लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने निकाय चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अगर बैलेट पेपर से फेयर चुनाव होते तो बहुजन समाज पार्टी मेयर चुनाव जरूर जीतती. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने खूब धांधली की है. उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी सरकार के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी और इससे पहले समाजवादी पार्टी ने भी धांधली कर चुनाव जीते हैं. बहुजन समाज पार्टी निकाय चुनाव में हुई हार का बीजेपी को करारा जवाब देगी.
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1. यूपी निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बीएसपी चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब बीजेपी को ज़रूर मिलेगा।
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2. साथ ही, तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बीएसपी पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। अगर यह चुनाव भी फ्री एण्ड फेयर होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती। बैलेट पेपर से चुनाव होने पर बीएसपी मेयर चुनाव भी ज़रूर जीतती।
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3. वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियाँ सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ, यह अति-चिन्तनीय।
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया कि यूपी निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेक हथकंडों का इस्तेमाल किया गया. सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बीएसपी चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब बीजेपी को जरूर मिलेगा. तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बीएसपी पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया. उन्होंने कहा कि अगर यह चुनाव भी फ्री एंड फेयर होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती. बैलेट पेपर से चुनाव होने पर बीएसपी मेयर चुनाव भी ज़रूर जीतती. वैसे चाहे भाजपा हो या सपा, दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं. इस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है. इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ. यह अति-चिन्तनीय है.
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी इस बार एक भी मेयर जीतने में सफल नहीं हुई है. पिछली बार के निकाय चुनाव में बीएसपी के दो मेयर जीते थे. इनमें एक सीट अलीगढ़ की थी तो दूसरी मेरठ की. लेकिन, इस बार 17 नगर निगम पर भाजपा ने कब्जा कर लिया. समाजवादी पार्टी पहले भी मेयर नहीं जीती थी. इस बार भी उसका खाता नहीं खुला. हालांकि, मायावती को झटका इसलिए भी लगा है. क्योंकि, मेयर तो जीते नहीं साथ में नगर पंचायत और नगर पालिका का भी परिणाम राहत की सांस लेने वाला बिल्कुल भी नहीं रहा है. जो रणनीति बनाकर मायावती ने निकाय चुनाव लड़ा वह भी फेल ही साबित हुई. ऐसे में मायावती को अब 2024 के लोकसभा चुनाव की फिक्र सताने लगी है.
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