बरेली: पोर्टेबल शॉप के आवंटन के मामले में पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच चल रही तनातनी ने तूल पकड़ लिया है. नगर आयुक्त के पार्षद विनोद सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से नाराज पार्षद निगम में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. पार्षदों ने मुकदमा वापस न लेने तक धरना जारी रखने की बात कही है. दरअसल पार्षदों ने नगर आयुक्त पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
क्या है पूरा मामला
- हाल ही में पोर्टेबल दुकानों के आंवटन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन ने जांच की थी.
- जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
- इसके बाद व्यापारी नेता और पार्षद विनोद सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
- निगम के सभी पार्षद इस कार्रवाई को गलत बता रहे हैं. पार्षदों ने नगर आयुक्त सैमुअल पॉल से मुकदमा वापस लेने की मांग की थी.
- इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि वह चोरों का साथ नहीं देंगे और एफआईआर वापस नहीं ली जाएगी.
- तभी से सभी पार्षद उनके विरोध में उतर आए और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
नगर आयुक्त विरोध के चलते छुट्टी लेकर बाहर चले गए है. मगर जब तक पार्षद विनोद के खिलाफ मुकदमा वापस नहीं होगा तब तक धरना जारी रहेगा. नगर आयुक्त भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इसलिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं.
- छंगा लाल मौर्य, पार्षद
शहर की हालत बहुत खराब है पानी , सीवर, लाइट, सफाई स्वास्थ्य की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है. नगर आयुक्त नगर निगम पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. नगर आयुक्त भ्र्ष्टाचार में डूब चुके हैं, अगर कोई पार्षद आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा देते हैं. महापौर के निर्देशानुसार किसी क्षेत्र में कोई विकास कार्य कराने से पहले उस क्षेत्र के पार्षद से अनुमति लेना अनिवार्य है. पोर्टेबल दुकान मामले में भ्रष्टाचार के चलते पार्षद विनोद सैनी ने अनुमति नहीं दी, इससे बौखलाए नगर आयुक्त ने उनके खिलाफ एफआईआर करवा दी.
- अतुल कपूर, डिप्टी मेयर