वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविधालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने प्रो. वी. पी. सिंह, भैषज्य रसायन (मेडिसीनल केमिस्ट्री) विभाग, को आयुर्वेद संकाय का डीन नियुक्त किया है. कार्यकाल तीन वर्ष अथवा उनकी सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो तक होगा. प्रो. सिंह एक जुलाई 2020 से कार्यभार संभालेंगे. बता दें कि इससे पहले प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी आयुर्वेद संकाय के डीन थे.
अध्यापन का है लंबा अनुभव
प्रो. वी. पी. सिंह का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यापन का लंबा अनुभव है. वे वर्ष 1984 से विश्वविद्यालय में अध्यापन कर रहे हैं. Medicinal Chemistry में शोध किया है. साथ ही अनेक ख्याति प्राप्त पत्रों में उनके शोध प्रकाशित हो चुके हैं. मूल रूप से चकिया, चंदौली जनपद के निवासी हैं. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वे अनेक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करते आ रहे हैं और कई अहम प्रशासनिक पदों को संभाल चुके हैं.
बीएचयू कला संकाय को भी मिला नया डीन
वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने प्रो. विजय बहादुर सिंह (हिन्दी विभाग) को कला संकाय का डीन नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई है. कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा संकाय है और इसमें कुल 24 विभाग एवं 3 केन्द्र (भोजपुरी अध्ययन केन्द्र, भारतीय भाषा केन्द्र तथा शारीरिक शिक्षा केन्द्र) हैं. वर्ष 1916 में महामना द्वारा सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज (आर्ट्स कॉलेज) के नाम से इसकी स्थापना की गई थी. इसमें लगभग 6500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.
प्रो. सिंह को संकाय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी भी दी गई है. वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं और उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर व पी.एच.डी. की उपाधि बीएचयू से ही प्राप्त की है. उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार, से डी. लिट. की उपाधि प्राप्त की है.
बतौर रीडर की थी शुरुआत
बता दें कि प्रोफेसर का अध्यापन का 36 वर्ष का लंबा अनुभव है. 1991 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बतौर रीडर नियुक्त होने से पहले वे जोधपुर विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान व केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ, वाराणसी, में भी अध्यापन कर चुके हैं. वर्ष 1999 से वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं. इसके अतिरिक्त वे अनेक प्रशासनिक पदों पर भी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां निभा चुके हैं. वे कई अन्य विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं.
प्रो. सिंह की हिन्दी साहित्य पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इसके साथ ही उनके शोध व लेख कई ख्यातिप्राप्त पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं. वे अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन व सहभागिता भी कर चुके हैं. यह जानकारी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग द्वारा दिया गया.