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फर्जी मार्कशीट मामला : लखनऊ विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के नेटवर्क खंगाल रही पुलिस

फर्जी मार्कशीट मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब लखनऊ विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के नेटवर्क खंगाल रही है. इसमें उनके रिश्तेदारों की भी जांच-पड़ताल की जा रही.

पुलिस अधिकारी
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Published : Apr 20, 2019, 5:26 PM IST

लखनऊ : फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पड़ताल कर रही पुलिस ने इसमें संलिप्त कर्मचारियों के नेटवर्क कनेक्शन को जोड़ने का काम कर रही है. पुलिस का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. इस नेटवर्क में जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. उनके रिश्तेदार लखनऊ विश्वविद्यालय के अहम पद पर तैनात हैं. ऐसे में रिश्तेदारी के नेटवर्क को भी ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है.

कर्मचारियों के नेटवर्क खंगाल रही पुलिस

फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पूरी रिपोर्ट

  • लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट की हो रही कालाबाजारी.
  • बाहर लाए जा रहे थे गोपनीय दस्तावेज.
  • सवालों के घेरे में बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली.
  • पिछले दिनों एक युवक की शिकायत पर हसनगंज थाने में फर्जी मार्कशीट को लेकर दर्ज किया गया था मुकदमा.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय के नायब हुसैन नाम के एक कर्मचारी को किया गया गिरफ्तार.
  • नायब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर था तैनात.
  • नायब हुसैन के पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद.
  • पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता आई सामने.
  • तीनों कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित.
  • निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक, बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक, बीए द्वितीय वर्ष और जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक, डिग्री सेक्शन में थे समायोजित.
  • गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों की अलमारी में रखे गए जरूरी दस्तावेज को किया गया सीज.

युवक की शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर छानबीन की गई. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है. गिरोह के सरगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में पता चला है कि इससे पहले भी फर्जी मार्कशीट को लेकर इसके ऊपर कार्रवाई की जा चुकी है.

-अमित कुमार,एसपी ट्रांस गोमती

लखनऊ : फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पड़ताल कर रही पुलिस ने इसमें संलिप्त कर्मचारियों के नेटवर्क कनेक्शन को जोड़ने का काम कर रही है. पुलिस का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. इस नेटवर्क में जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. उनके रिश्तेदार लखनऊ विश्वविद्यालय के अहम पद पर तैनात हैं. ऐसे में रिश्तेदारी के नेटवर्क को भी ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है.

कर्मचारियों के नेटवर्क खंगाल रही पुलिस

फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पूरी रिपोर्ट

  • लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट की हो रही कालाबाजारी.
  • बाहर लाए जा रहे थे गोपनीय दस्तावेज.
  • सवालों के घेरे में बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली.
  • पिछले दिनों एक युवक की शिकायत पर हसनगंज थाने में फर्जी मार्कशीट को लेकर दर्ज किया गया था मुकदमा.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय के नायब हुसैन नाम के एक कर्मचारी को किया गया गिरफ्तार.
  • नायब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर था तैनात.
  • नायब हुसैन के पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद.
  • पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता आई सामने.
  • तीनों कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित.
  • निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक, बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक, बीए द्वितीय वर्ष और जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक, डिग्री सेक्शन में थे समायोजित.
  • गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों की अलमारी में रखे गए जरूरी दस्तावेज को किया गया सीज.

युवक की शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर छानबीन की गई. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है. गिरोह के सरगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में पता चला है कि इससे पहले भी फर्जी मार्कशीट को लेकर इसके ऊपर कार्रवाई की जा चुकी है.

-अमित कुमार,एसपी ट्रांस गोमती

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की पड़ताल कर रही पुलिस अब फर्जी मार्कशीट के धंधे में संलिप्त कर्मचारियों के नेटवर्क कनेक्शन को जोड़ने का काम कर रही है। पहले ही पुलिस को इस पूरे गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिल चुकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। इस नेटवर्क में जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है उनके रिश्तेदार लखनऊ विश्वविद्यालय के अहम पद पर तैनात है ऐसे में रिश्तेदारी के नेटवर्क को भी ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है।


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जिस तरह से लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का धंधा हो रहा था और गोपनीय दस्तावेज बाहर लाए जा रहे थे उससे बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है ऐसे पुलिस अपने जांच की दिशा में या भी तलाश रही है की बड़े अधिकारी की देखरेख में ही या गोरख धंधा तो विश्वविद्यालय से संचालित नहीं रहा था।


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पिछले दिनों एक युवक की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने हसनगंज थाने में फर्जी मार्कशीट को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया था जिसकी जांच करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया जिस से पूछतक्ष में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है हालांकि जिन कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है उन पर कार्यवाही करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय में उन्हें निष्कासित कर दिया है।



जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थी निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष, जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात थे।


सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायाब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है। जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जहां एक और चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है तो वहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है जिसमें जरूरी दस्तावेज रखे हुए हैं।


पुलिस ने यूनिवर्सिटी को भेजी रिपोर्ट

पुलिस सक्रियता दिखाते हुए जालसाज के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है पुलिस ने अपनी कार्यवाही की एक रिपोर्ट बनाकर लखनऊ विश्वविद्यालय को दे दी है जिसमें पुलिस ने बताया है कि जालसाज डेढ़ लाख रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराते थे पुलिस की रिपोर्ट से साबित होता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा गिरोह चल रहा था।

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एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार ने बताया की युवक की शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर कर छानबीन की गई जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया पूछताछ में तीन अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है। गिरोह के सरगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है पूछताछ में पता चला है इससे पहले भी फर्जी मार्कशीट को लेकर इसके ऊपर कार्यवाही की जा चुकी है।


संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26



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