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हरदोई: बच्चों संग धरने पर बैठे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार दुर्बल वर्ग के अलाभानवित वर्ग के बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता तब तक यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

मैग्सेसे पुरस्कार विजेता बच्चों संग बैठे धरने पर.
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Published : May 27, 2019, 10:52 PM IST

हरदोई : हरदोई में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठ गये हैं. संदीप पांडे का आरोप है कि जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं. लिहाजा जिले में कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.

मैग्सेसे पुरस्कार विजेता बच्चों संग बैठे धरने पर.

आखिर क्यों धरने पर बैठे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे

  • दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं.
  • इनका आरोप है कि सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और अलाभान्वित बच्चों की पढ़ाई के लिए 25 फीसदी सीटें कॉन्वेंट स्कूलों में निर्धारित कर रखी हैं.
  • लेकिन जिले के कान्वेंट स्कूल गरीब बच्चों के दाखिले नहीं कर रहे हैं जो सीधा सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है.
  • इसमें जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा लापरवाही की जा रही है, जिसके चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिले में प्रभावी नहीं है.
  • यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां बच्चों के आवेदन कराए जाते हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन को निरस्त किया जा रहा है, जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, साथ ही पिछले वर्ष के 200 बच्चों के आवेदन की लाटरी भी नहीं निकली है. जिला अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की वजह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है. इसके चलते शहर के कॉन्वेंट स्कूलों में दुर्बल वर्ग के बच्चों के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं. जबकि नियमतः प्रत्येक कान्वेंट स्कूल में 25 प्रतिशत दुर्बल वर्ग के बच्चों का दाखिला होना चाहिए, जिसे सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा है.

- संदीप पांडे, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता

हरदोई : हरदोई में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठ गये हैं. संदीप पांडे का आरोप है कि जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं. लिहाजा जिले में कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.

मैग्सेसे पुरस्कार विजेता बच्चों संग बैठे धरने पर.

आखिर क्यों धरने पर बैठे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे

  • दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं.
  • इनका आरोप है कि सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और अलाभान्वित बच्चों की पढ़ाई के लिए 25 फीसदी सीटें कॉन्वेंट स्कूलों में निर्धारित कर रखी हैं.
  • लेकिन जिले के कान्वेंट स्कूल गरीब बच्चों के दाखिले नहीं कर रहे हैं जो सीधा सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है.
  • इसमें जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा लापरवाही की जा रही है, जिसके चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिले में प्रभावी नहीं है.
  • यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां बच्चों के आवेदन कराए जाते हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन को निरस्त किया जा रहा है, जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, साथ ही पिछले वर्ष के 200 बच्चों के आवेदन की लाटरी भी नहीं निकली है. जिला अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की वजह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है. इसके चलते शहर के कॉन्वेंट स्कूलों में दुर्बल वर्ग के बच्चों के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं. जबकि नियमतः प्रत्येक कान्वेंट स्कूल में 25 प्रतिशत दुर्बल वर्ग के बच्चों का दाखिला होना चाहिए, जिसे सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा है.

- संदीप पांडे, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग---मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों संग बैठे धरने पर

एंकर-- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार दुर्बल वर्ग के अलाभानवित वर्ग के बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए हैं संदीप पांडे का आरोप है कि जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं लिहाजा जिले में कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है ऐसी दशा में उनकी मांग है कि गरीब बच्चों को अधिनियम के मुताबिक 25 पर सेंट भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि वह बच्चे भी पढ़ सकें साथ ही उन्होंने कहा इसी समस्या को लेकर धरने पर बैठे हैं और यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक की समस्या का हल नहीं हो जाता।


Body:vo-- उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले मे बच्चों के साथ शिक्षा का अधिकार अधिनियम का हवाला देकर गरीब बच्चों की कॉन्वेंट स्कूलों में 25 परसेंट भागीदारी को लेकर बच्चों के साथ धरने पर बैठे यह हैं मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे इनका आरोप है कि सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और अलाभान्वित बच्चों को पढ़ाई के लिए 25 परसेंट सीटें सरकार ने कॉन्वेंट स्कूलों में निर्धारित कर रखी हैं लेकिन जिले के कान्वेंट स्कूल गरीब बच्चों के दाखिले नहीं कर रहे हैं जो सीधा सीधा सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है इसमें जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा हीलाहवाली की जा रही है जिसके चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिले में प्रभावी नहीं है इसी को लेकर उन्होंने यह आंदोलन शुरू किया है और यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा।


Conclusion:voc--संदीप पांडे ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां बच्चों के आवेदन कराए जाते हैं लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन को निरस्त किया जा रहा है जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है साथ ही पिछले वर्ष के 200 बच्चों के आवेदन की लाटरी भी नहीं निकली उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की वजह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है इसके चलते शहर के कॉन्वेंट स्कूलों में दुर्बल वर्ग के बच्चों के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं जबकि नियमतः प्रत्येक कान्वेंट स्कूल में 25 प्रतिशत दुर्बल वर्ग के बच्चों का दाखिला होना चाहिए जिसे सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा है।
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