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अखिलेश पर फिर कठोर हुए मुलायम, कहा 'संरक्षक नाम दिया है, पर काम क्या करना है पता नहीं ' - रामगोपाल

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा- मुझे नाम दिया गया है संरक्षक और क्या काम करना है लिखा ही नहीं. इस दौरान मुलायम ने बेटे अखिलेश यादव द्वारा बसपा से गठबंधन के फैसले पर भी उंगली उठाई.

अखिलेश पर फिर कठोर हुए मुलायम कहा 'नाम दिया संरक्षक, काम क्या करना है लिखा ही नहीं'
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Published : Feb 21, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Feb 22, 2019, 12:01 AM IST

लखनऊ : मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को जब सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाए और कहा कि टिकट बांटने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं तो इसके थोड़ी देर बाद ही बसपा खेमे से जारी हुई सीटों की सूची ने तय कर दिया कि अखिलेश यादव की पार्टी अब मुलायम सिंह को स्पेस देने के लिए तैयार नहीं है.

इस दौरान उन्होंने सपा और बसपा गठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने इशारों ही इशारों में गठबंधन को सही नहीं करार दिया. मुलायम ने कहा कि आज आपकी लड़ाई बीजेपी से है. उन्होंने बसपा से समझौता कर लिया. 80 में से सिर्फ 37 पर चुनाव लड़ेंगे. पार्टी को खत्म कौन कर रहा है. अपने ही लोग पार्टी को खत्म कर रहे हैं. तीन बार बहुमत से सरकार बनाई. रक्षा मंत्री भी रहा.

मुलायम सिंह यादव की राजनीति को समझने वाले यह मानते हैं कि उनका कोई भी दाव बेवजह नहीं है. ऐसे में गुरुवार को मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में जो कुछ कहा उसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. इससे पहले लोकसभा के अंतिम दिन मुलायम सिंह यादव ने जिस तरह नरेंद्र मोदी की तारीफ की उसने भी सपा-बसपा गठबंधन को मुश्किल में डाला था और गुरुवार को मुलायम सिंह ने रही सही कसर भी पूरी कर दी.

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अखिलेश पर फिर कठोर हुए मुलायम कहा 'नाम दिया संरक्षक, काम क्या करना है लिखा ही नहीं'

सपा कार्यालय मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को कई खुलासे किए. पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव उनके बगल में बैठे थे और मुलायम सिंह ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरी वजह से इनसे भी लोग पार्टी में जलन रखते हैं. इन बातों को मीडिया के सामने लाने का मकसद जाहिर है. वही नहीं है जो सामने दिखाई दे रहा है. मुलायम सिंह यादव के बोलने के दौरान माइक की खराबी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि अखिलेश समर्थक मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव मौजूदा राजनीति और सपा-बसपा गठबंधन की अहमियत को समझ नहीं पा रहे हैं.

यही वजह है कि मुलायम सिंह यादव जब बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे थे. ठीक उसी दौरान बहुजन समाज पार्टी की ओर से सीटों के बंटवारे की सूची जारी कर दी गई, जबकि इससे कुछ घंटे पहले ही मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने सूची जारी करने से आनाकानी करते हुए कहा था कि पहले चुनाव की घोषणा होने दीजिए.

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लखनऊ : मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को जब सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाए और कहा कि टिकट बांटने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं तो इसके थोड़ी देर बाद ही बसपा खेमे से जारी हुई सीटों की सूची ने तय कर दिया कि अखिलेश यादव की पार्टी अब मुलायम सिंह को स्पेस देने के लिए तैयार नहीं है.

इस दौरान उन्होंने सपा और बसपा गठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने इशारों ही इशारों में गठबंधन को सही नहीं करार दिया. मुलायम ने कहा कि आज आपकी लड़ाई बीजेपी से है. उन्होंने बसपा से समझौता कर लिया. 80 में से सिर्फ 37 पर चुनाव लड़ेंगे. पार्टी को खत्म कौन कर रहा है. अपने ही लोग पार्टी को खत्म कर रहे हैं. तीन बार बहुमत से सरकार बनाई. रक्षा मंत्री भी रहा.

मुलायम सिंह यादव की राजनीति को समझने वाले यह मानते हैं कि उनका कोई भी दाव बेवजह नहीं है. ऐसे में गुरुवार को मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में जो कुछ कहा उसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. इससे पहले लोकसभा के अंतिम दिन मुलायम सिंह यादव ने जिस तरह नरेंद्र मोदी की तारीफ की उसने भी सपा-बसपा गठबंधन को मुश्किल में डाला था और गुरुवार को मुलायम सिंह ने रही सही कसर भी पूरी कर दी.

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अखिलेश पर फिर कठोर हुए मुलायम कहा 'नाम दिया संरक्षक, काम क्या करना है लिखा ही नहीं'

सपा कार्यालय मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को कई खुलासे किए. पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव उनके बगल में बैठे थे और मुलायम सिंह ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरी वजह से इनसे भी लोग पार्टी में जलन रखते हैं. इन बातों को मीडिया के सामने लाने का मकसद जाहिर है. वही नहीं है जो सामने दिखाई दे रहा है. मुलायम सिंह यादव के बोलने के दौरान माइक की खराबी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि अखिलेश समर्थक मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव मौजूदा राजनीति और सपा-बसपा गठबंधन की अहमियत को समझ नहीं पा रहे हैं.

यही वजह है कि मुलायम सिंह यादव जब बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे थे. ठीक उसी दौरान बहुजन समाज पार्टी की ओर से सीटों के बंटवारे की सूची जारी कर दी गई, जबकि इससे कुछ घंटे पहले ही मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने सूची जारी करने से आनाकानी करते हुए कहा था कि पहले चुनाव की घोषणा होने दीजिए.

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Intro:लखनऊ। मुलायम सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को जब सपा बसपा गठबंधन पर सवाल उठाए और कहा कि टिकट बांटने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं तो इसके थोड़ी देर बाद ही बसपा खेमे से जारी हुई सीटों की सूची ने तय कर दिया कि अखिलेश यादव की पार्टी अब मुलायम सिंह को स्पेस देने के लिए तैयार नहीं है ।


Body:मुलायम सिंह यादव की राजनीति को समझने वाले यह मानते हैं कि उनका कोई भी मूव बेवजह नहीं है ऐसे में बृहस्पतिवार को मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में जो कुछ कहा उसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं ।इससे पहले लोकसभा के अंतिम दिन मुलायम सिंह यादव ने जिस तरह नरेंद्र मोदी की तारीफ की उसने भी सपा बसपा गठबंधन को मुश्किल में डाला था और बृहस्पतिवार को मुलायम सिंह ने रही सही कसर भी पूरी कर दी ।यही वजह है कि मुलायम सिंह यादव जब बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे थे ठीक उसी दौरान बहुजन समाज पार्टी की ओर से सीटों के बंटवारे की सूची जारी कर दी गई जबकि इससे कुछ घंटे पहले ही मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने सूची जारी करने से आनाकानी करते हुए कहा था कि पहले चुनाव की घोषणा होने दीजिए।

बाइट / अशोक राजपूत वरिष्ठ पत्रकार

वीओ2/ सपा कार्यालय मुलायम सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को कई खुलासे किए पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव उनके बगल में बैठे थे और मुलायम सिंह ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरी वजह से इन से भी लोग पार्टी में जलन रखते हैं। इन बातों को मीडिया के सामने लाने का मकसद जाहिर है वही नहीं है जो सामने दिखाई दे रहा है । मुलायम सिंह यादव के बोलने के दौरान माइक की खराबी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं हालांकि अखिलेश समर्थक मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव मौजूदा राजनीति और सपा बसपा गठबंधन की अहमियत को समझ नहीं पा रहे हैं।

बाइट/ रंजीब वरिष्ठ पत्रकार


पीटीसी अखिलेश तिवारी



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Last Updated : Feb 22, 2019, 12:01 AM IST
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