अयोध्या: संतों ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह सुझाव स्वागत योग्य है. केंद्र और प्रदेश सरकार को तत्काल इस सुझाव को अमल में लाना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. संतों ने गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा देने की मांग की.
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद का यह सुझाव स्वागत योग्य है. हम पहले से ही यह मांग करते रहे हैं कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए. इस विषय पर उच्च न्यायालय ने ध्यान दिया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि तत्काल इस सुझाव पर अमल किया जाए और गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए.
इस मामले पर हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य ने भी उच्च न्यायालय के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदू समाज के लिए यह बेहद प्रसन्नता का पल है. गाय हमारी मां है. हमारे शास्त्रों में गाय की महिमा और महत्व का वर्णन है. निश्चित रूप से उच्च न्यायालय का यह कदम गौ-माता के महत्व को और बढ़ाएगा.
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वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय विश्व की माता है. गाय से प्राप्त होने वाले दूध, दही, घी से ना सिर्फ स्वास्थ्य उत्तम होता है, बल्कि कृषि प्रधान देश भारत में गाय और गोवंश का कृषि में भी महत्वपूर्ण स्थान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय पूजनीय है. उच्च न्यायालय का सुझाव स्वागत योग्य है.