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बरेली: आयुष्मान कार्ड होते हुए भी अधेड़ को नहीं मिला इलाज, मौत

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Published : Dec 6, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 10:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आयुष्मान कार्ड धारक अधेड़ को अस्पताल की लापरवाही की वजह से इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई. मृतक की बेटी शिखा का कहना है कि अस्पताल की उदासीनता के कारण मेरे पिता की मौत हुई है.

आयुष्मान कार्ड.
मृतक की बेटी शिखा.

बरेली: जिल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज न मिलने से अधेड़ की मौत हो गई. इससे स्वास्थ विभाग से लेकर प्रशासन तक खलबली मच गई. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त इलाज दिलाने के लिए की थी, लेकिन अब कई अस्पताल अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.

इलाज न मिलने से बुजुर्ग की मौत.

जिले के मढ़ीनाथ निवासी अधेड़ कन्हाई लाल आयुष्मान कार्ड से अपना इलाज कराना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वालों ने उनका इलाज नहीं किया. इस दौरान अधेड़ मरीज को एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से तीसरे अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. जिसके कारण अधेड़ कन्हाई लाल की मौत हो गई. उनके परिवार वाले अब प्रशासन से इंसाफ मांग रहे हैं.

मृतक की बेटी ने दी जानकारी
बेटी शिखा का कहना है कि उसके पिता कन्हाई लाल को पेरलाइसेस हुआ था, जिसके चलते वह उन्हें जिला अस्पताल लेकर गई थी. जिला अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट नहीं था, जिसके कारण उनके पिता को जिला अस्पताल वालों ने एडमिट करने से मना कर दिया और कहा कि यहां न्यूरोलीजिस्ट नहीं है अगर इनको यहां पर रखना है तो अपने रिस्क पर रखना होगा, हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.

इलाज न मिलने से हुई मौत
शिखा मजबूर होकर अपने पिता को श्रीराम मूर्ति स्मारक अस्पताल में लेकर गई. जहां पर उसके पिता को आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज देने के बदले अस्पताल प्रशासन ने पैसों की मांग की जो शिखा नहीं दे सकी. इलाज न मिलने से उसके पिता की मौत हो गई. इसके बाद शिखा ने सीएम योगी के हेल्पलाइन नम्बर पर भी शिकायत की थी.

इसे भी पढ़ें- रामपुर: दुकान की दावेदारी में महिलाओं से मारपीट, वीडियो वायरल

आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज न देने की ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं. इस तरह के मामले खत्म करने के लिए सभी अस्पतालों को एक नोटिस जारी किया गया है. यदि कोई मरीज आयुष्मान कार्ड लेकर आया है तो उसको प्राथमिकता दें, उसका बेहतर इलाज करें. यदि किसी तरह की टालमटोल की जाएगी तो अस्पताल के ऊपर कड़ी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
-विनीत शुक्ल, सीएमओ

बरेली: जिल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज न मिलने से अधेड़ की मौत हो गई. इससे स्वास्थ विभाग से लेकर प्रशासन तक खलबली मच गई. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त इलाज दिलाने के लिए की थी, लेकिन अब कई अस्पताल अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.

इलाज न मिलने से बुजुर्ग की मौत.

जिले के मढ़ीनाथ निवासी अधेड़ कन्हाई लाल आयुष्मान कार्ड से अपना इलाज कराना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वालों ने उनका इलाज नहीं किया. इस दौरान अधेड़ मरीज को एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से तीसरे अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. जिसके कारण अधेड़ कन्हाई लाल की मौत हो गई. उनके परिवार वाले अब प्रशासन से इंसाफ मांग रहे हैं.

मृतक की बेटी ने दी जानकारी
बेटी शिखा का कहना है कि उसके पिता कन्हाई लाल को पेरलाइसेस हुआ था, जिसके चलते वह उन्हें जिला अस्पताल लेकर गई थी. जिला अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट नहीं था, जिसके कारण उनके पिता को जिला अस्पताल वालों ने एडमिट करने से मना कर दिया और कहा कि यहां न्यूरोलीजिस्ट नहीं है अगर इनको यहां पर रखना है तो अपने रिस्क पर रखना होगा, हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.

इलाज न मिलने से हुई मौत
शिखा मजबूर होकर अपने पिता को श्रीराम मूर्ति स्मारक अस्पताल में लेकर गई. जहां पर उसके पिता को आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज देने के बदले अस्पताल प्रशासन ने पैसों की मांग की जो शिखा नहीं दे सकी. इलाज न मिलने से उसके पिता की मौत हो गई. इसके बाद शिखा ने सीएम योगी के हेल्पलाइन नम्बर पर भी शिकायत की थी.

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आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज न देने की ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं. इस तरह के मामले खत्म करने के लिए सभी अस्पतालों को एक नोटिस जारी किया गया है. यदि कोई मरीज आयुष्मान कार्ड लेकर आया है तो उसको प्राथमिकता दें, उसका बेहतर इलाज करें. यदि किसी तरह की टालमटोल की जाएगी तो अस्पताल के ऊपर कड़ी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
-विनीत शुक्ल, सीएमओ

Intro:एंकर:- आयुष्मान योजना के तहत इलाज न मिलने से बरेली में बुजुर्ग की मौत का एक और मामला सामने आया है। इसके बाद स्वास्थ विभाग से लेकर प्रशासन तक खलबली मच गई। आलाअधिकारियों की तो पैरों तले ही ज़मीन ही निकल गयी हो।


Body:Vo1 आपको बता दे कि आयुष्मान योजना के तहत सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त इलाज दिलाने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को लागू किया था लेकिन अब कई अस्पताल अपनी मनमानी पर उतर आये हैं। उनके अनुसार आयुष्मान की कार्ड की कोई औकात नहीं उनको सिर्फ पैसे से मतलब है। बिना पैसे के इलाज संभव नहीं है यहाँ तक कि अस्पताल वाले ये तक कहते है कि ये आयुष्मान कार्ड उनके इलाज प्रक्रिया के लिए  मान्य ही नहीं है।


Vo2:- इसी क्रम के चलते एक और मामला सामने आया है जहाँ आयुष्मान कार्ड होते हुए भी मढ़ीनाथ के रहने वाले कन्हाई लाल को अस्पताल वालों ने का इलाज नहीं किया एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से तीसरे अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े जिसके कारण बुज़ुर्ग कन्हाई लाल की मौत हो जाती है। उनके परिवार वाले अब प्रशासन से इंसाफ चाहते है मृतक कन्हाई लाल की बेटी शिखा का कहना के मेरे  पिता की मौत के ज़िम्मेदार अस्पताल वालों पर सख्त कार्यवाही हो और मेरे परिवार को इंसाफ मिले। 


Vo3:- उनकी बेटी शिखा का कहना है कि उसके पिता कन्हाई लाल को पेरलाइसेस हुआ था जिसके चलते वो उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए थे तो वहां पर नुरोलॉजिस्ट नहीं था जिस कारण से उनके पिता को जिला अस्पताल वालों ने एडमिट करने से मना कर दिया और कहा कि यहाँ नुरोलीजिस्ट नहीं है अगर इनको यहाँ पर रखना है तो अपने रिस्क पर रखना होगा हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी। फिर शिखा मजबूर होकर अपने पिता श्री राम मूर्ति स्मारक अस्पताल में लेकर गयी जहाँ  पर उसके पिता को आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज देने के बदले अस्पताल प्रशासन ने पैसों की मांग की जो शिखा नहीं दे सकी जिस कारण से उसके पिता की मौत हो गयी इसके बाद शिखा ने योगी जी की हेल्पलाइन नम्बर पर भी शिकायत की थी। चार बहनों में सबसे बड़ी शिखा का कहना है कि उसको सरकारी नोकरी दी जाए जिससे वो अपने परिवार को एक बेहतर भविष्य दे सके।


बाईट :-शिखा मृतक की बेटी


Vo4:- वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज ना देने की ऐसी कई शिकायतें आ रही है कि हमारा कार्ड होने के बावजूद भी इलाज नहीं मिला इस तरह के मामले खत्म करने के लिए सभी अस्पतालों को एक नोटिस जारी किया गया है कि यदि कोई मरीज़ आयुष्मान कार्ड लेकर आया है तो उसको प्रथमिकता दे उसका बेहतर इलाज करें यदि किसी तरह की टालमटोल की जाएगी तो अस्पताल के ऊपर कड़ी धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।


बाईट:- सीएमओ विनीत शुक्ल





Conclusion:Fvo:-अब देखना ये है कि कब तक इस परिवार को इंसाफ मिलेगा क्योंकि जनता का आयुष्मान कार्ड पर भरोसा कायम रखने के लिए सरकार किस तरह इस मामले की जांच कर कार्यवाही करती है।

रंजीत शर्मा

ई टी वी भारत

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Last Updated : Dec 6, 2019, 10:04 PM IST
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