वह खुद क्रिकेटर रहा है. किसी ने पति की मृत्यु के बाद सियासत में अपना झंडा बुलंद किया और खुद को साबित करके भाजपा के भीतर बड़ा मुकाम पाया. इन सबके प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सियासत अपने पिता से विरासत में मिली थी और उन्हीं गुरों के बल पर वे अब यूपी में भाजपा को एक और बड़ी जीत दिलाने के लिए दम भरेंगे.

संवाददाता ऋषि मिश्र

धर्मेंद्र प्रधान विरासत में मिली सियासत
धर्मेंद्र प्रधान 14 वीं लोकसभा में देवगढ़, ओड़िशा से सांसद चुने गये थे. धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा की 12 वीं विधानसभा (2000-2004) में पल्ललहारा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. वह एबीवीपी के सदस्य भी रहे हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. देबेन्द्र प्रधान के पुत्र हैं. प्रधान ने भारत में लंबे समय तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में काम किया. उन्हें "उज्ज्वला मैन" के रूप में भी जाना जाता है. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री के रूप में, प्रधान ने शिक्षित युवाओं और रोजगार योग्य कार्यबल की आवश्यकता के बीच की खाई को पाटने पर केंद्रित कई महत्वपूर्ण पहल की.

क्रिकेट प्रेमी और सीएम के पुत्र अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर क्रिकेट प्रेमी और क्रिकेटर रहे हैं. अनुराग 2009 के उपचुनाव एवं 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. वे खेल एवं युवा मामलों के मंत्री हैं. इसके अलावा वे सूचना और प्रसारण मंत्री भी हैं.

अर्जुन राम मेघवाल कभी थे प्रशासनिक अधिकारी
अर्जुन राम मेघवाल वर्तमान में केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री एवम् संसदीय कार्य मंत्री तथा पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री एवम् पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री हैं. लोक सभा के बीकानेर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं. वो प्रशासनिक सेवा छोड़ कर राजनीति में आए थे.

कैप्टन अभिमन्यु फौज छोड़ कर राजनीति में आए
कैप्टन अभिमन्यु ने 1987 में उन्होंने थल सेना ज्वाइन की और कमीशंड ऑफिसर के रूप में 7 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजीमेंट (1 डोगरा) में सेवा करने के लिये पांच मार्च 1988 को सेकेंड लेफ्टीनेंट के रूप में पास आउट हुए. उन्हें 1989 में विशेष सेवा पदक से सम्मानित किया गया. उन्होंने 1993 में अपनी सेना के पांच साल की लघु सेवा आयोग को पूरा किया. 1994 में उन्हें भारतीय भारतीय सिविल सेवा के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने शामिल नहीं होने का फैसला किया.

सरोज पांडेय भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रहीं
सरोज पांडेय भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं. दुर्ग से लोकसभा सांसद रही हैं. छत्तीसगढ़ विधान सभा में वैशाली नगर से विधायक रह चुकी हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने 2018 छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी लेखराम साहू को हरा दिया था.

जहां से इंदिरा जीती थीं, वहां से सांसद बनीं थीं शोभा
शोभा कारनदलाजे एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री हैं. वो भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं. 2014 के चुनावों में इन्होंने कर्नाटक की उदुपी चिकमगलूर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया था. वह जीती थीं. यहीं से इंदिरा गांधी भी चुनाव जीती थीं.

पति की मौत के बाद संभाली सियासत की कमान
अन्नपूर्णा देवी एक कृषक परिवार से आती हैं. दुमका में उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई. फिर पटना और रांची में अपनी शिक्षा पूरी की. साल 1993 में राजद नेता और पूर्व मंत्री रमेश प्रसाद यादव से अन्नपूर्णा देवी की शादी हुई. हालांकि 5 साल बाद ही उनके पति का निधन हो गया. बस यही से शुरू हुई इस घरेलू महिला की राजनीतिक यात्रा. पति के निधन के बाद साल 1998 में कोडरमा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत का परचम लहराते हुए संसदीय राजनीति में एंट्री ली. फिर लगातार 2014 तक कोडरमा का प्रतिनिधित्व करती रहीं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नीरा यादव ने उन्हें शिकस्त दी. बदलते राजनीतिक हालात के अनुसार अन्नपूर्णा देवी भी बीजेपी में आ गई थीं.

विवेक ठाकुर हैं राज्यसभा सांसद
विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद हैं. वे भाजपा नेतृत्व के साथ संघ के भी बहुत नजदीक बताए जाते हैं. वो भाजपा और संघ के बीच सेतु का काम करते हैं.

लखनऊः भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जिन नेताओं को प्रभारी बनाया है, उनमें किसी के पिता मुख्यमंत्री थे और वह खुद क्रिकेटर रहा है. किसी ने पति की मृत्यु के बाद सियासत में अपना झंडा बुलंद किया और खुद को साबित करके भाजपा के भीतर बड़ा मुकाम पाया. इन सबके प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सियासत अपने पिता से विरासत में मिली थी और उन्हीं गुरों के बल पर वे अब यूपी में भाजपा को एक और बड़ी जीत दिलाने के लिए दम भरेंगे.

संवाददाता ऋषि मिश्र

धर्मेंद्र प्रधान विरासत में मिली सियासत
धर्मेंद्र प्रधान 14 वीं लोकसभा में देवगढ़, ओड़िशा से सांसद चुने गये थे. धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा की 12 वीं विधानसभा (2000-2004) में पल्ललहारा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. वह एबीवीपी के सदस्य भी रहे हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. देबेन्द्र प्रधान के पुत्र हैं. प्रधान ने भारत में लंबे समय तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में काम किया. उन्हें "उज्ज्वला मैन" के रूप में भी जाना जाता है. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री के रूप में, प्रधान ने शिक्षित युवाओं और रोजगार योग्य कार्यबल की आवश्यकता के बीच की खाई को पाटने पर केंद्रित कई महत्वपूर्ण पहल की.

क्रिकेट प्रेमी और सीएम के पुत्र अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर क्रिकेट प्रेमी और क्रिकेटर रहे हैं. अनुराग 2009 के उपचुनाव एवं 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. वे खेल एवं युवा मामलों के मंत्री हैं. इसके अलावा वे सूचना और प्रसारण मंत्री भी हैं.

अर्जुन राम मेघवाल कभी थे प्रशासनिक अधिकारी
अर्जुन राम मेघवाल वर्तमान में केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री एवम् संसदीय कार्य मंत्री तथा पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री एवम् पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री हैं. लोक सभा के बीकानेर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं. वो प्रशासनिक सेवा छोड़ कर राजनीति में आए थे.

कैप्टन अभिमन्यु फौज छोड़ कर राजनीति में आए
कैप्टन अभिमन्यु ने 1987 में उन्होंने थल सेना ज्वाइन की और कमीशंड ऑफिसर के रूप में 7 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजीमेंट (1 डोगरा) में सेवा करने के लिये पांच मार्च 1988 को सेकेंड लेफ्टीनेंट के रूप में पास आउट हुए. उन्हें 1989 में विशेष सेवा पदक से सम्मानित किया गया. उन्होंने 1993 में अपनी सेना के पांच साल की लघु सेवा आयोग को पूरा किया. 1994 में उन्हें भारतीय भारतीय सिविल सेवा के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने शामिल नहीं होने का फैसला किया.

सरोज पांडेय भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रहीं
सरोज पांडेय भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं. दुर्ग से लोकसभा सांसद रही हैं. छत्तीसगढ़ विधान सभा में वैशाली नगर से विधायक रह चुकी हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने 2018 छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी लेखराम साहू को हरा दिया था.

जहां से इंदिरा जीती थीं, वहां से सांसद बनीं थीं शोभा
शोभा कारनदलाजे एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री हैं. वो भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं. 2014 के चुनावों में इन्होंने कर्नाटक की उदुपी चिकमगलूर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया था. वह जीती थीं. यहीं से इंदिरा गांधी भी चुनाव जीती थीं.

पति की मौत के बाद संभाली सियासत की कमान
अन्नपूर्णा देवी एक कृषक परिवार से आती हैं. दुमका में उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई. फिर पटना और रांची में अपनी शिक्षा पूरी की. साल 1993 में राजद नेता और पूर्व मंत्री रमेश प्रसाद यादव से अन्नपूर्णा देवी की शादी हुई. हालांकि 5 साल बाद ही उनके पति का निधन हो गया. बस यही से शुरू हुई इस घरेलू महिला की राजनीतिक यात्रा. पति के निधन के बाद साल 1998 में कोडरमा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत का परचम लहराते हुए संसदीय राजनीति में एंट्री ली. फिर लगातार 2014 तक कोडरमा का प्रतिनिधित्व करती रहीं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नीरा यादव ने उन्हें शिकस्त दी. बदलते राजनीतिक हालात के अनुसार अन्नपूर्णा देवी भी बीजेपी में आ गई थीं.

विवेक ठाकुर हैं राज्यसभा सांसद
विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद हैं. वे भाजपा नेतृत्व के साथ संघ के भी बहुत नजदीक बताए जाते हैं. वो भाजपा और संघ के बीच सेतु का काम करते हैं.

Last Updated : Sep 8, 2021, 7:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.