बहराइच: जिले में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं . सियासी दीवारों पर सियासत के रंग उभर और बिखर रहे हैं . सभी राजनीतिक दलों के नेता अपने दल के प्रत्याशी की जीत के दावे कर रहे हैं . वह अपने अपने दल के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों से जनता को लुभाने में लगे हैं . विकास और राष्ट्रवाद के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को लेकर सियासी दल मतदाताओं के दिलों में पैठ बनाने में लगे है .
जानिए इस बार क्या है जिले में लोकसभा चुनाव का राजनीतिक समीकरण
- बहराइच लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म है जिले में दो लोकसभा सीटें आती हैं इनमें बहराइच सुरक्षित लोकसभा सीट संपूर्ण हैं जबकि कैसरगंज लोकसभा सीट आंशिक है.
- दोनों लोकसभा सीटों पर सभी राजनीतिक दल आगे निकलने की होड़ में हैं कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है
- बहराइच लोकसभा सीट से भाजपा ने जहां भाजपा से चार बार विधायक रहे अक्षयवर लाल गौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है.
- वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से सांसद का चुनाव जीतने वाली सावित्रीबाई फुले इस बार भाजपा से बगावत कर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
- समाजवादी पार्टी से चार बार विधायक रहे शब्बीर बाल्मीकि को सपा-बसपा गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बनाया है.
- सभी दल अपने-अपने दल के प्रत्याशी की जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं लेकिन मुस्लिम मतों में विभाजन के आसार से भाजपा की उम्मीदें बढ़ गई हैं
- समाजवादी पार्टी से चार बार विधायक रहे सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर बाल्मीकि 2014 के लोकसभा चुनावों में तीन लाख से अधिक मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे .
- इस बार वह सपा के परम्परा गत वोटों के साथ बसपा वोट बैंक के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में है
- वहीं भाजपा प्रत्याशी अक्षयवर लाल गौड़ मोदी, योगी सरकार के विकास कार्यों और मोदी फैक्टर के सहारे जीत की आस लगाए हुए हैं .