लखनऊ : फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पड़ताल कर रही पुलिस ने इसमें संलिप्त कर्मचारियों के नेटवर्क कनेक्शन को जोड़ने का काम कर रही है. पुलिस का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. इस नेटवर्क में जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. उनके रिश्तेदार लखनऊ विश्वविद्यालय के अहम पद पर तैनात हैं. ऐसे में रिश्तेदारी के नेटवर्क को भी ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है.
फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पूरी रिपोर्ट
- लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट की हो रही कालाबाजारी.
- बाहर लाए जा रहे थे गोपनीय दस्तावेज.
- सवालों के घेरे में बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली.
- पिछले दिनों एक युवक की शिकायत पर हसनगंज थाने में फर्जी मार्कशीट को लेकर दर्ज किया गया था मुकदमा.
- लखनऊ विश्वविद्यालय के नायब हुसैन नाम के एक कर्मचारी को किया गया गिरफ्तार.
- नायब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर था तैनात.
- नायब हुसैन के पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद.
- पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता आई सामने.
- तीनों कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित.
- निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक, बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक, बीए द्वितीय वर्ष और जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक, डिग्री सेक्शन में थे समायोजित.
- गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों की अलमारी में रखे गए जरूरी दस्तावेज को किया गया सीज.
युवक की शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर छानबीन की गई. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है. गिरोह के सरगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में पता चला है कि इससे पहले भी फर्जी मार्कशीट को लेकर इसके ऊपर कार्रवाई की जा चुकी है.
-अमित कुमार,एसपी ट्रांस गोमती