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कासगंज के युवक की हिरासत में मौत का मामला, PUCL को याचिका संशोधित करने का आदेश - prayagraj news in hindi

कासगंज के युवक की हिरासत में मौत का मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश. मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने PUCL को याचिका संशोधित करने का निर्देश दिया.

kasganj youth death in police custody
kasganj youth death in police custody
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Published : Dec 13, 2021, 10:28 PM IST

प्रयागराज: कासगंज के युवक अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संशोधित करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पीयूसीएल की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता एसएफए नकवी से ‌कहा है कि वह याचिका में कुछ गैरजरूरी तथ्यों को हटाकर नए सिरे से प्रस्तुत करें. याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

याचिका में कहा गया कि अल्पताल की पुलिस लॉकअप में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक अल्ताफ ने बाथरूम में पानी के पाइप से लटक कर खुदकुशी की थी. याचिका में कहा गया कि दो फीट ऊंचे पाइप से साढ़े पांच फीट लंबे व्यक्ति के लटक कर खुदकुशी करने की बात वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगती. ऐसा मुमकिन नहीं है. इसलिए निष्पक्ष एजेंसी से दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए. इसकी वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ भी लिए जाएं. याचिका में मांग की गई कि पोस्टमार्टम में राज्य सरकार में सेवारत डाक्टर या कर्मचारी नहीं हों.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि हिरासत में होने वाली मौत के मामलों में पोस्टमार्टम निष्पक्ष एजेंसी से कराने के लिए सामान्य दिशानिर्देश जारी किए जाएं. ऐसे मामलों में राज्य सरकार की किसी एजेंसी को पोस्टमार्टम में शामिल न किया जाए. पीयूसीएल ने अल्ताफ की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दाखिल की थी.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: जानें सबसे पहले पीएम क्यों गए काल भैरव मंदिर और क्यों किया गुप्त पूजन

याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी पुलिस थाने में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. जांच के समय कैमरे का इस्तेमाल भी नहीं होता है. यह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि याचिका में बहुत सी ऐसी मांगे की गई हैं, जो इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आती हैं. कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को संशोधित याचिका दाखिल करने की छूट दी है.

यह था मामला

कासगंज के 22 वर्षीय अल्ताफ को पुलिस ने एक लड़की की गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार किया था. यहां नौ नवंबर को वह लॉकअप में मृत पाया गया था. पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने अपने जैकेट की डोरी से पानी के पाइप से फंदा बांध कर खुदकुशी कर ली थी.

याची का कहना है कि जिस पाइप से लटक कर खुदकुशी की बात कही जा रही है, वह जमीन से मात्र दो फीट ऊपर है. इस मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुलिस का कहना है कि मामले की विभागीय और मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है.

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प्रयागराज: कासगंज के युवक अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संशोधित करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पीयूसीएल की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता एसएफए नकवी से ‌कहा है कि वह याचिका में कुछ गैरजरूरी तथ्यों को हटाकर नए सिरे से प्रस्तुत करें. याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

याचिका में कहा गया कि अल्पताल की पुलिस लॉकअप में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक अल्ताफ ने बाथरूम में पानी के पाइप से लटक कर खुदकुशी की थी. याचिका में कहा गया कि दो फीट ऊंचे पाइप से साढ़े पांच फीट लंबे व्यक्ति के लटक कर खुदकुशी करने की बात वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगती. ऐसा मुमकिन नहीं है. इसलिए निष्पक्ष एजेंसी से दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए. इसकी वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ भी लिए जाएं. याचिका में मांग की गई कि पोस्टमार्टम में राज्य सरकार में सेवारत डाक्टर या कर्मचारी नहीं हों.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि हिरासत में होने वाली मौत के मामलों में पोस्टमार्टम निष्पक्ष एजेंसी से कराने के लिए सामान्य दिशानिर्देश जारी किए जाएं. ऐसे मामलों में राज्य सरकार की किसी एजेंसी को पोस्टमार्टम में शामिल न किया जाए. पीयूसीएल ने अल्ताफ की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दाखिल की थी.

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याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी पुलिस थाने में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. जांच के समय कैमरे का इस्तेमाल भी नहीं होता है. यह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि याचिका में बहुत सी ऐसी मांगे की गई हैं, जो इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आती हैं. कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को संशोधित याचिका दाखिल करने की छूट दी है.

यह था मामला

कासगंज के 22 वर्षीय अल्ताफ को पुलिस ने एक लड़की की गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार किया था. यहां नौ नवंबर को वह लॉकअप में मृत पाया गया था. पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने अपने जैकेट की डोरी से पानी के पाइप से फंदा बांध कर खुदकुशी कर ली थी.

याची का कहना है कि जिस पाइप से लटक कर खुदकुशी की बात कही जा रही है, वह जमीन से मात्र दो फीट ऊपर है. इस मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुलिस का कहना है कि मामले की विभागीय और मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है.

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