लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) (AKTU) अपने इंजीनियरिंग के छात्रों को 4 के बजाय अब 3 साल में भी डिग्री देने जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था की जा रही है. इसी के तहत 3 साल में भी B.Tech के छात्रों को डिग्री दी जा सकेगी. ऐसे छात्रों को बैचलर ऑफ वोकेशनल एजुकेशन की डिग्री देने पर विचार किया गया.
विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) को लागू करने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज की एक बैठक हुई. बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में बदलाव पर विस्तार से चर्चा की गयी. बीटेक के छात्रों को सामान्य डिग्री के साथ ही माइनर डिग्री देने पर विचार किया गया. साथ ही विशेषज्ञता के लिए बीटेक में ऑनर्स डिग्री देने पर भी मंथन किया गया.
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कुलपति ने बताया कि एनईपी 2020 को लागू करने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव करना अनिवार्य है. यह पाठ्यक्रम छात्रों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है. जिसमें, पढ़ाई के साथ ही साथ कौशल विकास पर भी जोर दिया गया है. बैठक के दौरान 6 एजेंडों पर चर्चा की गयी.
छात्र ले सकेंगे माइनर डिग्री
बैठक में बीटेक के सामान्य डिग्री के अलावा माइनर डिग्री देने पर मंथन किया गया. इस व्यवस्था के तहत छात्र सामान्य बीटेक जिस भी विषय से कर रहा है उसके साथ ही वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, आईओटी जैसे इंजीनियरिंग के उभरते तकनीकी में माइनर डिग्री ले सकेगा. उन्होंने कहा कि इन नये सब्जेक्ट को पढ़ाने के लिए शुरूआत में उद्योगों में काम करने वाले इन विषयों के विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी.
विशेषज्ञता के लिए ऑनर्स डिग्री
बीटेक के छात्र किसी खास विषय में विशेषज्ञता के लिए ऑनर्स बीटेक ऑनर्स भी कर सकेंगे. इस मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा की गयी. जिससे कि छात्रों को रोजगार मिलने में सहूलियत हो. साथ ही उनकी कार्यक्षमता बढ़े.
तीन साल में भी मिल सकेगी डिग्री
पाठ्यक्रम में फ्लेक्सिबल एंट्री- एग्जिट का मौका देने पर मंथन किया गया. जिससे यदि कोई छात्र किसी कारणवश चार वर्ष का बीटेक पूरा नहीं कर पाता है तो उसे तीन साल में ही एग्जिट करने का विकल्प रहेगा. ऐसे छात्रों को बैचलर ऑफ वोकेशनल एजुकेशन (Bachelor of Vocational Education) की डिग्री देने पर विचार किया गया. जिससे ऐसे छात्रों को भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत न उठानी पड़े. इसी क्रम में सहमति बनी कि विभिन्न पाठ्यक्रमों की कार्ययोजना इस तरह से बने कि उसके पारंपरिक ज्ञान से लेकर वर्तमान स्थिति के साथ ही पर्यावरण पर उसका क्या असर है यह सब आ आये.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई (engineering studies) में सबसे ज्यादा दिक्कत हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए क्लास रूम में बाइलिन्गुएल हिन्दी और अंग्रेजी में पढ़ाई से लेकर प्रश्न पत्र में भी दोनों भाषाओं में तैयार करने पर चर्चा हुई. इसके अलावा बीटेक पाठ्यक्रम की समीक्षा करने पर सहमति बनी. बैठक में परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनुराग त्रिपाठी, डीन यूजी प्रो. गिरीश चंद्रा, प्रो. बीएन मिश्रा, प्रो.वंदना सहगल, प्रो.संजय सिंह, प्रो. डीएस यादव, प्रो. एके कटियार, प्रो.एसपी शुक्ला सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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