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ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर छोटे अस्पतालों की हालत बदहाल

लखनऊ में छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. बड़ें अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पूरी कर दी गई है, लेकिन छोटे अस्पतालों की हालत खराब है.

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Published : Apr 26, 2021, 5:29 AM IST

अस्पतालों को नहीं मिल रही ऑक्सीजन
अस्पतालों को नहीं मिल रही ऑक्सीजन

लखनऊ: राजधानी में दो ऑक्सीजन टैंकर आने के बाद अस्पतालों को कुछ राहत तो जरूर मिली है, लेकिन छोटे हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत अभी भी बरकरार है. ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलने के बाद कुछ अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती शर्तों के साथ शुरू की है. अस्पतालों ने शर्त रखी है कि तीमारदार ऑक्सीजन सिलेण्डर का इंतजाम खुद करें.


एरा अस्पताल की स्थिति बदली

हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन की आपूर्ति मिली है. अस्पताल को लिक्विड और सिलेंडर दोनों उपलब्ध कराए गए हैं. ऑक्सीजन की किल्लत से एरा मेडिकल कालेज ने मरीजों की भर्ती बंद की थी, लेकिन ऑक्सीजन मिलने के बाद कोरोना मरीजों को कुछ राहत मिली है. लोकबंधु कोविड हॉस्पिटल को भी ऑक्सीजन दी गयी है. यहां रोजाना 256 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक ऑक्सीजन मिलने से भर्ती मरीजों को काफी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि अभी ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत नहीं है. तीन गाडियां भरने के लिए लगी हैं. बलरामपुर अस्पताल को ऑक्सीजन मिलने के बाद उपलब्धता में 20 फीसदी का सुधार आ गया है. कोरोना काल में अस्पताल में रोजाना 325 से लेकर 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के अनुसार स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ है. मगर बेडों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है. यदि मांग के अनुसार ऑक्सीजन न मिली तो दोबारा से दिक्कत हो सकती है. प्रशासन ने इन्दिरा नगर के शेखर अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की है. जिससे हालात में कुछ सुधार हुआ है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नए मरीजों की भर्ती ऑक्सीजन की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए की जा रही है. ताकि किसी मरीज की जान पर संकट न आए. मेयो हॉस्पिटल को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिली है. इसी कारण अस्पताल में मरीजों की भर्ती शुरू नहीं हुई है.

छोटे अस्पतालों ने रखी शर्त

बड़े निजी और सरकारी अस्पतालों को तो ऑक्सीजन मिल गई मगर छोटे अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन मांग रहे हैं. चौक स्थित हैरिटेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का संकट है. जिसके चलते अस्पताल ने साफ कह दिया है कि यदि तीमारदार ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर पाते हैं तभी मरीज को भर्ती किया जा सकता है. रायबरेली रोड के निजी कोविड अस्पताल ने भी कोरोना मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है. बीकेटी स्थित निजी अस्पताल भी नए मरीजों को लेने को तैयार नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने से मरीजों को भर्ती करना खतरनाक है. ऑक्सीजन की कमी से मरीज की जान जा सकती है.

लखनऊ: राजधानी में दो ऑक्सीजन टैंकर आने के बाद अस्पतालों को कुछ राहत तो जरूर मिली है, लेकिन छोटे हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत अभी भी बरकरार है. ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलने के बाद कुछ अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती शर्तों के साथ शुरू की है. अस्पतालों ने शर्त रखी है कि तीमारदार ऑक्सीजन सिलेण्डर का इंतजाम खुद करें.


एरा अस्पताल की स्थिति बदली

हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन की आपूर्ति मिली है. अस्पताल को लिक्विड और सिलेंडर दोनों उपलब्ध कराए गए हैं. ऑक्सीजन की किल्लत से एरा मेडिकल कालेज ने मरीजों की भर्ती बंद की थी, लेकिन ऑक्सीजन मिलने के बाद कोरोना मरीजों को कुछ राहत मिली है. लोकबंधु कोविड हॉस्पिटल को भी ऑक्सीजन दी गयी है. यहां रोजाना 256 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक ऑक्सीजन मिलने से भर्ती मरीजों को काफी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि अभी ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत नहीं है. तीन गाडियां भरने के लिए लगी हैं. बलरामपुर अस्पताल को ऑक्सीजन मिलने के बाद उपलब्धता में 20 फीसदी का सुधार आ गया है. कोरोना काल में अस्पताल में रोजाना 325 से लेकर 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के अनुसार स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ है. मगर बेडों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है. यदि मांग के अनुसार ऑक्सीजन न मिली तो दोबारा से दिक्कत हो सकती है. प्रशासन ने इन्दिरा नगर के शेखर अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की है. जिससे हालात में कुछ सुधार हुआ है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नए मरीजों की भर्ती ऑक्सीजन की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए की जा रही है. ताकि किसी मरीज की जान पर संकट न आए. मेयो हॉस्पिटल को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिली है. इसी कारण अस्पताल में मरीजों की भर्ती शुरू नहीं हुई है.

छोटे अस्पतालों ने रखी शर्त

बड़े निजी और सरकारी अस्पतालों को तो ऑक्सीजन मिल गई मगर छोटे अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन मांग रहे हैं. चौक स्थित हैरिटेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का संकट है. जिसके चलते अस्पताल ने साफ कह दिया है कि यदि तीमारदार ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर पाते हैं तभी मरीज को भर्ती किया जा सकता है. रायबरेली रोड के निजी कोविड अस्पताल ने भी कोरोना मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है. बीकेटी स्थित निजी अस्पताल भी नए मरीजों को लेने को तैयार नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने से मरीजों को भर्ती करना खतरनाक है. ऑक्सीजन की कमी से मरीज की जान जा सकती है.

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