कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के एगरा इलाके में एक अवैध पटाखा कारखाने में मंगलवार को हुए विस्फोट की जांच राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) और फॉरेन्सिक विभाग के दलों ने शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फॉरेन्सिक विशेषज्ञों ने अवैध पटाखा कारखाने और उसके पास के खाडिकुल गांव में विस्फोट के कारण ढह चुके मकानों से नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि सीआईडी के अधिकारी गवाहों और विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेंगे. ओडिशा की सीमा के पास स्थित गांव में स्थानीय पुलिस की एक टुकड़ी तैनात की गई है.
जिला पुलिस ने मंगलवार (16 मई) को हुए विस्फोट के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें नौ लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "हमारे अधिकारी मौके पर हैं और उन्होंने जांच शुरू कर दी है. फॉरेन्सिक विशेषज्ञ भी वहां मौजूद हैं. मौके से नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि पटाखे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री का पता लगाया जा सके." एक चिकित्सक ने बताया कि घायलों में से पांच की हालत 'गंभीर' है. उन्होंने कहा, "एक महिला की हालत नाजुक है और अन्य चार की हालत भी खतरे से बाहर नहीं कही जा सकती."
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी बुधवार को सुबह खादिकुल गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और पड़ोस की इमारत की छत से उस मकान को देखा जहां पटाखे बनाने का कारखाना था. पूर्वी मेदिनीपुर जिले के रहने वाले अधिकारी ने विस्फोट की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने की अपनी मांग दोहरायी. उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग को लेकर एक रैली करेंगे.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "हम चाहते हैं कि मामले की जांच एनआईए से कराई जाए. हम चाहते हैं कि सच सामने आए और दोषियों को दंडित किया जाए." पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि हालांकि राज्य की सीआईडी को विस्फोट की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन अगर एनआईए मामले की जांच शुरू करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. बनर्जी ने पत्रकारों से कहा था, "हमें कोई आपत्ति नहीं है. यह उनके (भाजपा) नेताओं का जिला है...जांचकर्ताओं को जांच करने दें."
(पीटीआई-भाषा)