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नवजातों को स्वास्थ्य विभाग का तोहफा, 44 डिग्री में सिर्फ पंखे की हवा

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Published : Jun 15, 2019, 10:01 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सरकारी अस्पताल बीमार हालत में हैं. जिले के सरकारीअस्पतालों में अभी भी इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. ऐसा ही मामला जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है.

केराकत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मरीजों का हाल बेहाल

जौनपुर: प्रदेश में जननी सुरक्षा पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. मातृ-शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण पाने के लिए प्रसूताओं को प्रसव पूर्व और प्रसव बाद पोषण व सभी जांचें और इलाज निशुल्क किया जा रहा है. महिला अस्पताल में तो प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं और सीजर ऑपरेशन के बाद भर्ती होने वाली गर्भवतियों की सेहत का भी ख्याल अस्पताल प्रशासन को नहीं है. उन्हें पंखों की आग उगलती हवा में लिटाया जा रहा है. इससे उन पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. शिकायतों के बाद भी अस्पताल प्रशासन इस पर ध्यान न दे प्रसूताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है.

सरकारी अस्पताल में गर्मी से प्रसूता और नवजात बेहाल.

44 डिग्री में सिर्फ पंखे की हवा में नवजात

योगी सरकार सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत के माध्यम से स्वास्थ सुरक्षा का कवच देकर देश के 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाया. जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 44 डिग्री के तापमान में प्रसूता और नवजात को पंखे में ही रखा जा है. अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में प्रसूता मरीजों के लिए न तो एसी है न ही कूलर लगा हुआ है. इस तपती गर्मी में प्रसूता और नवजात परेशान हैं, लेकिन उनकी चिंता किसी को नहीं है.

जानें क्या है मामला

  • पिछले दिनों जिलाधिकारी ने अपने घर का एसी अस्पताल के जनरल वार्ड में लगाया तो उनके काम की पूरे देश में सोशल मीडिया पर चर्चा और वाहवाही हुई.
  • वहीं जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर अभी भी इस तपती गर्मी में मरीजों के लिए वार्ड में पंखे ही लगे हैं.
  • अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में चार प्रसूताएं भर्ती थीं.
  • प्रसूता महिलाओं के लिए गर्मी भगाने के लिए केवल पंखे ही लगे हैं.
  • केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खस्ताहाल है.
  • अस्पताल में कोई भी महिला डॉक्टर तैनात नहीं है, फिर भी नर्स के भरोसे प्रसव कराया जा रहा है.

साहब क्या करें गर्मी तो बहुत लग रही है, लेकिन यहां कोई इंतजाम ही नहीं है.

-राकेश यादव, तीमारदार

अस्पताल के महिला वार्ड में कूलर होना चाहिए. अगर वहां कूलर नहीं है तो इसके बारे में पूछा जाएगा.

-डॉ रामजी पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

जौनपुर: प्रदेश में जननी सुरक्षा पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. मातृ-शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण पाने के लिए प्रसूताओं को प्रसव पूर्व और प्रसव बाद पोषण व सभी जांचें और इलाज निशुल्क किया जा रहा है. महिला अस्पताल में तो प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं और सीजर ऑपरेशन के बाद भर्ती होने वाली गर्भवतियों की सेहत का भी ख्याल अस्पताल प्रशासन को नहीं है. उन्हें पंखों की आग उगलती हवा में लिटाया जा रहा है. इससे उन पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. शिकायतों के बाद भी अस्पताल प्रशासन इस पर ध्यान न दे प्रसूताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है.

सरकारी अस्पताल में गर्मी से प्रसूता और नवजात बेहाल.

44 डिग्री में सिर्फ पंखे की हवा में नवजात

योगी सरकार सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत के माध्यम से स्वास्थ सुरक्षा का कवच देकर देश के 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाया. जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 44 डिग्री के तापमान में प्रसूता और नवजात को पंखे में ही रखा जा है. अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में प्रसूता मरीजों के लिए न तो एसी है न ही कूलर लगा हुआ है. इस तपती गर्मी में प्रसूता और नवजात परेशान हैं, लेकिन उनकी चिंता किसी को नहीं है.

जानें क्या है मामला

  • पिछले दिनों जिलाधिकारी ने अपने घर का एसी अस्पताल के जनरल वार्ड में लगाया तो उनके काम की पूरे देश में सोशल मीडिया पर चर्चा और वाहवाही हुई.
  • वहीं जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर अभी भी इस तपती गर्मी में मरीजों के लिए वार्ड में पंखे ही लगे हैं.
  • अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में चार प्रसूताएं भर्ती थीं.
  • प्रसूता महिलाओं के लिए गर्मी भगाने के लिए केवल पंखे ही लगे हैं.
  • केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खस्ताहाल है.
  • अस्पताल में कोई भी महिला डॉक्टर तैनात नहीं है, फिर भी नर्स के भरोसे प्रसव कराया जा रहा है.

साहब क्या करें गर्मी तो बहुत लग रही है, लेकिन यहां कोई इंतजाम ही नहीं है.

-राकेश यादव, तीमारदार

अस्पताल के महिला वार्ड में कूलर होना चाहिए. अगर वहां कूलर नहीं है तो इसके बारे में पूछा जाएगा.

-डॉ रामजी पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:जौनपुर।। योगी सरकार सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की कोशिश में जुटी हुई है।वही केंद्र सरकार आयुष्मान भारत के माध्यम से स्वास्थ सुरक्षा का कवच देकर देश के 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुचाया।जौनपुर जनपद में अभी भी सरकारी अस्पताल बीमार है।जिले के सरकारी अस्पतालों में अभी भी इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।जौनपुर का केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 44 डिग्री के तापमान में प्रसूता और नवजात को पंखे में ही रखा जा है।अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में प्रसूता मरीजो के लिए न तो एसी है न ही कूलर लगा है।इस तपती गर्मी में प्रसूता और नवजात परेसान है लेकिन उनकी किसे चिंता।


Body:वीओ।।पिछले दिनों एक जिलाधिकारी ने अपने घर का एसी अस्पताल के जनरल वार्ड में लगाया तो उनके काम की पूरे देश मे सोशल मीडिया पर चर्चा हुई।वही जौनपुर के केराकत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर अभी भी इस तपती गर्मी मरीजो के वार्ड में पंखे ही लगे है। अस्पताल के जननी सुरक्षा वार्ड में चार प्रसूता महिला भर्ती थी लेकिन उनके लिए गर्मी भगाने कर लिए केवल पंखे ही लगे है जबकि इस भयंकर गर्मी में कूलर और एसी की व्यवस्था होनी चाहिए जो नही है।अस्पलात की हालत खस्ताहाल दिखी ।अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर तैनात नही है फिर भी नर्स के भरोसे प्रशव कराया जा रहा है।गर्मी से परेशान नवजात बच्चे के पिता राकेश यादव ने बताया गर्मी तो बहुत लग रही है क्या करे यहाँ कोई इंतेजाम नही है।


Conclusion:जिले मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम जी पांडेय ने बताया कि अस्पताल के महिला वार्ड में कूलर होना चाहिए । अगर वहाँ कूलर नही है तो इसके बारे में पूछा जाएगा।

बाइट-डॉ रामजी पांडेय-मुख्य चिकित्सा अधिकारी

बाइट-राकेश यादव -तीमारदार

Dharmendra singh
jaunpur
9044681067

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