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नकल विहीन बोर्ड परीक्षा के लिए निकाला गया है ये फार्मूला - बुलंदशहर न्यूज

सूबे में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिले में भी यूपी बोर्ड परीक्षाओं को सफलतापूर्वक नकल विहीन पद्धति से आयोजित कराने को लेकर तमाम कवायदें शुरु हो चुकी हैं.

नकल विहीन बोर्ड परीक्षा के लिए निकाला गया है ये फार्मूला
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Published : Feb 11, 2019, 11:43 AM IST

बुलंदशहर: प्रदेश भर में नकल विहीन परीक्षा आयोजित कराने के लिए शासन ने तमाम कवायदे की गई हैं, तो वहीं इसमें प्राथमिक विद्यालयों के भी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है. बुलंदशहर में करीब एक हजार प्राथमिक टीचरों की ड्यूटी की यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में लगाई गई है, तो वहीं खास बात यह है कि जिस विषय का पेपर होगा उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी उस दिन परीक्षाकेंद्र में नहीं लगाई जा सकती.

सूबे में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिले में भी यूपी बोर्ड परीक्षाओं को सफलतापूर्वक नकल विहीन पद्द्ति से आयोजित कराने को लेकर तमाम कवायदें शुरु हो चुकी हैं, कुल 94 परीक्षा केंद्र जिले भर में बनाए गए हैं जहां कुल 78936 विद्यार्थी परीक्षा देंगे. शासन की मंशा है कि नकलविहीन परीक्षाओं को सफलता पूर्वक कराया जाए, इसके लिए जिले में प्राथमिक स्कूलों से भी कुल एक हजार दो शिक्षकों को परीक्षा में डियूटी के लिए भेजा गया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल एक हजार दो शिक्षक यहां से भेज दिए हैं.

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नकल विहीन बोर्ड परीक्षा के लिए निकाला गया है ये फार्मूला
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इतना ही नहीं जो दूसरी खास बात है जिसका बोर्ड परीक्षाओं में विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है वो तो और भी चुनोतियों से भरा है हालांकि विद्यालय तंत्र से जुड़े जानकार और जिम्मेदारों का कहना है कि कठिनाई तो हैं लेकिन नियम का पालन कराना उनकी जवाबदेही है. दरअसल शासन के आदेश पर इस ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होगी उस दिन उस विषय के अध्यापक को बतौर कक्ष निरीक्षक परिक्षाकेन्द्र में डियूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा. इस फार्मूले से परीक्षा संचालित करने में भी खासी दिक्कतें आने की बात केंद्र व्यवस्थापकों के द्वारा दबी जुबान से कही जा रही हैं,क्योंकि प्रत्येक दिन परिक्षा केन्द्र पर कक्ष निरीक्षकों की डियूटी बदली जाएगी. हालांकि इसका पालन कितना हो पायेगा ये अलग बात है.

बहरहाल इतना समझा जा सकता है कि बोर्ड की परीक्षाएं बेहतर ढंग से सम्पन्न हों ,इसके लिए तमाम उन बिंदुओं को ध्यान में रखा जा रहा है जिससे परीक्षा जरा भी प्रभावित होती हो,शासन की सख्ती साफतौर पर देखी जा रही है तो वहीं नकल माफ़ियाओं के अरमानों पर पानी फिर चुका दिखाई दे रहा है. सरकार की नकल विहीन शिक्षा परीक्षा पद्द्ति असल मेहनती छात्रों के लिए और उस हर विधार्थी के लिए विशेषतौर पर लाभकारी है जो वाकई होनहार हैं,और अपने बल पर पोजिशन ला सकते हैं.

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बुलंदशहर: प्रदेश भर में नकल विहीन परीक्षा आयोजित कराने के लिए शासन ने तमाम कवायदे की गई हैं, तो वहीं इसमें प्राथमिक विद्यालयों के भी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है. बुलंदशहर में करीब एक हजार प्राथमिक टीचरों की ड्यूटी की यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में लगाई गई है, तो वहीं खास बात यह है कि जिस विषय का पेपर होगा उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी उस दिन परीक्षाकेंद्र में नहीं लगाई जा सकती.

सूबे में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिले में भी यूपी बोर्ड परीक्षाओं को सफलतापूर्वक नकल विहीन पद्द्ति से आयोजित कराने को लेकर तमाम कवायदें शुरु हो चुकी हैं, कुल 94 परीक्षा केंद्र जिले भर में बनाए गए हैं जहां कुल 78936 विद्यार्थी परीक्षा देंगे. शासन की मंशा है कि नकलविहीन परीक्षाओं को सफलता पूर्वक कराया जाए, इसके लिए जिले में प्राथमिक स्कूलों से भी कुल एक हजार दो शिक्षकों को परीक्षा में डियूटी के लिए भेजा गया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल एक हजार दो शिक्षक यहां से भेज दिए हैं.

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इतना ही नहीं जो दूसरी खास बात है जिसका बोर्ड परीक्षाओं में विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है वो तो और भी चुनोतियों से भरा है हालांकि विद्यालय तंत्र से जुड़े जानकार और जिम्मेदारों का कहना है कि कठिनाई तो हैं लेकिन नियम का पालन कराना उनकी जवाबदेही है. दरअसल शासन के आदेश पर इस ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होगी उस दिन उस विषय के अध्यापक को बतौर कक्ष निरीक्षक परिक्षाकेन्द्र में डियूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा. इस फार्मूले से परीक्षा संचालित करने में भी खासी दिक्कतें आने की बात केंद्र व्यवस्थापकों के द्वारा दबी जुबान से कही जा रही हैं,क्योंकि प्रत्येक दिन परिक्षा केन्द्र पर कक्ष निरीक्षकों की डियूटी बदली जाएगी. हालांकि इसका पालन कितना हो पायेगा ये अलग बात है.

बहरहाल इतना समझा जा सकता है कि बोर्ड की परीक्षाएं बेहतर ढंग से सम्पन्न हों ,इसके लिए तमाम उन बिंदुओं को ध्यान में रखा जा रहा है जिससे परीक्षा जरा भी प्रभावित होती हो,शासन की सख्ती साफतौर पर देखी जा रही है तो वहीं नकल माफ़ियाओं के अरमानों पर पानी फिर चुका दिखाई दे रहा है. सरकार की नकल विहीन शिक्षा परीक्षा पद्द्ति असल मेहनती छात्रों के लिए और उस हर विधार्थी के लिए विशेषतौर पर लाभकारी है जो वाकई होनहार हैं,और अपने बल पर पोजिशन ला सकते हैं.

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Intro:प्रदेश भर में नकल विहीन परीक्षा आयोजित कराने के लिए शासन से तमाम कवायदे की गई हैं, तो वहीं इसमें प्राथमिक विद्यालयों के भी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है अकेले बुलंदशहर की अगर बात करें तो बुलंदशहर में ही करीब एक हजार अध्यापकों की ड्यूटी प्राथमिक टीचरों की यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में लगाई गई है, तो वहीं खास बात यह है कि जिस विषय का पेपर होगा उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी उस दिन परीक्षाकेंद्र में नहीं लगाई जा सकती, पडतालपूर्ण रिपोर्ट देखिए


Body:सूबे में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिले में भी यूपी बोर्ड परीक्षाओं को सफलतापूर्वक नकल विहीन पद्द्ति से आयोजित कराने को लेकर तमाम कवायदें शुरु हो चुकी हैं,कुल 94 परीक्षा केंद्र जिले भर में बनाए गए हैं जहां कुल 78936 विद्यार्थी परीक्षा देंगे, अभी हालांकि जिन विषयों की परीक्षा चल रही हैं,उन विषयों को लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम हैं,मुख्यरूप से देखा जाए तो 12 फरवरी से परिक्षाकेन्द्रों पर माहौल बदला हुआ नजर आएगा,क्योंकि अभी तो किसी परिक्षाकेन्द्र पर जहां कोई परीक्षार्थी नहीं है,तो कहीं इक्का दुक्का छात्र ही एग्जाम देते नजर आते हैं, शासन की मंशा है कि नकलविहीन परिक्षाओं को सफलता पूर्वक कराया जाए,इसके लिए जिले में प्राथमिक स्कूलों से भी कुल एक हजार दो शिक्षकों को परीक्षा में डियूटी के लिए भेजा गया है, जिससे कहीं न कहीं जहां एक तरफ प्राथमिक स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होना स्वाभाविक है।हालांकि इस बारे में कोई कुछ नहीं बोलना चाहता।फिलहाल बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव ने ईटीवी को बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए जिलाविधालय दफ्तर से कुल एक हजार दो शिक्षकों की मांग उनसे की थी उन्होंने बोर्ड परिक्षाओं के लिए इतने शिक्षक अपने यहां से जब तक परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती हैं,भेज दिए हैं,साथ ही वो कहते हैं कि अगर और अध्यापकों की आवश्यकता होगी तो वो उसे भी पूरा करने का प्रयास करेंगे।

बाइट..अम्बरीष कुमार यादव,बेसिक शिक्षा अधिकारी,बुलन्दशहर।

इतना ही नहीं जो दूसरी खास बात है जिसका बोर्ड परीक्षाओं में विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है वो तो और भी चुनोतियों से भरा है हालांकि विद्यालय तंत्र से जुड़े जानकार और जिम्मेदारों का कहना है कि कठिनाई तो हैं लेकिन नियम का किर्यान्वयन कराना उनकी जवाबदेही है और वो उसके लिए दृढ़संकल्पित हैं कि कैसे भी परीक्षाएं पूर्णतया नकल विहीन कराई जाएं।दरअसल शासन के आदेश पर इस ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होगी उस दिन उस विषय के अध्यापक को बतौर कक्ष निरीक्षक परिक्षाकेन्द्र में डियूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा।इस फार्मूले से परीक्षा संचालित करने में भी खासी दिक्कतें आने की बात केंद्र व्यवस्थापकों के द्वारा दबी जुबान से कही जा रही हैं,क्योंकि प्रत्येक दिन परिक्षाकेन्द्र पर कक्ष निरीक्षकों की डियूटी बदली जाएगी ।हालांकि इसका पालन कितना हो पायेगा ये अलग बात है।

बाइट...
अनिल कुमार अग्रवाल,प्रधानाचार्य,डीएवी स्कूल बुलन्दशहर ।



Conclusion:बहरहाल इतना समझा जा सकता है कि बोर्ड की परीक्षाएं बेहतर ढंग से सम्पन्न हों ,इसके लिए तमाम उन बिंदुओं को ध्यान में रखा जा रहा है जिससे परीक्षा जरा भी प्रभावित होती हो,शासन की सख्ती साफतौर पर देखी जा रही है तो वहीं नकल माफ़ियाओं के अरमानों पर पानी फिर चुका दिखाई दे रहा है।सरकार की नकल विहीन शिक्षा परीक्षा पद्द्ति असल मेहनती छात्रों के लिए और उस हर विधार्थी के लिए विशेषतौर पर लाभकारी है जो वाकई होनहार हैं,और अपने बल पर पोजिशन ला सकते हैं।

पीटीसी...श्रीपाल तेवतिया,बुलन्दशहर

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