देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. उत्तराखंड एसटीएफ को बीते दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस से इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद से ही उत्तराखंड एसटीएफ इस गिरोह के पीछे लगी हुई थी. जैसे ही उत्तराखंड एसटीएफ को इस गिरोह के बारे में पुख्ता जानकारी मिली, उनकी टीम ने मौके पर छापा मारा और उधमसिंह नगर जिले से सबूतों के साथ इस गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया था नार्को टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल में इस पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि बीते 30 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में पुलिस ने 34 किलोग्राम कोकेन यानी हीरोइन के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए नार्को टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. जब्त किए गए कोकेन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 300 करोड़ रुपए बताई गई थी.
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उत्तराखंड एसटीएफ को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जो जानकारी दी थी, उसके मुताबिक आरोपियों से बरामद की गई कोकेन सीमा पार से लाई गई थी. आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए फर्जी कागजात और गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेटों का इस्तेमाल किया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी पंजाब का रहने वाले हैं. आरोपियों को पहचान पंजाब के जालंधर निवासी सरबजीत सिंह और फगवाड़ा निवासी हनी बसरा के रूप में हुई है.
उत्तराखंड से जुड़े थे फर्जी दस्तावेजों की तार: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जब आरोपियों के घर की तलाशी ली तो वहां से गाड़ियों की 38 फर्जी नंबर प्लेटें, कई फर्जी पंजीकरण, प्रमाण पत्र, नकली पासपोर्ट, करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए नकद और अवैध रिवॉल्वर बरामद हुए. पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ये फर्जी दस्तावेज उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले से बनाए थे, जिसकी जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उत्तराखंड एसटीएफ को दी थी.
जम्मू कश्मीर और उतराखंड पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन: आरोपियों तक पहुंचने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस और उतराखंड एसटीएफ ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन किया, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस की आड़ में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 2 आरोपियों को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले से गिरफ्तार किया गया. उत्तराखंड एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया है.
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दोनों आरोपी यूपी के रहने वाले: उधमसिंह नगर जिले से पकड़े गए दोनों आरोपियों के नाम कृष्ण पाल और दीपचंद है, जो यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले हैं. आरोपियों के पास से पुलिस को बड़ी मात्र में फर्जी कागजात, मोहरें और उनको बनाने के उपकरणों बरामद हुए हैं. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वो दोनों पिछले काफी समय से जम्मू-कश्मीर में पकड़े गये आरोपियों के संपर्क में थे और इस धंधे में कई सालों से लगे हुए हैं.
उत्तराखंड एसटीएफ भी जांच में जुटी: उत्तराखंड एसटीएफ अब इस बात की जानकारी कर रहा है कि बनाए गये फर्जी कागजात गैर कानूनी रूप से कहां इस्तेमाल किये गये हैं. दोनों आरोपियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आरोपी प्रिंटिंग प्रेस चलाते थे, जिसकी आड़ में वो ये सब फर्जी काम करते थे. आरोपियों के पास से बरामद फर्जी दस्तावेजों की उत्तराखंड एसटीएफ की टीम भी अपने स्तर पर जांच करेगी.
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एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि प्रिंटर, कैंसल्ड पासपोर्ट, हार्ड डिस्क, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (निरुद्ध), चेक बुक 10, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पासपोर्ट कवर, चार ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, गोल्डन स्टांप पेपर उत्तराखंड, इलेक्शन कार्ड 2, तीन हाई स्कूल सर्टिफिकेट और दो इंटर सर्टिफिकेट बरामद किए गए हैं.