संतकबीर नगर : लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होते ही ग्रामीणों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों और नेताओं पर फूटने लगा है. दरअसल, असनहरा गांव के ग्रामीण पक्के पुल की मांग के लिए कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. विधायक सहित कई लोग गांव में पहुंचे और पुल बनवाने का आश्वासन दिया, लेकिन कई वर्षों के बीत जाने के बाद भी इन नेताओं के दावे हवा-हवाई साबित हुए. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में बहिष्कार का मन बनाते हुए गांव के चौराहे पर बोर्ड लगा दिया है. इस दौरान ग्रामीणों ने 'पुल नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद किया.
पूरा मामला जिले के सेमरियावां ब्लॉक में स्थित असनहरा गांव का है, जहां केग्रामीण आज भी बांस के पुल के सहारे नदी को पारकर अपनी यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. कई बार यहां के ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल की मांग की. मांग पूरीन होने पर ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन भी किया है.
बीते साल 55 दिन तक चले आंदोलन में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर असनहरा घाट पर पहुंचे थे. उन्होंने ग्रामीणों की पुल बनवाने का आश्वासन देते हुए धरने को समाप्त कराया था. धरने के दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी, लेकिन मंत्री जी के दावे हवा-हवाई साबित हुए. ग्रामीण आज भी बांस के पुल के सहारे जान को जोखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर हैं.
वहीं जैसे ही लोकसभा चुनाव की तिथि जारी हुई तो ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का मन बना लिया. गांव के चौराहे पर चुनाव बहिष्कार का बोर्ड लगाते हुए नारेबाजी की. ग्रामीणों ने कहा कि अबकी बार वह लोकसभा चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे. इतना ही नहीं, गांव की महिलाएं चुनाव के दिन काली पट्टी बांधकर लोकसभा चुनाव का विरोध करेंगी.