लखनऊ :अपने विवादित बयानों से अक्सर चर्चा में बने रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी अब अपने द्वारा लिखी गई फ़िल्म 'राम जन्मभूमि' को 29 मार्च को रिलीज़ कर सकते है.
दरअसल चेयरमैन वसीम रिज़वी ने पिछले साल हलाला और राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर फ़िल्म बनाई थी, जिसको लेकर देश भर में विवाद भी खड़ा होता दिखाई दिया था. इसके साथ ही फ़िल्म पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक भी लगा दी थी, जिससे 25 जनवरी की रिलीज़ की तारीख़ रद्द हो गई थी.
फिल्म में कारसेवकों पर गोली चलाने और विवादित ढांचा विध्वंस से जुड़े सीन भी होंगे. बता दें कि वसीम रिजवी लगातार इस बात की मुहिम चला रहे हैं कि अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर बनना चाहिए, मस्जिद को वहां से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए.
माना जा रहा है ट्रेलर से लेकर फ़िल्म में कई बदलाव के बाद अब फ़िल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है, जिससे अब फ़िल्म पर लटकी तलवार हट सकती है. रिज़वी आगामी 29 मार्च को फ़िल्म रिलीज़ करने का मन बना रहे है. फ़िल्म के प्रोड्यूसर और लेखक खुद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी हैं और फ़िल्म का अधिकतर हिस्सा अयोध्या और फैज़ाबाद में शूट किया गया है.
फ़िल्म में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को दर्शाया गया है, जिसकी वजह से देश भर में इस फ़िल्म पर लोगों ने एतराज ज़ाहिर किया था. वसीम रिज़वी ने आज अपना बयान जारी करते हुए कहा कि फ़िल्म में अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों की हत्या को दर्शाया गया है. लोगों पर चलाई गई गोलियों को दिखाया गया है और पाकिस्तान के एक मौलाना के किरदार को दिखाते हुए मुस्लिम समाज में हलाला और तीन तलाक जैसे कलंकित कुरीतियों को उजागर करने की कोशिश की गई है. इसके साथ ही सेंसर बोर्ड से पास फ़िल्म का पोस्टर और ट्रेलर रिलीज़ किया गया, जिसमें फ़िल्म का नाम 'राम जन्मभूमि' से बदलकर 'राम की जन्मभूमि' कर दिया गया है. रिज़वी का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि 29 मार्च को इस फ़िल्म को रिलीज कर दिया जाए.