ETV Bharat / bharat

अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल से दो किलोमीटर पहले बसेगी टेंट सिटी, 15000 लोगों के लिए बनेगी ओपेन किचन

Ayodhya Ram Janmabhoomi : अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. इसमें कितने लोग आएंगे, उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था का जिम्मा विश्व हिंदू परिषद को दिया गया है. इस संदर्भ में वाराणसी पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 1:12 PM IST

अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों पर बात करते विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र.

वाराणसी: श्री राम जन्मभूमि स्थल पर 22 जनवरी 2024 को होने वाले भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए एक तरफ जहां मंदिर ट्रस्ट लगा है, तो वहीं विश्व हिंदू परिषद पूरी तैयारी की रूपरेखा तैयार कर रहा है. कितने लोग आएंगे, कहां रुकेंगे और किस जगह इनके खाने पीने का प्रबंध होगा. यह सब तैयारी को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद उठा रहा है.

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के लिए देशभर से समाज के बंधु तथा पूज्य संत सभी संप्रदायों के 127 से भी अधिक की सूची हमें मिली है. सभी को निमंत्रण भेजा जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि 22 जनवरी को जब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का आनंद उत्सव अयोध्या में मनाया जाएगा, तब पूरे देश में गांव-गांव और मठ मंदिरों में हर हिंदू दरवाजे पर पांच दीपक जलाए जाएंगे.

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारणः उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा. हर कोई अपने-अपने स्थान पर देखें तथा शाम को हर घर पर पांच दीपक जलाकर आनंद उत्सव मनाए. इस प्रकार की अपेक्षा की गई है. इसलिए जानकारी जगह-जगह दी जा रही है. पूरे देश में और विदेश में जो भी राम भक्त हैं, उन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ताकि आनंद उत्सव उस दिन अच्छे से मनाया जा सके.

कितने संत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचेंगेः दिनेश चंद्र ने बताया कि विशिष्टजनों की लिस्ट में अभी तक सिर्फ दो से ढाई हजार के बीच नाम हैं, जबकि संतों की सूची छह हजार के ऊपर हो चुकी है. जिन लोगों को व्यवस्था में लगाया गया है, उनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है. यह सभी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता हैं, जो देशभर से लगाए जा रहे हैं. यह अलग-अलग भाषाओं के बोलने वाले जानकार होंगे, ताकि किसी भी व्यक्ति, संत या भक्तों को भाषा के संदर्भ में कोई भी दिक्कत ना आए.

अयोध्या रेलवे स्टेशन और ट्रेनों की क्या होगी व्यवस्थाः उन्होंने बताया कि अभी तक फिलहाल हमने ट्रेन और वहां की व्यवस्था के लिए कोई प्लान नहीं किया. यह सरकार के लिए छोड़ा गया है. वहां रहने की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से की जा रही है. कम से कम सात हजार से ज्यादा लोगों के रुकने की व्यवस्था है. रहने की व्यवस्था के लिए माघ मेला और कुंभ में लगने वाले टेंट के लिए हम 10 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था कर रहे हैं.

टेंट सिटी में 15 हजार लोगों के रुकने की होगी व्यवस्थाः दिनेश चंद्र ने बताया कि लगभग 15 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जिम्मेदारी हमें सौंपी गई है. इसके लिए हमने टेंट वालों और तंबू कनात वालों को काम सौंप दिया है. काशी के ब्राह्मणों को ही पूजा की जिम्मेदारी सौंप गई है. अयोध्या के कुछ विद्वान हैं, काशी के द्रविड़ की और उनकी टीम है. सब मिलकर सहभागी होकर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का अपने सनातन पद्धति और रामानंद पद्धति से संपन्न किया जाएगा.

राम जन्मभूमि स्थल से पहले बनेगी टेंट सिटीः दिनेश चंद्र का कहना है कि श्री राम जन्मभूमि स्थल से लगभग दो किलोमीटर पहले खाली पड़े स्थान पर माघ मेले और कुंभ की तर्ज पर तंबू लगाने का काम किया जाएगा. 2025 में भले ही कुंभ हो लेकिन उसके पहले साधु संत और यहां आने वाले लोगों को इसी स्थान पर रुकवाया जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां से गाड़ियों की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि दो किलोमीटर का सफर लोगों को पैदल ना करना पड़े. जो दिव्यांग या वृद्ध होंगे उनको गाड़ियों से रामलला के दरवाजे तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.

टेंट सिटी में होगी ओपन किचन की व्यवस्थाः इसके अतिरिक्त ओपन किचन का कॉन्सेप्ट लेते हुए इन सभी के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम की चाय और रात के खाने का प्रबंध भी किया जाएगा. प्रतिदिन लगभग 15 हजार लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी हम पूरी करने जा रहे हैं. जिसमें संतों का खाना अलग से बनेगा. दिनेश चंद्र का कहना है कि लगभग एक हजार से ज्यादा वाहनों की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि लोगों को अन्य जगहों से राम जन्मभूमि स्थल तक लाया जा सके.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में बंदरों का आतंक रोकने को किया गया इंतजामः उन्होंने बताया कि बंदरों के आतंक की वजह से तंबू के साथ टीन शेड में भी लोगों को रखने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बंदरों के द्वारा कपड़े को फाड़ने पर ठंड में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. ठंड होने की वजह से ओस में लोगों को परेशानी ना हो, इसलिए जमीन पर भी प्लाईवुड बिछाकर उस पर दरी और गद्दे लगाए जाएंगे, ताकि लोग आराम से बिना दिक्कत परेशानी के रह सकें.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में 24 जगह एलईडी से होगा दीपोत्सव का लाइव प्रसारण, रामनगरी में प्रवेश करते ही दिखेंगे भव्य नजारे

अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों पर बात करते विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र.

वाराणसी: श्री राम जन्मभूमि स्थल पर 22 जनवरी 2024 को होने वाले भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए एक तरफ जहां मंदिर ट्रस्ट लगा है, तो वहीं विश्व हिंदू परिषद पूरी तैयारी की रूपरेखा तैयार कर रहा है. कितने लोग आएंगे, कहां रुकेंगे और किस जगह इनके खाने पीने का प्रबंध होगा. यह सब तैयारी को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद उठा रहा है.

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के लिए देशभर से समाज के बंधु तथा पूज्य संत सभी संप्रदायों के 127 से भी अधिक की सूची हमें मिली है. सभी को निमंत्रण भेजा जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि 22 जनवरी को जब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का आनंद उत्सव अयोध्या में मनाया जाएगा, तब पूरे देश में गांव-गांव और मठ मंदिरों में हर हिंदू दरवाजे पर पांच दीपक जलाए जाएंगे.

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारणः उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा. हर कोई अपने-अपने स्थान पर देखें तथा शाम को हर घर पर पांच दीपक जलाकर आनंद उत्सव मनाए. इस प्रकार की अपेक्षा की गई है. इसलिए जानकारी जगह-जगह दी जा रही है. पूरे देश में और विदेश में जो भी राम भक्त हैं, उन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ताकि आनंद उत्सव उस दिन अच्छे से मनाया जा सके.

कितने संत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचेंगेः दिनेश चंद्र ने बताया कि विशिष्टजनों की लिस्ट में अभी तक सिर्फ दो से ढाई हजार के बीच नाम हैं, जबकि संतों की सूची छह हजार के ऊपर हो चुकी है. जिन लोगों को व्यवस्था में लगाया गया है, उनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है. यह सभी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता हैं, जो देशभर से लगाए जा रहे हैं. यह अलग-अलग भाषाओं के बोलने वाले जानकार होंगे, ताकि किसी भी व्यक्ति, संत या भक्तों को भाषा के संदर्भ में कोई भी दिक्कत ना आए.

अयोध्या रेलवे स्टेशन और ट्रेनों की क्या होगी व्यवस्थाः उन्होंने बताया कि अभी तक फिलहाल हमने ट्रेन और वहां की व्यवस्था के लिए कोई प्लान नहीं किया. यह सरकार के लिए छोड़ा गया है. वहां रहने की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से की जा रही है. कम से कम सात हजार से ज्यादा लोगों के रुकने की व्यवस्था है. रहने की व्यवस्था के लिए माघ मेला और कुंभ में लगने वाले टेंट के लिए हम 10 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था कर रहे हैं.

टेंट सिटी में 15 हजार लोगों के रुकने की होगी व्यवस्थाः दिनेश चंद्र ने बताया कि लगभग 15 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जिम्मेदारी हमें सौंपी गई है. इसके लिए हमने टेंट वालों और तंबू कनात वालों को काम सौंप दिया है. काशी के ब्राह्मणों को ही पूजा की जिम्मेदारी सौंप गई है. अयोध्या के कुछ विद्वान हैं, काशी के द्रविड़ की और उनकी टीम है. सब मिलकर सहभागी होकर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का अपने सनातन पद्धति और रामानंद पद्धति से संपन्न किया जाएगा.

राम जन्मभूमि स्थल से पहले बनेगी टेंट सिटीः दिनेश चंद्र का कहना है कि श्री राम जन्मभूमि स्थल से लगभग दो किलोमीटर पहले खाली पड़े स्थान पर माघ मेले और कुंभ की तर्ज पर तंबू लगाने का काम किया जाएगा. 2025 में भले ही कुंभ हो लेकिन उसके पहले साधु संत और यहां आने वाले लोगों को इसी स्थान पर रुकवाया जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां से गाड़ियों की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि दो किलोमीटर का सफर लोगों को पैदल ना करना पड़े. जो दिव्यांग या वृद्ध होंगे उनको गाड़ियों से रामलला के दरवाजे तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.

टेंट सिटी में होगी ओपन किचन की व्यवस्थाः इसके अतिरिक्त ओपन किचन का कॉन्सेप्ट लेते हुए इन सभी के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम की चाय और रात के खाने का प्रबंध भी किया जाएगा. प्रतिदिन लगभग 15 हजार लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी हम पूरी करने जा रहे हैं. जिसमें संतों का खाना अलग से बनेगा. दिनेश चंद्र का कहना है कि लगभग एक हजार से ज्यादा वाहनों की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि लोगों को अन्य जगहों से राम जन्मभूमि स्थल तक लाया जा सके.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में बंदरों का आतंक रोकने को किया गया इंतजामः उन्होंने बताया कि बंदरों के आतंक की वजह से तंबू के साथ टीन शेड में भी लोगों को रखने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बंदरों के द्वारा कपड़े को फाड़ने पर ठंड में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. ठंड होने की वजह से ओस में लोगों को परेशानी ना हो, इसलिए जमीन पर भी प्लाईवुड बिछाकर उस पर दरी और गद्दे लगाए जाएंगे, ताकि लोग आराम से बिना दिक्कत परेशानी के रह सकें.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में 24 जगह एलईडी से होगा दीपोत्सव का लाइव प्रसारण, रामनगरी में प्रवेश करते ही दिखेंगे भव्य नजारे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.