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गोरखपुरः चैत्र नवरात्र पर तरकुलहा देवी मंदिर में उमड़ी भीड़, माता रानी के स्वागत में सजा दरबार

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Published : Apr 6, 2019, 2:53 PM IST

नवरात्र को देखते हुए गोरखपुर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था को जिला प्रशासन ने दुरुस्त कराया है. वहीं विभिन्न महत्त्व के मंदिरों में श्रद्धालु अपने श्रद्धा के साथ नवरात्र के अवसर पर मां का दर्शन करने मंदिर पहुंच रहे हैं.

तरकुलहा देवी मंदिर

गोरखपुर: मां दुर्गा की आराधना का महापर्व 'चैत्र नवरात्र' शनिवार से आरंभ हो गया है. नवरात्र को लेकर सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शन पूजन के लिए उमड़ रही है. गोरखपुर के तरकुलहा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारें लगाकर मां का दर्शन पूजन कर रहे है.

तरकुलहा देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.


चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही विक्रमी संवत 2076 हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो रहा है. वहीं 5 सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ दो रवि और रवि पुष्य संयोग के बनने से इस नवरात्र का महत्व काफी बढ़ गया है.


तरकुलहा मंदिर का गोरखपुर ही नहीं देश की आजादी के इतिहास में बड़ा नाम है. यह क्रांतिकारियों की भूमि रही है. यहां पर शहीद बंधु सिंह द्वारा मां दुर्गा का पिंडी रूप में पूजन अर्चन किया जाता था.1857 के समय यह इलाका पूरा घना जंगल था और बंधु सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मंदिर के इस स्थान से गोरिल्ला युद्ध लड़ा जाता था.
बताया जाता है कि जंगल से गुजरने वाले अंग्रेजी सिपाहियों का बंधु सिंह गर्दन काटकर मां को चढ़ाते थे, जिन्हें बाद में अंग्रेजों ने फांसी दे दी. उनके श्रद्धा से अवतरित हुए इस मंदिर पर भक्तों का रेला लगातार बढ़ता गया.


चैत्र मास में शुरू हुआ यह नवरात्र लोगों के जीवन में कई तरह का बदलाव भी लाएगा. ऐसा ज्योतिषियों का मानना है नव संवत्सर के राजा शनि माने जा रहे हैं, जो न्याय की भूमिका में होंगे. वहीं सूर्य को मंत्री पद प्राप्त होने से सूर्य के बली लोगों में धन-धान की वृद्धि होगी.


वहीं मंदिर गोरखनाथ के मीडिया का प्रभार देख रहे विनय गौतम ने एक जारी प्रेस नोट के जरिए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी को नव संवत्सर और चैत्र नवरात्र की शुभकामनाएं दी है. साथ ही वह 10 अप्रैल को देवीपाटन मंडल के तुलसीपुर स्थित शक्तिपीठ में समय माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे.

गोरखपुर: मां दुर्गा की आराधना का महापर्व 'चैत्र नवरात्र' शनिवार से आरंभ हो गया है. नवरात्र को लेकर सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शन पूजन के लिए उमड़ रही है. गोरखपुर के तरकुलहा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारें लगाकर मां का दर्शन पूजन कर रहे है.

तरकुलहा देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.


चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही विक्रमी संवत 2076 हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो रहा है. वहीं 5 सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ दो रवि और रवि पुष्य संयोग के बनने से इस नवरात्र का महत्व काफी बढ़ गया है.


तरकुलहा मंदिर का गोरखपुर ही नहीं देश की आजादी के इतिहास में बड़ा नाम है. यह क्रांतिकारियों की भूमि रही है. यहां पर शहीद बंधु सिंह द्वारा मां दुर्गा का पिंडी रूप में पूजन अर्चन किया जाता था.1857 के समय यह इलाका पूरा घना जंगल था और बंधु सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मंदिर के इस स्थान से गोरिल्ला युद्ध लड़ा जाता था.
बताया जाता है कि जंगल से गुजरने वाले अंग्रेजी सिपाहियों का बंधु सिंह गर्दन काटकर मां को चढ़ाते थे, जिन्हें बाद में अंग्रेजों ने फांसी दे दी. उनके श्रद्धा से अवतरित हुए इस मंदिर पर भक्तों का रेला लगातार बढ़ता गया.


चैत्र मास में शुरू हुआ यह नवरात्र लोगों के जीवन में कई तरह का बदलाव भी लाएगा. ऐसा ज्योतिषियों का मानना है नव संवत्सर के राजा शनि माने जा रहे हैं, जो न्याय की भूमिका में होंगे. वहीं सूर्य को मंत्री पद प्राप्त होने से सूर्य के बली लोगों में धन-धान की वृद्धि होगी.


वहीं मंदिर गोरखनाथ के मीडिया का प्रभार देख रहे विनय गौतम ने एक जारी प्रेस नोट के जरिए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी को नव संवत्सर और चैत्र नवरात्र की शुभकामनाएं दी है. साथ ही वह 10 अप्रैल को देवीपाटन मंडल के तुलसीपुर स्थित शक्तिपीठ में समय माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे.

Intro:गोरखपुर। मां दुर्गा की आराधना का महापर्व 'चैत्र नवरात्र' आज से आरंभ हो गया है। यही वजह है कि सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शन पूजन के लिए उमड़ रही है। गोरखपुर के तरकुलहा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मां का दर्शन पूजन करते रहे। इस बीच मां के जयका रों से पूरा मंदिर गुंजायमान होता रहा। आज के दिन से ही विक्रमी संवत 2076 हिंदू नव वर्ष भी प्रारंभ हो रहा है तो 5 सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ दो रवि और रवि पुष्य संयोग के बनने से इस नवरात्र का महत्व काफी बढ़ गया है।

डेस्क- इस खवर को करने के दौरान अचानक कैमरा काम करना बंद कर दिया, जिसके बाद कोई वीडियो, बाइट नहीं हो सकी, लिहाजा जो हुआ वही भेज रहा हूँ। बाकी टेक्निकल टीम से संपर्क में हूँ।


Body:नवरात्र को देखते हुए शहर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में साफ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था को जिला प्रशासन ने दुरुस्त कराया था। वहीं विभिन्न महत्त्व के मंदिरों में श्रद्धालु अपने श्रद्धा के साथ पहुंच रहे हैं। तरकुलहा मंदिर का गोरखपुर ही नहीं देश की आजादी के इतिहास में बड़ा नाम है। यह क्रांतिकारियों की भूमि रही है। जहां पर शहीद बंधु सिंह के द्वारा मां दुर्गा का पिंडी रूप में पूजन अर्चन किया जाता था।1857 के समय यह इलाका पूरा घना जंगल था और बंधु सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मंदिर के इस स्थान से गोरिल्ला युद्ध लड़ा जाता था। बताया जाता है कि जंगल से गुजरने वाले अंग्रेजी सिपाहियों का, बंधु सिंह गर्दन काटकर मां को चढ़ा देते थे। जिन्हें बाद में अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी। लेकिन उनके श्रद्धा से अवतरित हुए इस मंदिर पर भक्तों का रेला लगातार बढ़ता गया।


Conclusion:चैत्र मास में शुरू हुआ यह नवरात्र लोगों के जीवन में कई तरह का बदलाव भी लाएगा। ऐसा ज्योतिषियों का मानना है। नव संवत्सर के राजा शनि माने जा रहे हैं जो न्याय की भूमिका में होंगे तो वहीं सूर्य को मंत्री पद प्राप्त होने से, सूर्य के बली लोगों में धन धन की वृद्धि होगी। फसल की भी अच्छी पैदावार होने की संभावना है। वही मंदिर गोरखनाथ के मीडिया का प्रभार देख रहे विनय गौतम ने एक जारी प्रेस नोट के जरिए बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी को नव संवत्सर और चैत्र रामनवमी की शुभकामनाएं दी है। साथ ही वह 10 अप्रैल को देवीपाटन मंडल के तुलसीपुर स्थित शक्तिपीठ में समय माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे।

मुकेश पांडेय

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