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गोरखपुर AIIMS में देहदान शुरु, 6 लोगों ने ली देहदान की शपथ

यूपी के गोरखपुर जिले में स्थित नवनिर्मित गोरखपुर एम्स में देहदान की प्रक्रिया की शुरू हो गई है. कुल 6 लोगों ने देहदान करने की शपथ ली जिसमें 3 लोग सिख समुदाय के थे. इस अवसर पर पूरा एम्स प्रशासन मौजूद रहा जिसने इन देहदान दानियों का बैज लगाकर सम्मान किया.

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Published : Oct 4, 2019, 10:00 AM IST

6 लोगों ने ली देहदान की शपथ.

गोरखपुर: नवनिर्मित गोरखपुर एम्स में देहदान की प्रक्रिया की शुरू हो गई है. यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 50 विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है. विद्यार्थियों को शोध की प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए मृत शरीर की आवश्यकता होती है जिसको उपलब्ध कराने के लिए एम्स प्रशासन ने देहदान की प्रक्रिया को शुरू किया तो पूरे उत्तर प्रदेश में इस अभियान पर काम कर रही कानपुर की दधीचि नामक संस्था ने अपना कदम आगे बढ़ाया.

गोरखपुर AIIMS में देहदान शुरु.

3 हजार लोग करा चुके हैं पंजीकरण
कई लोग दधीचि संस्था के नेतृत्व में देहदान करने एम्स परिसर पहुंचे थे. संस्था की अगुवाई में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अब तक 212 डेड बॉडी दान की जा चुकी है. करीब 3 हजार लोग इसके माध्यम से अभी पंजीकृत भी हैं. यह संस्था पूर्व राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के स्नेह से आज अपना कार्य कर रही है. जिस पर एम्स जैसी संस्थाएं भी भरोसा करती हैं. यही वजह है कि लोग बिना हिचक एम्स के इस पहले आयोजन में ही शरीर दान करने के लिए प्रेरित हो गए.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: डेंगू जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ सख्त, पैथोलॉजी सेंटरों को मिले कड़े निर्देश

दधीचि संस्था के अध्यक्ष मनोज सेंगर ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि यह अभियान गोरखपुर क्षेत्र में तेजी के साथ फैले और लोग मृत शरीर को दान करने के लिए आगे आये. दूसरे शहरों से मृत शरीर को दान कराना कभी-कभी कठिन हो जाता है. एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अश्वनी माहौर ने इसे मेडिकल साइंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद ही जरूरी बताया. शरीर दान करने वाले बृजेश मणि मिश्र ने कबीर की पंक्तियों से अपनी इस खुशी का इजहार किया.

कौन कर सकता है देहदान
18 वर्ष से ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति देह दान कर सकता है. इसे कानूनी मान्यता भी प्राप्त है और राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं चिकित्सा एवं शिक्षा अनुसंधान के लिए इसे प्राप्त कर सकती है. लावारिस मृत शरीर ऐसी संस्थाएं स्वीकार करती हैं इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है.

मृत्यु उपरांत देहदान करने वाले के परिजन उक्त संस्थान से संपर्क करते हैं. देह को ले जाने की व्यवस्था संस्थान स्वयं करता है. गोरखपुर एम्स में देहदान करने की इच्छुक लोग मोबाइल नंबर 8923244223 और 8958285555 पर संपर्क कर सकते हैं.

गोरखपुर: नवनिर्मित गोरखपुर एम्स में देहदान की प्रक्रिया की शुरू हो गई है. यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 50 विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है. विद्यार्थियों को शोध की प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए मृत शरीर की आवश्यकता होती है जिसको उपलब्ध कराने के लिए एम्स प्रशासन ने देहदान की प्रक्रिया को शुरू किया तो पूरे उत्तर प्रदेश में इस अभियान पर काम कर रही कानपुर की दधीचि नामक संस्था ने अपना कदम आगे बढ़ाया.

गोरखपुर AIIMS में देहदान शुरु.

3 हजार लोग करा चुके हैं पंजीकरण
कई लोग दधीचि संस्था के नेतृत्व में देहदान करने एम्स परिसर पहुंचे थे. संस्था की अगुवाई में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अब तक 212 डेड बॉडी दान की जा चुकी है. करीब 3 हजार लोग इसके माध्यम से अभी पंजीकृत भी हैं. यह संस्था पूर्व राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के स्नेह से आज अपना कार्य कर रही है. जिस पर एम्स जैसी संस्थाएं भी भरोसा करती हैं. यही वजह है कि लोग बिना हिचक एम्स के इस पहले आयोजन में ही शरीर दान करने के लिए प्रेरित हो गए.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: डेंगू जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ सख्त, पैथोलॉजी सेंटरों को मिले कड़े निर्देश

दधीचि संस्था के अध्यक्ष मनोज सेंगर ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि यह अभियान गोरखपुर क्षेत्र में तेजी के साथ फैले और लोग मृत शरीर को दान करने के लिए आगे आये. दूसरे शहरों से मृत शरीर को दान कराना कभी-कभी कठिन हो जाता है. एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अश्वनी माहौर ने इसे मेडिकल साइंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद ही जरूरी बताया. शरीर दान करने वाले बृजेश मणि मिश्र ने कबीर की पंक्तियों से अपनी इस खुशी का इजहार किया.

कौन कर सकता है देहदान
18 वर्ष से ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति देह दान कर सकता है. इसे कानूनी मान्यता भी प्राप्त है और राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं चिकित्सा एवं शिक्षा अनुसंधान के लिए इसे प्राप्त कर सकती है. लावारिस मृत शरीर ऐसी संस्थाएं स्वीकार करती हैं इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है.

मृत्यु उपरांत देहदान करने वाले के परिजन उक्त संस्थान से संपर्क करते हैं. देह को ले जाने की व्यवस्था संस्थान स्वयं करता है. गोरखपुर एम्स में देहदान करने की इच्छुक लोग मोबाइल नंबर 8923244223 और 8958285555 पर संपर्क कर सकते हैं.

Intro:गोरखपुर। नवनिर्मित गोरखपुर एम्स में देहदान की प्रक्रिया की शुरू हो गई है। यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 50 विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। विद्यार्थियों को शोध की प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए मृत शरीर की आवश्यकता होती है जिसको उपलब्ध कराने के लिए एम्स प्रशासन ने देहदान की प्रक्रिया को शुरू किया तो पूरे उत्तर प्रदेश में इस अभियान पर काम कर रही कानपुर की दधीचि नामक संस्था ने अपना कदम आगे बढ़ाया। जिसके फल स्वरुप कुल 6 लोगों ने अपना शरीर दान करने का शपथ लिया। जिसमें तीन लोग सिख समुदाय के थे। इस अवसर पर पूरा एम्स प्रशासन मौजूद रहा जिसने इन देहदान दानियों का बैज लगाकर सम्मान किया।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:जिस दधीचि संस्था के नेतृत्व में लोग देहदान करने एम्स परिसर पहुंचे थे उसकी अगुवाई में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अब तक 212 डेड बॉडी दान की जा चुकी है। करीब 3000 लोग इसके माध्यम से अभी पंजीकृत भी है। यह संस्था पूर्व राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के स्नेह से आज अपना कार्य कर रही है। जिस पर एम्स जैसी संस्थाएं भी भरोसा करती हैं। यही वजह है कि लोग बिना हिचक एम्स के इस पहले आयोजन में ही शरीर दान करने के लिए प्रेरित हो गए। दधीचि संस्था के अध्यक्ष मनोज सेंगर ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि यह अभियान गोरखपुर क्षेत्र में तेजी के साथ फैले और लोग मृत शरीर को दान करने के लिए आगे आयें। क्योंकि दूर के दूसरे शहरों से मृत शरीर को दान कराना कभी-कभी कठिन हो जाता है। एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अश्वनी माहौर ने इसे मेडिकल साइंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद ही जरूरी बताया। तो शरीर दान करने वाले बृजेश मणि मिश्र ने कबीर की पंक्तियों से अपनी इस खुशी का इजहार किया।

बाइट--मनोज सेंगर, अध्यक्ष, दधीचि देहदान संस्था
बाइट- अश्वनी माहौर, डिप्टी डायरेक्टर, एम्स
बाइट--ब्रजेश मणि मिश्र, देहदान कर्ता

(सभी बाइट पैकेज में क्रमवार है)


Conclusion:देहदान कौन कर सकता है...
18 वर्ष से ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति देह दान कर सकता है। इसे कानूनी मान्यता भी प्राप्त है और राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं चिकित्सा एवं शिक्षा अनुसंधान के लिए इसे प्राप्त कर सकती है। लावारिस मृत शरीर ऐसी संस्थाएं स्वीकार करती हैं। इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। यह पूर्णतया निशुल्क होता है और मृत्यु उपरांत देहदान करने वाले के परिजन उक्त संस्थान से संपर्क करते हैं जिस को ले जाने की व्यवस्था संस्थान स्वयं करता है। गोरखपुर एम्स में देहदान करने की इच्छुक लोग मोबाइल नंबर 8923244223 और 8958285555 पर संपर्क कर सकते हैं।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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