लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मंडलायुक्तों के अधीन जिलों में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी के साथ ही पारदर्शी तरीके से खाद्यान्न वितरण को लेकर निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि एक से 10 जून तक खाद्यान वितरण के उपरांत 15 जून से किए जाने वाले खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था का भी निरीक्षण करें. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के उपरांत प्रदेश में आए हुए प्रवासियों को चिन्हित किया जाए. समस्त लाभार्थियों को खाद्यान्न दिलाना सुनिश्चित किए जाने के लिए नोडल अधिकारी उचित दर दुकान का औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करें. रिपोर्ट की प्रति संबंधित जिलाधिकारी और खाद्य आयुक्त को उपलब्ध कराएं.
मुख्य सचिव ने कहा कि निरीक्षण के समय यह देखा जाए कि खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में प्रत्येक राशन की दुकान पर जिला स्तर से नोडल अधिकारियों की तैनाती कर उनकी उपस्थिति में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है अथवा नहीं.
मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्व में जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. कि अन्य राज्यों से आए हुए प्रवासी श्रमिकों को अस्थाई राशन कार्ड की व्यवस्था कर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए. उचित दर विक्रेता द्वारा नोडल अधिकारी की उपस्थिति में प्रवासियों और अवरुद्ध प्रवासियों को पांच किलोग्राम प्रति यूनिट निशुल्क खाद्यान्न एवं एक किलोग्राम प्रति कार्ड निशुल्क चना का वितरित किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि खाद्यान्न का वितरण विक्रेता द्वारा ई-पॉस के माध्यम ओटीपी सत्यापन या आधार प्रमाणीकरण करवाकर नोडल पर्यवेक्षण अधिकारी की उपस्थिति में किया जाएगा. नोडल अधिकारी स्थिति की समीक्षा करें कि ऐसे समस्त प्रवासियों को राशन उपलब्ध करा दिया गया है. सर्वे कराए गए प्रवासी और अवरुद्ध प्रवासियों की संख्या तथा जारी राशन कार्डों की संख्या में आ रहे अंतर को भी स्पष्ट किया जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्यान्न की गुणवत्ता एवं घटतौली की शिकायतें जिलों से प्राप्त हुई हैं. नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि राशन की दुकान पर जिलाधिकारी द्वारा तैनात नोडल अधिकारियों द्वारा राशन वितरण अपने समक्ष ही कराए जाने की व्यवस्था का अनुपालन किया जा रहा है अथवा नहीं. ई-पास मशीनें सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं व खाद्यान्न का वितरण ई-पास मशीन द्वारा किया जा रहा है.