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कानपुर: सेना को सौंपी गई 'धनुष' तोप, बोफोर्स से भी है ज्यादा ताकतवर

कानपुर के लिए आज गौरव का क्षण है. मेक इन इंडिया के लक्ष्य के तहत तैयार की गई पूर्ण स्वदेशी तकनीक से लैस 'धनुष' को आज सेना को समर्पित कर दिया गया.

धनुष तोप
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Published : Jun 26, 2019, 3:22 PM IST

कानपुर: फील्ड गन फैक्ट्री ने 'धनुष' तोप का निर्माण कर बुधवार को सेना को सौंप दिया. 'धनुष' सीमाओं पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में काफी मददगार साबित होगी. रक्षा क्षेत्र में भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. 'धनुष' तोप दुनिया के सबसे लंबे बैरल वाली तोपों में से एक है.

38 किलोमीटर लंबी है 'धनुष' मारक क्षमता.
  • ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने बोफोर्स से दो जनरेशन आगे की अत्याधुनिक तोप का विकास कर 'धनुष' को तैयार किया है.
  • लंबी दूरी पर छुपे दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए यह तोप काफी कारगर साबित होगी.
  • धनुष तोप 155×45 एमएम कैलिबर की माडर्न की हुई पहली स्वदेशी आर्टिलरी धनुष गन है.
  • इसका निर्माण भारत में अप बोर्ड द्वारा किया गया है.
  • इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर लंबी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में फील्ड गन फैक्ट्री के सीनियर जीएम अनिल कुमार ने बताया कि धनुष आर्टिलरी गन प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी. धनुष एक पृथक गन सिस्टम के रूप में विकसित की गई है. इसका वजन 155 एमएम 39 कैलिबर गन से 700 किलोग्राम ज्यादा है. बैरल भी बोफोर्स गन की तुलना में 877 मिमी ज्यादा है. बोफोर्स गन की तुलना में धनुष में फायर कंप्यूटर सिस्टम पर ऑटो लेइंग प्रणाली है.

कानपुर: फील्ड गन फैक्ट्री ने 'धनुष' तोप का निर्माण कर बुधवार को सेना को सौंप दिया. 'धनुष' सीमाओं पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में काफी मददगार साबित होगी. रक्षा क्षेत्र में भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. 'धनुष' तोप दुनिया के सबसे लंबे बैरल वाली तोपों में से एक है.

38 किलोमीटर लंबी है 'धनुष' मारक क्षमता.
  • ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने बोफोर्स से दो जनरेशन आगे की अत्याधुनिक तोप का विकास कर 'धनुष' को तैयार किया है.
  • लंबी दूरी पर छुपे दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए यह तोप काफी कारगर साबित होगी.
  • धनुष तोप 155×45 एमएम कैलिबर की माडर्न की हुई पहली स्वदेशी आर्टिलरी धनुष गन है.
  • इसका निर्माण भारत में अप बोर्ड द्वारा किया गया है.
  • इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर लंबी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में फील्ड गन फैक्ट्री के सीनियर जीएम अनिल कुमार ने बताया कि धनुष आर्टिलरी गन प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी. धनुष एक पृथक गन सिस्टम के रूप में विकसित की गई है. इसका वजन 155 एमएम 39 कैलिबर गन से 700 किलोग्राम ज्यादा है. बैरल भी बोफोर्स गन की तुलना में 877 मिमी ज्यादा है. बोफोर्स गन की तुलना में धनुष में फायर कंप्यूटर सिस्टम पर ऑटो लेइंग प्रणाली है.

Intro:कानपुर:-बोफोर्स से ज्यादा ताक़तशाली 'धनुष' तोप आज सेना को सौंपी गई

कानपुर के लिए आज गौरव का क्षण है मेक इन इंडिया के लक्ष्य को सागर तैयार की गई पूर्ण स्वदेशी तकनीक से लैस 'धनुष' को आज सेना को समर्पित कर दिया गया। आयुध निर्माणी की सेना को दी गई । यह धनुष सीमाओं पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में काफी मददगार साबित होगी। रक्षा क्षेत्र में भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है धनुष तोप। कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री ने धनुष तोप का निर्माण कर आज सेना को सौंप दिया। दुनिया के सबसे लंबे बैरल वाली तोपों में से एक है धनुष।


Body:ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने बोफोर्स से दो जनरेशन आगे की अत्याधुनिक तोप का विकास कर धनुष को तैयार किया है। लंबी दूरी पर छुपे दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए काफी कारगर साबित होगी धनुष तोप 155×45 एमएम कैलिबर की मार्डरन किया पहली स्वदेशी आर्टिलरी धनुष गण है जिसका निर्माण भारत में अप बोर्ड द्वारा किया गया है इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर लंबी है। ईटीवी भारत से खास बातचीत में फील्ड गन फैक्ट्री के सीनियर जीएम अनिल कुमार ने बताया कि धनुष आर्टिलरी गन प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी।
धनुष एक पृथक गन सिस्टम के रूप में विकसित की गई है जिसका वजन 155 एमएम 39 कैलिबर गन से 700 किलोग्राम ज्यादा है बैरल भी बोफोर्स गन की तुलना में 877 मिमी ज्यादा है।

बाईट:- अनिल कुमार....जीएम फील्ड गन फैक्ट्री


Conclusion:बोफोर्स गन की तुलना में धनुष में फायर कंप्यूटर सिस्टम पर ऑटो लेइंग प्रणाली है । गौरतलब रहे कि 1987 में 414 फोर्स स्वीडन से आयात की गई थी।
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