आगरा: कोरोना संक्रमण के चलते बीते तीन माह से बन्द चल रहे आगरा दीवानी न्यायालय को आज से सभी कार्यों के लिए खोल दिया गया. न्यायालय के खुलते ही अपने कानूनी कामों के लिए लोगों की भीड़ लग गई. हालांकि जिला जज मयंक कुमार जैन के आदेश पर दीवानी खुलने से पहले पूरे परिसर को सैनिटाइज करवाया गया था और थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई थी. वहीं एक ही गेट से प्रवेश और एक ही थर्मल स्क्रीनिंग मशीन होने के चलते लोगों को धूप में लाइन लगाकर घंटों खड़े रहना पड़ा.
अधूरी व्यवस्था से परेशान हुए वादी
इस दौरान महीनों से दीवानी खुलवाने के लिए आवाज उठाने वाले वकील किसी भी व्यवस्था में हाथ बंटाते नजर नहीं आये. हालातों का जायजा लेने के लिए खुद एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद मौके पर पहुंचे और परिसर का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए.
20 मार्च से बंद थी दीवानी
बता दें कि 20 मार्च से दीवानी बंद थी और लॉकडाउन के चलते लगातार बंद ही रही. केवल रिमांड मजिस्ट्रेट ही कुछ समय के लिए आते थे और पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों को जमानत या जेल भेजने की कार्यवाही कर रहे थे. इस दौरान संक्रमण को रोकने की नीयत से दस वर्ष से कम सजा वाले मामलों में निजी मुचलके पर जमानत दी जा रही थी और जेल जाने वाले कैदियों को पहले अस्थायी जेल में क्वारंटाइन किया गया.
लोगों का खत्म हुआ इंतजार
लॉकडाउन के दौरान तमाम चालान, सीज वाहन और अन्य मुकदमे आदि के मामले में लोग काफी समय से न्यायालय के खुलने का इंतजार कर रहे थे. आज न्यायालय खुलने पर यहां भारी भीड़ दिखाई दी और अधिवक्ताओं के चेहरे पर भी चमक नजर आई, क्योंकि तीन माह से अधिक समय बाद आज उनकी आजीविका दोबारा शुरू हो गई.
इस मामले में एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि दीवानी में भीड़ को देखते हुए न्यायालय कक्ष में निश्चित संख्या में ही लोगों को प्रवेश करने दिया जा रहा है. साथ ही सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. अंदर आने वाले हर व्यक्ति को मोबाइल में आरोग्य सेतु डाउनलोड करना जरूरी है. बिना मास्क पहने किसी को परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और अधिवक्ताओं के चैंबर में सोशल डिस्टेंसिंग औऱ सैनिटाइजर के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बता दिया गया है.
यह है कोरोना अपडेट
बता दे कि गुरुवार को 14 नए मरीजों के साथ ताजनगरी में संक्रमितों का आंकड़ा अब 1241 पहुंच गया है. मौतें भी 88 हो गई हैं. अभी फिलहाल मात्र 122 केस ही एक्टिव हैं और 23509 लोगों के सैम्पल लिए जा चुके हैं. जिले में ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 83.07 है. जनपद में वर्तमान में 52 कंटेन्मेंट और बफर जोन बनाए गए हैं.