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संतों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव का किया स्वागत, बोले- गाय को मिले राष्ट्र माता का दर्जा - allahabad high court cow as national animal

अयोध्या में संतों ने हाईकोर्ट के उस सुझाव का स्वागत किया है, जिसमें अदालत ने सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने के लिए विचार करने को कहा है. संतों का मानना है कि इससे देश में गायों की स्थिति बेहतर होगी.

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Published : Sep 1, 2021, 9:02 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 9:53 PM IST

अयोध्या: संतों ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह सुझाव स्वागत योग्य है. केंद्र और प्रदेश सरकार को तत्काल इस सुझाव को अमल में लाना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. संतों ने गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा देने की मांग की.

ईटीवी भारत से बात करते हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद का यह सुझाव स्वागत योग्य है. हम पहले से ही यह मांग करते रहे हैं कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए. इस विषय पर उच्च न्यायालय ने ध्यान दिया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि तत्काल इस सुझाव पर अमल किया जाए और गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए.

हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य
हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि लंबे समय से कई संगठन गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. अभी तक इस संघर्ष का कोई परिणाम निकला नहीं था. लेकिन उच्च न्यायालय ने जो सुझाव दिया है, उसका स्वागत है. गाय का आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व है. उच्च न्यायालय के इस निर्णय से गौ हत्या पर रोक लगेगी. गायों का संरक्षण और संवर्धन होगा.
वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती
वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती

इस मामले पर हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य ने भी उच्च न्यायालय के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदू समाज के लिए यह बेहद प्रसन्नता का पल है. गाय हमारी मां है. हमारे शास्त्रों में गाय की महिमा और महत्व का वर्णन है. निश्चित रूप से उच्च न्यायालय का यह कदम गौ-माता के महत्व को और बढ़ाएगा.

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास

ये भी पढ़ें- 'UP चुनाव से पहले होगी किसी बड़े हिंदू नेता की हत्या'


वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय विश्व की माता है. गाय से प्राप्त होने वाले दूध, दही, घी से ना सिर्फ स्वास्थ्य उत्तम होता है, बल्कि कृषि प्रधान देश भारत में गाय और गोवंश का कृषि में भी महत्वपूर्ण स्थान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय पूजनीय है. उच्च न्यायालय का सुझाव स्वागत योग्य है.

अयोध्या: संतों ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह सुझाव स्वागत योग्य है. केंद्र और प्रदेश सरकार को तत्काल इस सुझाव को अमल में लाना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. संतों ने गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा देने की मांग की.

ईटीवी भारत से बात करते हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद का यह सुझाव स्वागत योग्य है. हम पहले से ही यह मांग करते रहे हैं कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए. इस विषय पर उच्च न्यायालय ने ध्यान दिया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि तत्काल इस सुझाव पर अमल किया जाए और गाय को राष्ट्रीय पशु की जगह राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए.

हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य
हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि लंबे समय से कई संगठन गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. अभी तक इस संघर्ष का कोई परिणाम निकला नहीं था. लेकिन उच्च न्यायालय ने जो सुझाव दिया है, उसका स्वागत है. गाय का आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व है. उच्च न्यायालय के इस निर्णय से गौ हत्या पर रोक लगेगी. गायों का संरक्षण और संवर्धन होगा.
वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती
वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती

इस मामले पर हरीधाम पीठ के जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य ने भी उच्च न्यायालय के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदू समाज के लिए यह बेहद प्रसन्नता का पल है. गाय हमारी मां है. हमारे शास्त्रों में गाय की महिमा और महत्व का वर्णन है. निश्चित रूप से उच्च न्यायालय का यह कदम गौ-माता के महत्व को और बढ़ाएगा.

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास

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वशिष्ठ पीठ के महंत राघवेश दास वेदांती ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय विश्व की माता है. गाय से प्राप्त होने वाले दूध, दही, घी से ना सिर्फ स्वास्थ्य उत्तम होता है, बल्कि कृषि प्रधान देश भारत में गाय और गोवंश का कृषि में भी महत्वपूर्ण स्थान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय पूजनीय है. उच्च न्यायालय का सुझाव स्वागत योग्य है.

Last Updated : Sep 1, 2021, 9:53 PM IST
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