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सोनभद्र: पानी की तलाश में भटक रहे जंगली जानवरों के लिए करायी गई जल की व्यवस्था

सोनभद्र में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारीयों ने जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था की है. गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष इनके लिए पानी पीने की व्यवस्था की जाती है,इसके लिए कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में पानी भर दिया जाता है. जिसको पीकर वे अपनी प्यास बुझाते हैं.

जंगली जानवरों के लिये करायी जल की व्यवस्था
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Published : Jun 4, 2019, 1:05 PM IST


सोनभद्र: जल ही जीवन है. चाहे वह इंसान हो या जानवर पानी सबके लिये जरुरी है. इंसान अपनी व्यवस्था स्वयं बना लेता है लेकिन जानवर प्रकृति या इंसान के भरोसे पर ही जीवित है. ऐसे में सोनभद्र में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जानवरों के लिए कुछ अलग कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जंगल के नदी और नाले सूख चुके हैं. जिसकी वजह से जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था रेंज कार्यालय में की गयी है. जहां अधिकतर लंगूर आते हैं और क्यारियों में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं.

जंगली जानवरों के लिये करायी जल की व्यवस्था
क्यारियों में भरे पानी को पीकर बुझाते हैं प्यास:
  • जल ही जीवन है, चाहे वह इंसान हो या जानवर पानी सबके लिये जरुरी है.
  • सोनभद्र वन प्रभाग के मांची रेंज कार्यालय के पास स्थित जंगल में बहुतायत संख्या में हैं लंगूर.
  • भीषण गर्मी में जंगल के नदी नाले सूख जाने की वजह से नहीं मिल पा रहा है जानवरों को पानी.
  • वन विभाग के अधिकारियों ने रेंज कार्यालय में की जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था.
  • कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में भर दिया जाता है पानी.
  • पानी की तलाश में भटक कर आने वाले जानवर क्यारियों में भरे पानी को पीकर बुझाते हैं अपनी प्यास.

मांची वन रेंज में ज्यादातर लंगूर ,जंगली सूअर और लकड़बग्घा व अन्य जानवर पाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष इनके लिए पानी पीने की व्यवस्था की जाती है ,इसके लिए कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में पानी भर दिया जाता है. जंगलों में जानवरों के लिए चेकडैम और तालाब को बनाया गया है लेकिन सब सुख चुके हैं.

राजेंद्र कुमार शर्मा , वन दरोगा, माची वन रेंज, सोनभद्र


सोनभद्र: जल ही जीवन है. चाहे वह इंसान हो या जानवर पानी सबके लिये जरुरी है. इंसान अपनी व्यवस्था स्वयं बना लेता है लेकिन जानवर प्रकृति या इंसान के भरोसे पर ही जीवित है. ऐसे में सोनभद्र में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जानवरों के लिए कुछ अलग कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जंगल के नदी और नाले सूख चुके हैं. जिसकी वजह से जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था रेंज कार्यालय में की गयी है. जहां अधिकतर लंगूर आते हैं और क्यारियों में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं.

जंगली जानवरों के लिये करायी जल की व्यवस्था
क्यारियों में भरे पानी को पीकर बुझाते हैं प्यास:
  • जल ही जीवन है, चाहे वह इंसान हो या जानवर पानी सबके लिये जरुरी है.
  • सोनभद्र वन प्रभाग के मांची रेंज कार्यालय के पास स्थित जंगल में बहुतायत संख्या में हैं लंगूर.
  • भीषण गर्मी में जंगल के नदी नाले सूख जाने की वजह से नहीं मिल पा रहा है जानवरों को पानी.
  • वन विभाग के अधिकारियों ने रेंज कार्यालय में की जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था.
  • कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में भर दिया जाता है पानी.
  • पानी की तलाश में भटक कर आने वाले जानवर क्यारियों में भरे पानी को पीकर बुझाते हैं अपनी प्यास.

मांची वन रेंज में ज्यादातर लंगूर ,जंगली सूअर और लकड़बग्घा व अन्य जानवर पाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष इनके लिए पानी पीने की व्यवस्था की जाती है ,इसके लिए कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में पानी भर दिया जाता है. जंगलों में जानवरों के लिए चेकडैम और तालाब को बनाया गया है लेकिन सब सुख चुके हैं.

राजेंद्र कुमार शर्मा , वन दरोगा, माची वन रेंज, सोनभद्र

Intro:नोट- खबर ftp से up_SBD_jangali janawar 2019_Vis & Byte_up10041 के फोल्डर से भेजा गया है।


Anchor- जल ही जीवन है चाहे वह इंसान हो या जानवर। इंसान अपनी व्यवस्था स्वयं बना लेता है लेकिन जानवर प्रकृति या इंसान के भरोसे पर ही जीवित है ।इंसान तो अपनी समस्याओं को बोलकर सामने रख लेता है लेकिन जानवर यह नहीं कर पाते हैं। ऐसे में सोनभद्र में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जानवरों के लिए कुछ अलग कर रहे हैं ।सोनभद्र वन प्रभाग के मांची रेंज कार्यालय के पास स्थित जंगल में बहुतायत की संख्या में लंगूर हैं इस भीषण गर्मी में जहां जंगल में नदी नाले व अन्य स्रोत सूखे पड़ जाने की वजह से जानवरों को पानी नहीं मिल पा रहा है ,तो वही इसकी व्यवस्था वन विभाग ने अपने कार्यालय परिसर में किया है। इस कार्यालय परिसर में ही जंगल से आकर लंगूर पानी पीकर अपनी प्यास को बुझाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जंगल के नदी और नाले सूखे पड चुके हैं जिसके वजह से जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था रेंज कार्यालय में किया गया है। जहां अधिकतर लंगूर आते हैं ।जंगलों में पानी के लिए चैकडेम और तालाब खुदवाये गए हैं लेकिन इतनी गर्मी में सूख गए हैं।


Body:Vo1- सूबे के सर्वाधिक वनाच्छादित सोनभद्र में गर्मी के दिनों में पानी के लिए जानवरों को भी दो-चार होना पड़ रहा है जबकि सोनभद्र वन प्रभाग के मांची वन रेंज के अधिकारियों ने जंगल में बहुतायत की संख्या में पाए जाने वाले लंगूरों को पानी पीने के लिए कार्यालय में व्यवस्था किया है। जहां लगी नर्सरी में पानी देने के समय क्यारियों में पानी भर दिया जाता है इस भीषण गर्मी में पानी के लिए जंगल में भटक कर आने वाले जानवर क्यारियों में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं।


Conclusion:Vo2- इस व्यवस्था पर वन दरोगा कहते हैं कि मांची वन रेंज में ज्यादातर लंगूर ,जंगली सूअर और लकड़बग्घा व अन्य जानवर पाए जाते हैं, गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष इनके लिए पानी पीने की व्यवस्था किया जाता है ,इसके लिए कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में पानी भर दिया जाता है। जंगलों में जानवरों के लिए चेकडैम और तालाब को बनाया गया है लेकिन सब सुख चुके हैं।

Byte- राजेंद्र कुमार शर्मा (वन दरोगा, माची वन रेंज, सोनभद्र)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
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