ETV Bharat / briefs

किसान दिवस से संतुष्ट नही होते किसान, उठाने लगे सवाल

किसान दिवस में किसानों की समस्याओ का समाधान तो दूर जिम्मेदार अधिकारी भी नही पहुंच रहे है. जिसके चलते किसान दिवस पर किसान ही सवाल खड़े करने लगे है.

author img

By

Published : Feb 2, 2019, 5:49 AM IST

Etv Bharat

सहारनपुर : एक ओर जहां योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के साथ किसानों की हर समस्या का समाधान करने के दावे कर रही है. जिसके लिए बाकायदा सरकार ने किसान दिवस योजना लागू कर अधिकारियों को किसानों की शिकायत सुनने के निर्देश दिए है. लेकिन किसान दिवस में किसानों की समस्याओ का समाधान तो दूर जिम्मेदार अधिकारी भी नही पहुंच रहे है. जिसके चलते किसान दिवस पर किसान ही सवाल खड़े करने लगे है.

किसानों के मुताबिक उन्हें किसान दिवस में बुलाकर महज कागजी खानापूर्ति की जाती है, क्योंकि किसानों से सम्बंधित ज्यादातर विभागों के अधिकारी किसान दिवस में नही आते. जबकि कृषि अधिकारी किसानों की समस्याओ को शासन स्तर की होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे है.

किसान दिवस से संतुष्ट नही होते किसान

undefined

आपको बता दें कि 2007 में आई बसपा सरकार में तत्कालीन मुख्य मंत्री मायावती ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समाधान दिवस योजना चलाई थी. लेकिन 2017 में आई बीजेपी सरकार ने इसका नाम बदल कर किसान दिवस कर दिया था। इस योजना के मुताबिक महीने के हर तीसरे बुधवार को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर किसान दिवस आयोजित कर किसानों की समस्या सुन कर उनका समाधान करने के निर्देश दिए गए.

शासन आदेश पर हर जिले किसान दिवस तो लगने लगे लेकिन किसान दिवस में न तो अधिकारी पहुंचते ओर ना ही किसानों की समस्याओं का समाधान हो रहा. जिसके चलते किसानों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. इतना ही नही संबधित विभाग के अधिकारी नही पाहींचने पर अन्य अधिकारियों से नोक झोंक भी हो जाती है.

किसानों को माने तो बिजली , पानी की समस्या से लेकर खाद बीज और गन्ने के बकाया भुगतान की सबसे बड़ी समस्या रहती है. जिसके लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काटते रहते है। यही हाल किसान दिवस में रहता है यहां किसानों के शिकायती पत्र लेकर रद्दी के डिब्बो में डाल देते है.


कृषि अधिकारी राकेश बाबू का कहना है कि किसानों की कुछ शिकायते ऐसी होती है जो शासन स्तर पर ही निपटाई जा सकती है। ऐसी शिकायते लेकर शासन को भेज दी जाती है.

सहारनपुर : एक ओर जहां योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के साथ किसानों की हर समस्या का समाधान करने के दावे कर रही है. जिसके लिए बाकायदा सरकार ने किसान दिवस योजना लागू कर अधिकारियों को किसानों की शिकायत सुनने के निर्देश दिए है. लेकिन किसान दिवस में किसानों की समस्याओ का समाधान तो दूर जिम्मेदार अधिकारी भी नही पहुंच रहे है. जिसके चलते किसान दिवस पर किसान ही सवाल खड़े करने लगे है.

किसानों के मुताबिक उन्हें किसान दिवस में बुलाकर महज कागजी खानापूर्ति की जाती है, क्योंकि किसानों से सम्बंधित ज्यादातर विभागों के अधिकारी किसान दिवस में नही आते. जबकि कृषि अधिकारी किसानों की समस्याओ को शासन स्तर की होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे है.

किसान दिवस से संतुष्ट नही होते किसान

undefined

आपको बता दें कि 2007 में आई बसपा सरकार में तत्कालीन मुख्य मंत्री मायावती ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समाधान दिवस योजना चलाई थी. लेकिन 2017 में आई बीजेपी सरकार ने इसका नाम बदल कर किसान दिवस कर दिया था। इस योजना के मुताबिक महीने के हर तीसरे बुधवार को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर किसान दिवस आयोजित कर किसानों की समस्या सुन कर उनका समाधान करने के निर्देश दिए गए.

शासन आदेश पर हर जिले किसान दिवस तो लगने लगे लेकिन किसान दिवस में न तो अधिकारी पहुंचते ओर ना ही किसानों की समस्याओं का समाधान हो रहा. जिसके चलते किसानों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. इतना ही नही संबधित विभाग के अधिकारी नही पाहींचने पर अन्य अधिकारियों से नोक झोंक भी हो जाती है.

किसानों को माने तो बिजली , पानी की समस्या से लेकर खाद बीज और गन्ने के बकाया भुगतान की सबसे बड़ी समस्या रहती है. जिसके लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काटते रहते है। यही हाल किसान दिवस में रहता है यहां किसानों के शिकायती पत्र लेकर रद्दी के डिब्बो में डाल देते है.


कृषि अधिकारी राकेश बाबू का कहना है कि किसानों की कुछ शिकायते ऐसी होती है जो शासन स्तर पर ही निपटाई जा सकती है। ऐसी शिकायते लेकर शासन को भेज दी जाती है.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के साथ किसानों की हर समस्या का समाधान करने के दावे कर रही है। जिसके लिए बाकायदा सरकार ने किसान दिवस योजना लागू कर अधिकारियों को किसानों की शिकायत सुनने के निर्देश दिए है। लेकिन किसान दिवस में किसानों की समस्याओ का समाधान तो दूर जिम्मेदार अधिकारी भी नही पहुंच रहे है। जिसके चलते किसान दिवस पर किसान ही सवाल खड़े करने लगे है। किसानों के मुताबिक उन्हें किसान दिवस में बुलाकर महज कागजी खानापूर्ति की जाती है। क्योंकि किसानों से सम्बंधित ज्यादातर विभागों के अधिकारी किसान दिवस में नही आते। जबकि कृषि अधिकारी किसानों की समस्याओ को शासन स्तर की होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे है।




Body:VO 1 - आपको बता दें कि 2007 में आई बसपा सरकार में तत्कालीन मुख्य मंत्री मायावती ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समाधान दिवस योजना चलाई थी। लेकिन 2017 में आई बीजेपी सरकार ने इसका नाम बदल कर किसान दिवस कर दिया था। इस योजना के मुताबिक महीने के हर तीसरे बुधवार को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर किसान दिवस आयोजित कर किसानों की समस्या सुन कर उनका समाधान करने के निर्देश दिए गए। शासन आदेश पर हर जिले किसान दिवस तो लगने लगे लेकिन किसान दिवस में न तो अधिकारी पहुंचते ओर ना ही किसानों की समस्याओं का समाधान हो रहा। जिसके चलते किसानों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। इतना ही नही संबधित विभाग के अधिकारी नही पाहींचने पर अन्य अधिकारियों से नोक झोंक भी हो जाती है। किसानों को माने तो बिजली , पानी की समस्या से लेकर खाद बीज और गन्ने के बकाया भुगतान की सबसे बड़ी समस्या रहती है। जिसके लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काटते रहते है। यही हाल किसान दिवस में रहता है यहां किसानों के शिकायती पत्र लेकर रद्दी के डिब्बो में डाल देते है।

बाइट - चरण सिंह ( जिला अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन )
बाइट - अरुण राणा ( किसान नेता )

VO 2 - जबकि कृषि अधिकारी राकेश बाबू का कहना है कि किसानों की कुछ शिकायते ऐसी होती है जो शासन स्तर पर ही निपटाई जा सकती है। ऐसी शिकायते लेकर शासन को बजेज दी जाती है।

बाइट - राकेश बाबू ( कृषि अधिकारी )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.