बलरामपुर : दहेज उत्पीड़न और पत्नी के कत्ल के जुर्म में विवेक तिवारी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आजीवन सजा काट रहा था. विवेक तिवारी को पुलिस अभिरक्षा में मानसिक इलाज के लिए भेजा गया था, तभी वह वहां से फरार हो गया. इस मामले में विवेक की अभिरक्षा में गए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. वहीं पुलिस ने विवेक तिवारी के घर से उसे गिरफ्तार कर लिया है.
क्या है पूरा मामला
विवेक तिवारी 13 अप्रैल 2018 से महाराजगंज तराई थाना क्षेत्र में पंजीकृत दहेज उत्पीड़न और हत्या अभियोग में विचाराधीन कैदी के रूप में जिला जेल में बंद था. उसे मानसिक बीमारी की शिकायत थी, इस वजह से उसे इलाज के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी रेफर किया गया था. वहीं से 22 जनवरी 2019 को शाम के समय विवेक तिवारी ने पुलिस को चकमा दिया और पेशाब करने के बहाने पुलिस अभिरक्षा से भाग गया. जिसकी तलाश लखनऊ पुलिस, गोंडा पुलिस सहित बलरामपुर पुलिस कर रही थी.
पुलिसकर्मियों पर हुई थी कार्रवाई
पुलिस अभिरक्षा में विवेक तिवारी के फरार होने के कारण उसके साथ तैनात तीन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक बलरामपुर अमित कुमार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने जिलेभर की पुलिस टीम को लगाकर उसकी खोजबीन करवानी शुरू की थी.
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मानसिक रूप से बीमार विवेक तिवारी फरार होने के बाद पहले तो दिल्ली गया और फिर वहां से वापस गोंडा आया. गोंडा से बिहार चला गया, उसके बाद बिहार से फिर वापस दिल्ली गया. दिल्ली से पुनः गोंडा आने के बाद उसकी शिनाख्त हुई और इसके बाद खोजबीन में लगी पुलिस टीम अधिक सक्रिय हो गई. उन्होंने बताया कि विवेक तिवारी ने सारी यात्राएं ट्रेन से ही की, जिससे वह पुलिस को लगातार चकमा देता रहा.
अमित कुमार ने कहा कि जब उसके पास पैसों की तंगी हो गयी तो वह गोंडा से तुलसीपुर अपने एक रिश्तेदार के घर आ गया, जहां तुलसीपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. विवेक पर पत्नी का हत्या करने का आरोप है और हम उसे पुनः जेल भेज रहे हैं.