हरदोई : हरदोई में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठ गये हैं. संदीप पांडे का आरोप है कि जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं. लिहाजा जिले में कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.
आखिर क्यों धरने पर बैठे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे
- दुर्बल वर्ग के अलाभान्वित बच्चों के दाखिले कॉन्वेंट स्कूलों में ना होने का आरोप लगाकर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं.
- इनका आरोप है कि सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और अलाभान्वित बच्चों की पढ़ाई के लिए 25 फीसदी सीटें कॉन्वेंट स्कूलों में निर्धारित कर रखी हैं.
- लेकिन जिले के कान्वेंट स्कूल गरीब बच्चों के दाखिले नहीं कर रहे हैं जो सीधा सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है.
- इसमें जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा लापरवाही की जा रही है, जिसके चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिले में प्रभावी नहीं है.
- यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां बच्चों के आवेदन कराए जाते हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन को निरस्त किया जा रहा है, जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, साथ ही पिछले वर्ष के 200 बच्चों के आवेदन की लाटरी भी नहीं निकली है. जिला अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की वजह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है. इसके चलते शहर के कॉन्वेंट स्कूलों में दुर्बल वर्ग के बच्चों के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं. जबकि नियमतः प्रत्येक कान्वेंट स्कूल में 25 प्रतिशत दुर्बल वर्ग के बच्चों का दाखिला होना चाहिए, जिसे सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा है.
- संदीप पांडे, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता