लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या के रुदौली से भाजपा विधायक रामचंद्र यादव को बड़ी राहत दी है. उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को वापस लिए जाने की अनुमति देने के मामले में विशेष न्यायालय, एमपी-एमएलए, फैजाबाद को पुनर्विचार के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही न्यायालय ने उस आदेश को भी खारिज कर दिया है. जिसके तहत मुकदमा वापसी सम्बंधी राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने विधायक रामचंद्र यादव की याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया था कि याची के खिलाफ रुदौली थाने में वर्ष 2012 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. उक्त एफआईआर राजनीतिक द्वेषवश दर्ज कराई गई थी. राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में उक्त मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया व एमपी-एमएलए कोर्ट में इस सम्बंध में एक प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया, लेकिन 27 अक्टूबर 2021 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह कहते हुए, सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया कि बिना हाईकोर्ट से अनुमति प्राप्त किए, उक्त प्रार्थना पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता था. न्यायालय ने पाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने केरल राज्य बनाम के अजीत मामले में निर्देश दिया था कि सभी हाईकोर्ट इस सम्बंध में स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करें व वर्तमान या पूर्व सांसदों तथा विधायकों के मुकदमा वापसी सम्बंधी अनुमति पर निर्णय लें. न्यायालय ने इस सम्बंध में हाईकोर्ट के वरिष्ठ निबंधक की रिपोर्ट मंगाई तो पता चला कि लखनऊ बेंच में ऐसी कोई स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज नहीं है.
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इस पर न्यायालय ने कहा कि जब ऐसी कोई याचिका लम्बित ही नहीं है तो हाईकोर्ट से अनुमति प्राप्त ही नहीं की जा सकती. न्यायालय ने एमपी-एमएलए कोर्ट को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, पुनर्विचार के आदेश दिए हैं.
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