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राम मंदिर मामला: निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, मांगी अपनी जमीन

निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. अखाड़े ने राम जन्मभूमि मामले से संबंधित विवादित जमीन को छोड़कर केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई शेष जमीन में से निर्मोही अखाड़ा की जमीन को उन्हें वापस देने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट.
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Published : Apr 9, 2019, 9:27 PM IST

फैजाबाद : राम मंदिर मामले में एक बार फिर नया मोड़ आया है. निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका के जरिए निर्मोही अखाड़ा ने जमीन वापस देने की मांग की है. अखाड़े ने राम जन्मभूमि मामले से संबंधित विवादित जमीन को छोड़कर केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई शेष जमीन में से निर्मोही अखाड़ा की जमीन को उन्हें वापस देने की मांग की है.

जानकारी देते वकील तरुण जीत वर्मा.

निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि केन्द्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में विवादित जमीन को छोड़कर शेष जमीन पर अधिग्रहण की बात कही गई थी. अखाड़ा का कहना है कि दाखिल की गयी याचिका में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि जो अधिग्रहित भूमि या मंदिर है वह किसे दिए जाएंगे. इस याचिका पर निर्मोही अखाड़ा ने ऑब्जेक्शन किया है और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि जो अधिग्रहित भूमि है वो निर्मोही अखाड़ा को ही वापस की जाए. निर्मोही अखाड़े के 12 मंदिर उस स्थल पर हैं इसलिए निर्मोही अखाड़ा को पार्टी बनाया जाए.

निर्मोही अखाड़ा के वकील तरुण जीत वर्मा ने बताया कि यह याचिका केन्द्र सरकार के द्वारा 29 जनवरी को दी गई याचिका के अगेंस्ट है. निर्मोही अखाड़ा ने याचिका के जरिए पार्टी बनने की मांग की है. उन्होंने बताया कि याचिका के जरिए अखाड़े की जमीन को वापस देने की मांग की गई है. वकील वर्मा ने बताया कि हमारी तकरीबन जमीन 2.7 एकड़ से ज्यादा ज़मीन है, जिसमें करीब 12-13 मंदिर हैं. इसी को हम लोगों ने रिटर्न करने की मांग की है.

फैजाबाद : राम मंदिर मामले में एक बार फिर नया मोड़ आया है. निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका के जरिए निर्मोही अखाड़ा ने जमीन वापस देने की मांग की है. अखाड़े ने राम जन्मभूमि मामले से संबंधित विवादित जमीन को छोड़कर केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई शेष जमीन में से निर्मोही अखाड़ा की जमीन को उन्हें वापस देने की मांग की है.

जानकारी देते वकील तरुण जीत वर्मा.

निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि केन्द्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में विवादित जमीन को छोड़कर शेष जमीन पर अधिग्रहण की बात कही गई थी. अखाड़ा का कहना है कि दाखिल की गयी याचिका में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि जो अधिग्रहित भूमि या मंदिर है वह किसे दिए जाएंगे. इस याचिका पर निर्मोही अखाड़ा ने ऑब्जेक्शन किया है और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि जो अधिग्रहित भूमि है वो निर्मोही अखाड़ा को ही वापस की जाए. निर्मोही अखाड़े के 12 मंदिर उस स्थल पर हैं इसलिए निर्मोही अखाड़ा को पार्टी बनाया जाए.

निर्मोही अखाड़ा के वकील तरुण जीत वर्मा ने बताया कि यह याचिका केन्द्र सरकार के द्वारा 29 जनवरी को दी गई याचिका के अगेंस्ट है. निर्मोही अखाड़ा ने याचिका के जरिए पार्टी बनने की मांग की है. उन्होंने बताया कि याचिका के जरिए अखाड़े की जमीन को वापस देने की मांग की गई है. वकील वर्मा ने बताया कि हमारी तकरीबन जमीन 2.7 एकड़ से ज्यादा ज़मीन है, जिसमें करीब 12-13 मंदिर हैं. इसी को हम लोगों ने रिटर्न करने की मांग की है.

Intro:अयोध्या। सालों से चले आ रहे हैं राम मंदिर मामले में आज एक नया मोड़ सामने आया है इस मामले में शामिल में मुख्य तौर पर निर्मोही अखाड़े ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर के अपनी जमीन वापस मांगी है याचिका में निर्मोही अखाड़ा ने कहा है कि हमें हमारी जमीन वापस दे दी जाए। क्योंकि राम जन्मभूमि मामले से संबंधित जितनी जमीन में विवाद है। वह बहुत थोड़ी है बाकी की 63 एकड़ जमीन हमारी मुक्त करते हुए हमें वापस दी जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा के वकील रणजीत वर्मा ने याचिका दाखिल की है हालांकि इस पर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए कोई तारीख तय नहीं की है लेकिन मध्यस्थता के बीच इस याचिका के दाखिल होने से अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
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Body:श्री राम जन्मभूमि स्थल मामले ने आज एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कहा गया है की निर्मोही अखाड़े में जो 12 मंदिर उस स्थल पर है। उसमें कहां गया था कि निर्मोही अखाड़ा को पार्टी बनाया जाए। इस पर निर्मोही अखाड़ा का साफ कहना है कि यूनियन ऑफ इंडिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को ये याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन उसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया था की जो अधिग्रहित भूमि या मंदिर है वह किस को दिए जाएंगे। निर्मोही अखाड़ा ने ऑब्जेक्शन किया है और कहा की अब एक नए सिरे से एप्लीकेशन डाल के सुप्रीम कोर्ट में मांग की है की जो अधिग्रहित भूमि है वो निर्मोही अखाड़ा को ही वापस किया जाए। और यूनियन ऑफ इंडिया की याचिका है कि उसको पार्टी बनाकर उसको सुना जाए।
निर्मोही अखाड़ा के वकील तरुण जीत वर्मा ने बताया कि कल जो हमारी एप्लीकेशन पड़ी हैं वो यूनियन ऑफ इंडिया ने जो 29 जनवरी को अपनी एक सरप्लस एंड प्लान को रोकने के लिए दी थी। माननीय उच्चतम न्यायालय में उसके अगेंस्ट जो निर्मोही अखाड़ा में पार्टी बनने की मांग की है उसमें कहा गया है कि हमारी जो जमीन है उसे हमें वापस किया जाए बस यही हमारी मांग है आगे वकील वर्मा ने बताया कि हमारी तकरीबन जमीन 2.7 एकड़ से ज्यादा है जिसमें करीबन 12-13 मंदिर है। जिसमें सुमित्रा भवन, सीता कूप, सीता कूप मंडप है इस तरह 12 मंदिर निर्मोही अखाड़ा के और महंत संतो के थे जो माननीय मुलायम कल्याण जी के समय में नष्ट कर दिए गए थे उसी को हम लोगों ने रिटर्न करने की मांग की है।


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