लखनऊ : डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) शुक्रवार को अपना 23वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि यह एक ऐसा संस्थान है जहां के डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. लोहिया संस्थान ने न सिर्फ पूरे प्रदेश में बल्कि पूरे भारत नई ऊंचाई को छूने का काम किया है. एक काफी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिसे नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एक साल में 66 नई पोस्ट ग्रेजुएट सीटें दी हैं, जो राज्य में किसी एक संस्थान को आवंटित सीटों की सबसे अधिक संख्या में से एक है.
संस्थान के स्थापना दिवस पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि यह संस्थान बहुत कम समय में पूरे प्रदेश के अलावा भारतवर्ष में एक नई ऊंचाई और उपलब्धि हासिल की है. लोहिया अस्पताल के प्रबंधन से लेकर बेहतर चिकित्सकिय सुविधाओं की चर्चाएं है. प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है. इसमें हमारे डॉक्टरों ने बखूबी अपना योगदान दिया है. राज्यपाल ने कहा कि डॉक्टर प्यार से बात करें तो मरीज का आधा दर्द तकलीफ डॉक्टर की बात से ही दूर हो जाती है. एक मरीज जब परेशान होकर इलाज के लिए आता है तो वह अस्पताल से बेहतर सुविधा की चाह रखता है. इन सारी बातों पर लोहिया संस्थान के चिकित्सक सदैव खरे उतरते हैं. आज लोहिया संस्थान की स्थापना दिवस के मौके पर उन तमाम चिकित्सकों नर्स स्टाफ कर्मचारियों को हम नमन करते हैं जो अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर मरीजों का इलाज करते हैं.
संस्थान के स्थापना दिवस पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जब हम किसी मेडिकल संस्थान में कदम रखते हैं तो देखते हैं कि वहां पर क्या सुविधाएं है. जब किसी मरीज की तबीयत खराब होती है तो सबसे पहले वह राम का नाम लेता है. फिर उसके बाद डॉक्टर को याद करता है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया संस्थान से पढ़े हुए डॉक्टर अन्य देशों में भी है. जो उस मेडिकल कॉलेज की पूरी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं. लोहिया संस्थान के डाॅक्टरों ने कोविड काल से लेकर अभी तक अपनी जिम्मेदारी को निभाया है. प्रदेश के चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि मुझे अपने चिकित्सकों पर पूरा भरोसा है कि वह मरीजों का इलाज बखूबी करते हैं. मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने हमेशा हमारा साथ दिया है उसी तरह से भविष्य में भी वह हमारा साथ देते रहेंगे.
संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने कही ये बातें
लोहिया संस्थान की निदेशक (Director of Lohia Institute) डॉ सोनिया नित्यानंद ( Dr Sonia Nityananda) ने बताया कि 66 नई पोस्ट ग्रेजुएट सीटों के अलावा 6 नई डीएनबी सीटों को भी मंजूरी दी गई है. 13 पोस्ट डॉक्टरल सर्टिफिकेट कोर्स की सीटें भी संस्थान में हैं. इसके साथ ही नर्सिंग कॉलेज की स्थापना कर बीएससी नर्सिंग की 40 सीटों पर कोर्स शुरू किया जा चुका है.उन्होंने बताया कि संस्थान ने पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजी एंड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पीडियाट्रिक्स ऑर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक्स ऑप्थल्मोलॉजी, हेड एंड नेक कैंसर, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी, रुमेटोलॉजी, ब्रेस्ट क्लिनिक समेत कई नई विशेष सेवाएं शुरू की हैं. इसके साथ ही आनुवंशिक विकारों के लिए एमनियोसेंटेसिस और कोरियोनिक विलस सैंपलिंग शुरू की गई है.
संस्थान में 26 किडनी ट्रांसप्लांट
डॉ. सोनिया ने बताया कि संस्थान में पिछले साल 26 किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) किये, इस प्रकार अब तक यहां 136 किडनी ट्रांसप्लांट किये जा चुके हैं. सरकार से प्राप्त वित्तीय पोषण से एक एडवांस न्यूरोसाइंस सेंटर की स्थापना की जा रही है, इसमें गामा चाकू जैसे अत्याधुनिक उपकरण भी होंगे. उन्होंने बताया कि मरीजों के पंजीकरण के लिए 33 काउंटर्स वाला पंजीकरण हॉल बनाया गया है. रियायती दर पर 24 घंटे दवाएं दिलायी जा रही हैं. मरीजों व रिश्तेदारों के लिए 24 घंटे सेवा वाली कैंटीन, ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट व जांच रिपोर्ट की सुविधा दी जा रही है. इसके साथ ही 20,000 लीटर की क्षमता का तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया गया है.
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संस्थान ने देश की पहली स्वैच्छिक प्लेटलेट डोनर रजिस्ट्री शुरू की है, जिसे बीते 14 मार्च को राजभवन से शुरू किया गया था, जिसमें 163 पंजीकरण किए गए थे. इसमें अब तक 419 लोगों ने स्वैच्छिक प्लेटलेट दाताओं के रूप में पंजीकरण किया है. उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा वर्ष 2021 में 55 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 1623 यूनिट रक्तदान किया गया और वर्ष 2022 में अब तक 29 रक्तदान शिविर आयोजित किये जा चुके हैं, जिनमें कुल 1221 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है.
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