प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को मौसिया ससुर और सास की गिरफ्तारी के समय अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इनके खिलाफ बहू के साथ मारपीट, गाली-गलौज व दुराचार करने के आरोप में प्रयागराज के दारागंज थाने में FIR दर्ज कराई गई है. अदालत ने याचियों को शर्तों का पालन करने का भी निर्देश दिया. साथ ही पुलिस को तीन माह में विवेचना पूरी करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति वीके सिंह ने अजय पांडेय और उमा पांडेय की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया. अर्जी पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की थी. याची का कहना था कि उसे फर्जी, मनगढ़ंत आरोपों में झूठा फंसाया गया है. उसने कोई अपराध नहीं किया है और न ही कोई आपराधिक इतिहास है.
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शिकायत कर्ता के साथ हुए समझौते में उसने खुद ही लगाये आरोपों से इंकार किया है. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की है. उसे आशंका है कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, इसीलिए वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार है. कोर्ट ने 25 हजार के व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति पर गिरफ्तारी के समय अग्रिम जमानत पर रिहा करना कहा आदेश दिया.
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