कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की(Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister narendra modi) से बातचीत की और अपने देश के खिलाफ रूस के सैन्य हमले को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा. प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेलीफोन पर यह बातचीत यूएनएससी में अमेरिका के उस प्रस्ताव पर हुए मतदान से भारत के अलग रहने के कुछ घंटों बाद हुई, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'आक्रामक बर्ताव' की 'कड़ी शब्दों में निंदा' की गई थी.
जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की. यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया.' उन्होंने कहा, 'हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी हैं. वे आवासीय इमारतों पर अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं. भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमें राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया गया. एक साथ मिलकर हमलावरों को रोकते हैं.'
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Spoke with 🇮🇳 Prime Minister @narendramodi. Informed of the course of 🇺🇦 repulsing 🇷🇺 aggression. More than 100,000 invaders are on our land. They insidiously fire on residential buildings. Urged 🇮🇳 to give us political support in🇺🇳 Security Council. Stop the aggressor together!
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के लिए भारत का समर्थन मांगने के एक दिन बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया. टेलीफोन पर हुई बातचीत में, कुलेबा ने जयशंकर से आग्रह किया था कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समर्थन देने के अलावा रूस पर भारत के प्रभाव का इस्तेमाल कर 'सैन्य आक्रमण' को रोकने का प्रयास करें.
कुलेबा ने एक ट्वीट में कहा था कि उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह रूस के साथ संबंधों में अपने प्रभाव के जरिये यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने का प्रयास करे. उन्होंने कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत से आग्रह किया कि वह यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए आज के मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करे.' पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. इसे ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, सहित संयुक्त राष्ट्र के 67 सदस्य देशों के एक 'क्रॉस रीजनल' समूह ने सह प्रस्तावित किया था.
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भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मतदान से दूर रहे. वहीं अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, गाबोन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नार्वे, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कुल 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका क्योंकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने इस पर वीटो किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने मतदान पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा, 'भारत, यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम से बेहद विचलित है. हम अपील करते हैं कि सारे प्रयास हिंसा और युद्ध को तत्काल रोकने की दिशा में होने चाहिए.'
लगभग 16,000 भारतीय, मुख्य रूप से छात्र, यूक्रेन में फंसे हुए हैं. यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को 24 फरवरी की सुबह से नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया गया है और इसलिए, भारत द्वारा अपने नागरिकों को निकालने के लिए उड़ानों का संचालन रोमानिया के बुखारेस्ट और हंगरी के बुडापेस्ट से किया जा रहा है.
(एजेंसी इनपुट)