लखनऊ : अजीत सिंह हत्याकांड मामले में बाहुबली धनंजय सिंह पर जमानतीय धाराएं लगाने के बाद अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह ने निष्पक्ष विवेचना की मांग की है. उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए यह मांग की है. प्रार्थना पत्र में अब तक की विवेचना पर सवाल उठाए गए हैं. मुख्य न्ययैक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने रानू सिंह की उक्त अर्जी और धनंजय सिंह की ओर से दाखिल आत्मसमर्पण की अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तिथि नियत की है.
अदालत के समक्ष मृतक अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह द्वारा एक प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया गया है कि उनके पति की हत्या की निष्पक्ष विवेचना कराई जाए. इस अर्जी पर एसटीएफ के निरीक्षक अंजनी कुमार तिवारी ने कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा है कि उन्हें अभी तक एफएसएल की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के गत 7 जनवरी के आदेश के तहत विवेचना एसटीएफ को स्थान्तरित की गई है.
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अपनी रिपोर्ट में विवेक तिवारी ने कहा है कि अब तक की विवेचना और एकत्रित साक्ष्य से अभियुक्त धनंजय सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 212 और 176 का ही मामला बन रहा है. उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों धाराएं जमानतीय प्रकृति की हैं.
वहीं, इसी मामले में धनंजय सिंह की आत्मसमर्पण अर्जी पर अलग से वांछित होने की स्पष्ट रिपोर्ट न दिए जाने के कारण कोर्ट ने विवेचक से शनिवार को पुनः 24 फरवरी तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने दोनों अर्जियों पर प्रारंभिक सुनवाई करने के उपरांत दोनों ही मामलों को एक साथ सुने जाने का आदेश देते हुए 24 फरवरी की तिथि नियत की है.
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