काबुल : तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भाई रोहुल्लाह अजीजी की हत्या कर दी है. इसकी पुष्टि अजीजी के भतीजे ने की है. गौरतलब है कि अमरुल्ला सालेह पंजशीर घाटी में तालिबान विरोधी विपक्षी ताकतों के नेताओं में से एक हैं.
बता दें कि अजीजी के मारे जाने की खबर तालिबान बलों द्वारा पंजशीर के प्रांतीय केंद्र पर नियंत्रण करने के कुछ दिनों बाद आई थी. इबादुल्ला सालेह ने एक टेक्स्ट संदेश में बताया कि तालिबानियों ने मेरे चाचा को मार डाला है. तालिबानियों ने उन्हें कल मार डाला और हमें वे शव को दफनाने भी नहीं देंगे. वे कहते रहे कि उसका शरीर सड़ना चाहिए.
तालिबान सूचना सेवा अलेमाराह के उर्दू भाषा अकांउट में कहा गया है कि रिपोर्टों के अनुसार, पंजशीर में लड़ाई के दौरान रोहुल्लाह अजीजी मारा गया था.
बता दें कि अगस्त महीने में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद नई सरकार का गठन भी कर लिया है, जिनमें कई आतंवादी चहरे भी शामिल है. जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार में करीब 14 ऐसे सदस्य हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकियों की ब्लैक लिस्ट में है. इनमें कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन और उनके दोनों प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
वहीं तालिबान के खिलाफ पिछले कई दिनों से पंजशीर प्रांत में अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह मोर्चा खोले हुए हैं. शुरुआती कुछ दिनों तक तालिबान और विद्रोही गुट के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद, तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने के लिए अभियान शुरू किया.
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पंजशीर अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का गढ़ है, जिसका नेतृत्व दिवंगत गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं. तालिबान ने उस समय भी पंजशीर घाटी पर कब्जा नहीं कर सका था, जब उसने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.
15 अगस्त को काबुल के पतन के बाद, तालिबान ने आरटीए (अफगानिस्तान में राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन की सुविधा) में काम करने वाली कई महिला प्रजेंटर को भी हटा दिया था