बरेली: जिल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज न मिलने से अधेड़ की मौत हो गई. इससे स्वास्थ विभाग से लेकर प्रशासन तक खलबली मच गई. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त इलाज दिलाने के लिए की थी, लेकिन अब कई अस्पताल अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.
जिले के मढ़ीनाथ निवासी अधेड़ कन्हाई लाल आयुष्मान कार्ड से अपना इलाज कराना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वालों ने उनका इलाज नहीं किया. इस दौरान अधेड़ मरीज को एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से तीसरे अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. जिसके कारण अधेड़ कन्हाई लाल की मौत हो गई. उनके परिवार वाले अब प्रशासन से इंसाफ मांग रहे हैं.
मृतक की बेटी ने दी जानकारी
बेटी शिखा का कहना है कि उसके पिता कन्हाई लाल को पेरलाइसेस हुआ था, जिसके चलते वह उन्हें जिला अस्पताल लेकर गई थी. जिला अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट नहीं था, जिसके कारण उनके पिता को जिला अस्पताल वालों ने एडमिट करने से मना कर दिया और कहा कि यहां न्यूरोलीजिस्ट नहीं है अगर इनको यहां पर रखना है तो अपने रिस्क पर रखना होगा, हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
इलाज न मिलने से हुई मौत
शिखा मजबूर होकर अपने पिता को श्रीराम मूर्ति स्मारक अस्पताल में लेकर गई. जहां पर उसके पिता को आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज देने के बदले अस्पताल प्रशासन ने पैसों की मांग की जो शिखा नहीं दे सकी. इलाज न मिलने से उसके पिता की मौत हो गई. इसके बाद शिखा ने सीएम योगी के हेल्पलाइन नम्बर पर भी शिकायत की थी.
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आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज न देने की ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं. इस तरह के मामले खत्म करने के लिए सभी अस्पतालों को एक नोटिस जारी किया गया है. यदि कोई मरीज आयुष्मान कार्ड लेकर आया है तो उसको प्राथमिकता दें, उसका बेहतर इलाज करें. यदि किसी तरह की टालमटोल की जाएगी तो अस्पताल के ऊपर कड़ी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
-विनीत शुक्ल, सीएमओ