कानपुर/लखनऊ : कानपुर में 24 घंटे में जीका वायरस के तीन नए मरीज मिले हैं. वहीं, लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में एक शख्स जीका वायरस से संक्रमित मिला है. इसके अलावा कृष्णानगर की एक महिला को भी जीका वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है. दोनों को आइसोलेट कर दिया गया है.
यहां रात में ही ट्रेसिंग और टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है. प्रदेश में जीका वायरस के अब कुल 111 मामले हो गए हैं. लखनऊ के सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने दो मरीज मिलने की पुष्टि की है.
उधर, सीएम योगी ने इस लेकर गंभीरता दिखाई है. सीएम के आदेश पर कानपुर में जीका वायरस के इलाज के लिए डेडिकेटड अस्पताल तैयार किया जा रहा है. इसके लिए शहर के कांशीराम अस्पताल में तैयारियां चल रहीं हैं. इसके अलावा जीका वायरस की जांच भी अब शहर में ही होगी. अब शहर से बाहर जांच के लिए सैंपल नहीं भेजे जाएंगे.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान शहर में जीका वायरस से बचाव की तैयारियों को लेकर उन्होंने अफसरों के साथ मंथन किया था. उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए थे कि शहर में जीका वायरस के मामले जल्द से जल्द नियंत्रण में आने चाहिए.
उन्होंने ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने और जांच करने पर जोर देने के साथ ही जीका डेडिकेटड अस्पताल तैयार करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने शहर में जगह-जगह फागिंग और दवाओं का छिड़काव तेज कर दिया है. साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी बचाव के पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं.
जीका वायरस की जांच के लिए कानपुर के मेडिकल कॉलेज को 100 टेस्टिंग किट भेजीं जा चुकीं हैं. दावा किया जा रहा है कि अब जीका वायरस की जांच रिपोर्ट जल्दी मिल जाएगी जिससे इलाज में काफी सहूलियत होगी.
इस बारे में शहर के सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहर में डेडीकेटेड जीका अस्पताल बनाने के निर्देश दिए थे. इसी के तहत कांशीराम अस्पताल को जीका डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है. जीका वायरस से संक्रमितों का अब यहां इलाज होगा. मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ाने के साथ ही शहर में फागिंग और दवा का छिड़काव तेज कर दिया गया है. ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं.
जीका वायरस के लक्षण
- बुखार
- आंखें लाल होना
- सिर में दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- थकावट
- घबराहट
- बेचैनी
ये हैं बचाव
- खुद को मच्छरों से बचाएं
- शरीर को फुल आस्तीन कपड़ों से ढक के रखें
- मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें
- गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर मच्छरों से बचाएं
- घर में टूटे बर्तन, टायर , कूलर में पानी भरा न रहने दें