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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व CGST कमिश्नर संसार चंद और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी पर लगायी रोक - न्यायधीश रमेश सिन्हा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व CGST कमिश्नर संसार चंद और उनकी पत्नी अविनाश कौर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. अदालत ने सीबीआई से जवाबी हलफनामा मांगा है.

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Published : Sep 27, 2021, 10:43 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीजीएसटी कानपुर निदेशालय के आयुक्त रह चुके संसार चंद व उसकी पत्नी अविनाश कौर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही न्यायालय ने सीबीआई से जवाबी हलफनामा भी मांगा है.

यह आदेश न्यायधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने संसार चंद व उसकी पत्नी की ओर से दाखिल की गयी याचिका पर दिया. इस याचिका में 23 मार्च 2021 को उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती दी गई थी. सीबीआई ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) व 13(2) तथा आईपीसी की धारा 109 व 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है.

दरअसल अविनाश कौर ने वर्ष 2008 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था और नामांकन में अपनी और पति की आय की घोषणा की थी. इस हलफनामे में बताई गई आय को आधार मानते हुए सीबीआई ने 2018 में उनकी गिरफ्तारी के समय जो चल अचल संपत्ति मिली, उनका आंकलन किया था.

ये भी पढ़ें- ग्रामसभा की जमीन पर अतिक्रमण के केस में एक साथ चल सकती है, सिविल व आपराधिक कार्यवाही: हाईकोर्ट

दरअसल वर्ष 2018 में दर्ज हुए मामले में दोनों की गिरफ्तारी भी हुई थी, हालांकि बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. कहा गया कि 2008 में संपत्ति करीब 12 लाख 76 हजार रुपये थी, जबकि बाद में मिले कागजात के आधार पर संपत्ति सवा तीन करोड़ रुपये से अधिक की हो चुकी थी. इसी अंतर के आधार पर सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की थी.

ये भी पढ़ें- फर्जी वेबसाइट की मदद से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीजीएसटी कानपुर निदेशालय के आयुक्त रह चुके संसार चंद व उसकी पत्नी अविनाश कौर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही न्यायालय ने सीबीआई से जवाबी हलफनामा भी मांगा है.

यह आदेश न्यायधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने संसार चंद व उसकी पत्नी की ओर से दाखिल की गयी याचिका पर दिया. इस याचिका में 23 मार्च 2021 को उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती दी गई थी. सीबीआई ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) व 13(2) तथा आईपीसी की धारा 109 व 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है.

दरअसल अविनाश कौर ने वर्ष 2008 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था और नामांकन में अपनी और पति की आय की घोषणा की थी. इस हलफनामे में बताई गई आय को आधार मानते हुए सीबीआई ने 2018 में उनकी गिरफ्तारी के समय जो चल अचल संपत्ति मिली, उनका आंकलन किया था.

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दरअसल वर्ष 2018 में दर्ज हुए मामले में दोनों की गिरफ्तारी भी हुई थी, हालांकि बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. कहा गया कि 2008 में संपत्ति करीब 12 लाख 76 हजार रुपये थी, जबकि बाद में मिले कागजात के आधार पर संपत्ति सवा तीन करोड़ रुपये से अधिक की हो चुकी थी. इसी अंतर के आधार पर सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की थी.

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