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शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों पर चला डीएम का डंडा, दिए जांच के आदेश - कासगंज खबर

विद्यालयों में फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में कासगंज जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को जांच सौंपी है. बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि दो अनुदानित विद्यालयों में भी बैक डेट में अन्य विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया गया है.

जानकारी देते उप जिलाधिकारी ललित कुमार
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Published : Jun 11, 2019, 3:29 PM IST

कासगंज: जिले में दो अनुदानित विद्यालयों में फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला सामने आया है. जबकि पूर्व में ही इन नियुक्तियों पर वित्त नियंत्रक ने रोक लगा रखी है. ऐसे में जिलाधिकारी कासगंज ने मामले को उप जिलाधिकारी सदर को जांच सौंपी है.

फर्जी नियुक्तियों पर जांच के आदेश

मामला सोरों ब्लॉक के दूरबीन सिंह राय सिंह जूनियर हाईस्कूल महमूदपुर पुख्ता के प्राइमरी एवं जनता जूनियर हाईस्कूल पचौरा जंगल का है. इन विद्यालयों के सरकारी अनुदान पर आने के बाद कुछ शिक्षकों की नियुक्तियों के नियमों को ताक पर रख कर दिया गया. बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि उक्त दो अनुदानित विद्यालयों में भी बैक डेट में अन्य विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया गया. वित्त नियंत्रक की आपत्ति के अनुसार 2012 से लेकर 2017 तक एक व्यक्ति नगरपालिका में कार्यरत था वहीं उस व्यक्ति को 2010 से स्कूल में नियुक्त दिखाया गया है.


साथ ही 2012 में जो दंपति विदेश में है उसकी भी नियुक्ति स्कूल में 2010 से दर्शाई गई है. एक शिक्षक का नाम एक इण्टर कालेज की 2016 की मानदेय लिष्ट में होने के बावजूद 2010 से इस विद्यालय में नियुक्त दर्शाया गया है. 2017 तक जनपद अलीगढ़ में पढ़ाने वाले एक शिक्षक का नाम भी इस विद्यालय में 2010 से पढ़ा रहे अध्यापकों की सूची में है.


इस पूरे मामले को लेकर मुख्य जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी कासगंज, सदर ललित कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच मुझे सौंपी है. इसके लिए जिलाधिकारी ने एक कमेटी तैयार की है. कमेटी जल्द ही जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

कासगंज: जिले में दो अनुदानित विद्यालयों में फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला सामने आया है. जबकि पूर्व में ही इन नियुक्तियों पर वित्त नियंत्रक ने रोक लगा रखी है. ऐसे में जिलाधिकारी कासगंज ने मामले को उप जिलाधिकारी सदर को जांच सौंपी है.

फर्जी नियुक्तियों पर जांच के आदेश

मामला सोरों ब्लॉक के दूरबीन सिंह राय सिंह जूनियर हाईस्कूल महमूदपुर पुख्ता के प्राइमरी एवं जनता जूनियर हाईस्कूल पचौरा जंगल का है. इन विद्यालयों के सरकारी अनुदान पर आने के बाद कुछ शिक्षकों की नियुक्तियों के नियमों को ताक पर रख कर दिया गया. बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि उक्त दो अनुदानित विद्यालयों में भी बैक डेट में अन्य विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया गया. वित्त नियंत्रक की आपत्ति के अनुसार 2012 से लेकर 2017 तक एक व्यक्ति नगरपालिका में कार्यरत था वहीं उस व्यक्ति को 2010 से स्कूल में नियुक्त दिखाया गया है.


साथ ही 2012 में जो दंपति विदेश में है उसकी भी नियुक्ति स्कूल में 2010 से दर्शाई गई है. एक शिक्षक का नाम एक इण्टर कालेज की 2016 की मानदेय लिष्ट में होने के बावजूद 2010 से इस विद्यालय में नियुक्त दर्शाया गया है. 2017 तक जनपद अलीगढ़ में पढ़ाने वाले एक शिक्षक का नाम भी इस विद्यालय में 2010 से पढ़ा रहे अध्यापकों की सूची में है.


इस पूरे मामले को लेकर मुख्य जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी कासगंज, सदर ललित कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच मुझे सौंपी है. इसके लिए जिलाधिकारी ने एक कमेटी तैयार की है. कमेटी जल्द ही जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

Intro:स्लग-विद्यालयों में फ़र्ज़ी तरीके से शिक्षकों की नियुक्तियों पर चला डीएम का डंडा,दिए जांच के आदेश


एंकर-जनपद कासगंज के दो अनुदानित विद्यालयों में फ़र्ज़ी तरीके से शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला सामने आया है जब कि वित्त नियंत्रक द्वारा पूर्व में ही इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी गयी है।ऐसे में ज़िलाधिकारी कासगंज ने मामले की उप ज़िलाधिकारी कासगंज सदर को जॉच सौंपी है।


Body:वीओ-1-दरअसल मामला सोरों ब्लॉक के दूरबीन सिंह राय सिंह जूनियर हाईस्कूल महमूद पुर पुख्ता,प्राइमरी सेक्सन एवं जनता जूनियर हाईस्कूल पचौरा जंगल का है जहां इन विद्यालयों के सरकारी अनुदान पर आने के बाद कुछ शिक्षकों की नियुक्तियां नियमों को ताक पर रख कर दी गयीं।बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि उक्त दो अनुदानित विद्यालयों में भी बैक डेट में अन्य विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया गया।

वीओ-2-वित्त नियंत्रक की आपत्ति के अनुसार 2012 से लेकर 2017 तक एक व्यक्ति नगरपालिका में कार्यरत था वहीं उस व्यक्ति को 2010 से स्कूल में नियुक्त दिखाया गया है।
2012 में जो दंपति विदेश में है उसकी भी नियुक्ति स्कूल में 2010 से दर्शाई गई है।
एक शिक्षक का नाम एक इण्टर कालेज की 2016 की मानदेय लिष्ट में होने के बावजूद उक्त अध्यापक भी 2010 से इस विद्यालय में नियुक्त दर्शाया गया है।
2017 तक जनपद अलीगढ़ में पढ़ाने वाले एक शिक्षक का नाम भी इस विद्यालय में2010 से पढा रहे अध्यापकों की लिष्ट में है।

वीओ-3-इस पूरे मामले के मुख्य जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी कासगंज सदर ललित कुमार ने बताया कि ज़िलाधिकारी द्वारा इस मामले की जांच मुझे सौंपी गई है इसके लिए ज़िलाधिकारी ने एक कमेटी तैयार की है जो जल्द ही जांच कर अपनी रिपोर्ट ज़िलाधिकारी को सौंपेगी।

बाइट-ललित कुमार (उप ज़िलाधिकारी -कासगंज सदर)



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