फर्रुखाबादः जिले में सरकारी स्कूल की बदहाली की एक नई तस्वीर सामने आई है. राजेपुए ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गलारपुर में एक कमरे का स्कूल 159 बच्चों के लिए नाकाफी है. ऐसे में बच्चों को सड़क पर ही कड़ाके की ठंड में पढ़ाया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि वह इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. भूमि विवाद के चलते बच्चों को स्कूल की छत नहीं मिल पा रही है.
प्रधानाध्यापक यतींद्र खरे ने बताया कि विद्यालय़ में 159 बच्चे पंजीकृत हैं. प्राथमिक विद्यालय गलारपुर राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र में पड़ता है. यहां एक प्रधानाध्यापक और दो टीचर तैनात हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल में 5 क्लास रूम होने चाहिए लेकिन स्कूल में एक कमरा, एक शौचलाय और एक रसोईघर ही है. विद्यालय परिसर के बाहर एक खराब हैंडपंप लगा है. उन्होंने बताया कि बच्चों के पीने के पानी की व्यवस्था कुछ दूर पर ही कराई गई है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में जो एक कक्ष है उसमें विद्यालय़ की सामग्री जैसे स्टेशनरी, फर्नीचर आदि भरा है. इस वजह से कमरा भर गया है. मजबूरी में बच्चों को बाहर पढ़ाना पड़ रहा है.
प्रधानाध्यापक ने बताया कि उनकी तैनाती वर्ष 2021 में हुई थी.तब भी विद्यालय ऐसा ही बना हुआ था. उन्होंने इस संबंध में सूचना आलाअधिकारियों को दी थी. विद्यालय परिसर की बिल्डिंग 2018 में नीलाम हुई थी. उन्होंने बताया कि विद्यालय की बिल्डिंग का निर्माण सन् 1962 में हुआ था. उन्होंने बताया कि विद्यालय की भूमि को लेकर विवाद चल रहा है. इस वजह से बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो पा रहा है. मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में हैं. उन्होंने बताया कि मजबूरी में उन्हें बच्चों को बाहर पढ़ाना पड़ रहा है.
जमीन के विवाद के कारण बच्चों को नहीं मिल पा रही छत
विद्यालय परिसर में बड़ा मैदान है. यहां पर एक बाजार भी लगता है. विद्यालय परिसर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इसके चलते शिक्षक 2021 से स्कूल के बाहर बच्चों को सड़क पर पढ़ा रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह काफी चलताऊ सड़क है और फर्रुखाबाद बदायूं मार्ग से जुड़ती है. यह सड़क गांव को भी जोड़ती है. इस पर दिन भर वाहनों का आवागमन होता रहता है. खुले में बच्चों का स्कूल चलने का कारण अक्सर हादसे की आशंका बनी रहती है. वहीं, बीएसए गौतम प्रसाद का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है. इस पर भूमि का विवाद चल रहा है. पास के ही विद्यालय में बच्चों को शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में बीईओ से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है.
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