लखनऊ: योगी सरकार से राज्यमंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी और इस्तीफा देने की चल रही चर्चाओं के बीच ईटीवी भारत को एक पुख्ता जानकारी हाथ लगी. राजभवन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे राजभवन आए थे और इस्तीफे की कॉपी राजभवन देकर वापस हुए हैं. हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. इस बात की जानकारी सरकार और बीजेपी नेतृत्व को भी दे दी गई है. इस पूरे मामले में सरकार की तरफ से इसका खंडन किया गया है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि यह सब फर्जी अफवाह है, ऐसा कुछ नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ सरकार से नाराजगी और अफसरों द्वारा उन्हें उपेक्षित करने, विभाग के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से नाराजगी को लेकर राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के अन्य वरिष्ठ लोगों को एक नाराजगी भरा पत्र भेजा है. दिनेश खटीक ने बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व को भेजे पत्र में कहा है कि वे दलित समाज से आते हैं और अपने समाज की चिंता नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उन्हें सरकार में रहने का कोई हक नहीं है. अधिकारी भी उनकी बात नहीं सुनते हैं.
इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जल शक्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि दिनेश खटीक की नाराजगी की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही वह नाराज हैं. उन्होंने कहा कि उनकी तो उनसे से रोज बात होती रहती है. इस्तीफा देने जैसी भी कोई जानकारी मेरे पास नहीं है.
यही नहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस समय दिल्ली में हैं और 1 दिन पहले उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई. लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद भी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं और उनके ओएसडी को हटाया गया. विभाग में उनकी अनदेखी की बात सामने आ रही है. इसको लेकर भी दिनेश खटीक नाराज बताए जा रहे हैं. आज वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: योगी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक नाराज, आवास छोड़ने के साथ ही इस्तीफे की चर्चा
इसके अलावा भी पिछले दिनों स्वास्थ विभाग में गड़बड़ियों को लेकर ब्रजेश पाठक ने पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी. लोक निर्माण विभाग में एक तरफ जहां कार्रवाई कर दी गई, वहीं स्वास्थ विभाग में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके अलावा सरकार के कई अन्य मंत्रियों की भी नाराजगी सामने आ रही है. कुल मिलाकर पिछले कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम को लेकर योगी सरकार की काफी ज्यादा फजीहत हो रही है.
-
जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।
">जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले, ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है. कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप