मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास रुपये में गिरावट और अन्य वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के बीच शुक्रवार को सुबह 10 बजे मीडिया को संबोधित किया.
आरबीआई गवर्नर 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से दूसरी बार मीडिया को संबोधित किया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. ऐसे में लॉकडाउन बढ़ने के बाद अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए दास ने अहम घोषणाएं की.
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इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई ने समय से पहले मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रिपो दरों में रिकॉर्ड 0.75 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही रेपो दर 15 साल के निचले स्तर 4.40 प्रतिशत पर आ गई थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें:-
- वित्तीय हालात पर आरबीआई की पूरी नजर है
- दुनियाभर में कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं
- देश की वित्तीय हालत पहले से बिगड़ी है, लेकिन भारत के हालात अन्य देशों से बेहतर.
- दुनिया में बड़ी मंदी के अनुमान और आसार हैं, करीब 9 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है नुकसान
- दुनियाभर के बाजारों को भारी नुकसान हो रहा है
- भारत में एटीएम पूरी क्षमता के साथ 90 फीसदी काम कर रहे हैं
- कोरोना का दौर जाने के बाद 7.4 फीसदी की विकास दर का अनुमान
- कोरोना से होने वाले नुकसान को रोकने के मिशन पर काम जारी
- 27 मार्च के बाद मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति में गिरावट आई है
- सामान्य मॉनसून के अनुमान से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी संभव
- 10 अप्रैल तक विदेशी मुद्रा भंडार 47,650 करोड़ डॉलर
- सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने का प्रयास
- बैंक वित्तवर्ष 20 के लिए डिविडेंड का ऐलान नहीं कर सकते हैं
- कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है
- महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं
- आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है
- आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फरवरी के आईआईपी आंकड़ों में कोविड-19 के प्रभाव समाहित नहीं
- मार्च में ऑटोमोबाइल उत्पादन, बिक्री में तेज गिरावट, बिजली मांग भी तेजी से घटी है
- मार्च में निर्यात 34.6% घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक है
- केंद्रीय बैंक के कदमों से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार आया है, यह बढ़ी है
- आरबीआई प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखने, बैंक ऋण प्रवाह को आसान बनाने, वित्तीय दबाव को कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा करेगा
- शक्तिकांत दास ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ टीएलटीआरओ-2.0 शुरू होगा.
- आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर 4% से घटाकर 3.75% की
- नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी जैसे वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता उपलबध कराई जाएगी
- खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में नीचे आई है, यह गिरावट के रास्ते पर है
- एनबीएफसी द्वारा रियल एस्टेट कंपनियों को दिए गए कर्ज पर भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये गये कर्ज की तरह ही समान लाभ उपलब्ध होंगे
- कोविड-19 महामारी के कारण सामने आई वित्तीय कठिनाइयों के चलते बैंक आगे किसी लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे
- शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों द्वारा मौजूदा ऋणों की वापसी पर लगाई गई रोक पर 90 दिन का एनपीए नियम लागू नहीं होगा
- रेपो दर में कोई बदलाव नहीं