नई दिल्ली : विप्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा (Wipro Infosys and Tech Mahindra) सहित कुछ आईटी कंपनियाें ने भर्ती प्रकिया में देरी के बाद ऑफर लेटर रद कर दिए हैं (reject freshers after giving them offer letters). मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक दिग्गजों से ऑफर पाने वाले सैकड़ों फ्रेशर्स की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में लगभग 3-4 महीने की देरी के बाद ऑफर लेटर रद्द हो गए.
एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि आईटी फर्मों - इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा ने महीनों तक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में देरी के बाद छात्रों को दिए गए ऑफर लेटर रद्द कर दिए. अभ्यर्थियों का दावा है कि उन्होंने करीब 3-4 महीने पहले टॉप टेक कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई किया था. साक्षात्कार के दौर के बाद, उन्हें ऑफर लेटर भी मिले, लेकिन जॉइनिंग के लिए इंतजार है. आईटी फर्मों ने ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में महीनों तक देरी की. अब उन्हें पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि उनका रोजगार पत्र रद्द किया जा रहा है. अभ्यर्थियों ने आगे उल्लेख किया कि तकनीकी कंपनियों ने पात्रता मानदंड और कंपनी के दिशानिर्देशों के आधार पर उनके प्रस्ताव पत्रों को रद्द कर दिया है.
बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि 'आप हमारे शैक्षणिक योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं, इसलिए आपका प्रस्ताव शून्य है.' आईटी फर्मों द्वारा अपने ऑफर लेटर को वापस लेने की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब दुनिया भर में आईटी उद्योग में मंदी की बात हो रही है. चर्चा यह है कि पैसे की आपूर्ति सख्त होने के कारण - दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं. आईटी दुनिया में स्टार्टअप के लिए उपलब्ध आसान धन की आपूर्ति कम हो रही है, और यह सभी आईटी कंपनियों को प्रभावित कर रहा है.
प्रतिकूल व्यावसायिक परिस्थितियों के कारण कई कंपनियों ने हायरिंग फ्रीज कर दी है. यहां तक कि गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों ने भी नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और टीमों को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि हाल ही में प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो ने अपने एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के साथ 'मूनलाइटिंग' करते हुए पाए गए 300 कर्मचारियों को एक ही समय में बर्खास्त कर दिया था.
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