लखनऊ : राजधानी के किसी भी महिला अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट यानी एचडीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं है. एचडीयू की सुविधा महिला अस्पतालों के लिए न केवल जरूरी है, बल्कि अस्पताल का एक अभिन्न अंग भी होता है, क्योंकि इस यूनिट में गंभीर मरीजों को अंडर ऑब्जर्वेशन रखा जाता है. जहां उनकी प्रतिपल देख-रेख की जाती है.
- राजधानी के जिला महिला अस्पताल में एचडीयू की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है.
- वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल में एक दिन में ढाई सौ से 300 मरीज भर्ती रहते हैं.
- यहां पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी के लिए तो अलग वार्ड बना हुआ है, लेकिन हाई डिपेंडेंसी यूनिट अब तक नहीं बन पाई है.
क्या होती है हाई डिपेंडेंसी यूनिट
- वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ सुधा वर्मा ने बताया कि हाई डिपेंडेंसी यूनिट गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली मरीजों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है.
- महिला की मॉनिटरिंग में हाई डिपेंडेंसी यूनिट काफी सहायक साबित हो सकती है.
- इसके अलावा कुछ और मरीज जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हों या फिर गर्भ में हो रही परेशानियों आदि के लिए भी एचडीयू की आवश्यकता पड़ती है.
- यदि एक दिन में 30 से 40 गर्भवती महिलाओं का प्रसव होता है तो उसमें लगभग 5 से 7 महिलाएं हाई डिपेंडेंसी यूनिट में मॉनिटर की जाती हैं.
फिलहाल महिला अस्पतालों में एचडीयू का न होना, वहां आने वाले गंभीर मरीजों और हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली गर्भवती महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरा होता है. अगर एचडीयू अस्पताल में उपलब्ध होता तो इससे न केवल मरीजों के इलाज में मदद मिलती, बल्कि बड़े अस्पतालों में होने वाले रेफर मामलों में भी कमी आ सकती है.